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देवभूमि के इस आश्रम से सुषमा का था गहरा लगाव, जानें क्या है खासियत - Uttarakhand News

परमार्थ निकेतन से सुषमा स्वराज का गहरा नाता रहा है. वे जब भी यहां आती थी तो गंगा आरती में जरुर हिस्सा लेती थी.

यादों में सुषमा स्वराज.
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Published : Aug 7, 2019, 8:19 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 9:19 PM IST

ऋषिकेश: बीजेपी की दिवंगत कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम से गहरा नाता था. सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचकर कई बार गंगा आरती में भी हिस्सा लिया था. सुषमा स्वराज के निधन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की है. इस दौरान उन्होंने उनके साथ बिताये कई अनमोल पलों को याद करते हुए साझा किया.

देवभूमि के इस आश्रम से सुषमा का था गहरा लगाव.

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने सुषमा स्वराज के साथ हुई पुरानी मुलाकातों का जिक्र करते हुये कहा कि वे जब भी उनसे मिले हमेशा ही कुछ नया और नवोदित करने की चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि उनसे हुई हर मुलाकात बहुत ही प्रभावी थी. उनका व्यक्तित्व, वक्तव्य और उनकी आत्मीयता अत्यंत प्रभावी थी. ऋषिकेश यात्रा का स्मरण करते हुये स्वामी ने कहा कि जब वे गंगा तट पर आयी उन्होंने हमेशा ही गंगा आरती में हिस्सा लिया. स्वामी चिदानन्द ने कहा जब भी सुषमा जी का उनसे मिलना होता था वो हमेशा ही गंगा के बारे में बात करती थी.

पढ़ें-जानलेवा हुआ पैसों का विवाद, दिव्यांग को बस से उतार कर मारी गोली

स्वामी चिदानन्द ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय में एनआरआई के लिये एक सदस्य के रूप में कमेटी गठित की थी. जिसके लिए उन्होंने मुझसे प्रार्थना कि थी कि मैं भी उस बैठक में हिस्सा लूं. शौचालय के बारे में बताते हुए स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सुषमा स्वराज ने कहा था कि देश में शौचालयों की बहुत जरुरत है. उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तता के बाद भी वे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखती थी.

पढ़ें-सुषमा स्वराज के निधन पर उत्तराखंड में एक दिन का राजकीय शोक

स्वामी चिदानंद ने बताया कि सुषमा स्वराज कई बार परमार्थ निकेतन आईं थी और हर बार उन्होंने परमार्थ निकेतन आश्रम के गंगा घाट पर आयोजित होने वाली आरती में हिस्सा लिया था.

ऋषिकेश: बीजेपी की दिवंगत कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम से गहरा नाता था. सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचकर कई बार गंगा आरती में भी हिस्सा लिया था. सुषमा स्वराज के निधन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की है. इस दौरान उन्होंने उनके साथ बिताये कई अनमोल पलों को याद करते हुए साझा किया.

देवभूमि के इस आश्रम से सुषमा का था गहरा लगाव.

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने सुषमा स्वराज के साथ हुई पुरानी मुलाकातों का जिक्र करते हुये कहा कि वे जब भी उनसे मिले हमेशा ही कुछ नया और नवोदित करने की चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि उनसे हुई हर मुलाकात बहुत ही प्रभावी थी. उनका व्यक्तित्व, वक्तव्य और उनकी आत्मीयता अत्यंत प्रभावी थी. ऋषिकेश यात्रा का स्मरण करते हुये स्वामी ने कहा कि जब वे गंगा तट पर आयी उन्होंने हमेशा ही गंगा आरती में हिस्सा लिया. स्वामी चिदानन्द ने कहा जब भी सुषमा जी का उनसे मिलना होता था वो हमेशा ही गंगा के बारे में बात करती थी.

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स्वामी चिदानन्द ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय में एनआरआई के लिये एक सदस्य के रूप में कमेटी गठित की थी. जिसके लिए उन्होंने मुझसे प्रार्थना कि थी कि मैं भी उस बैठक में हिस्सा लूं. शौचालय के बारे में बताते हुए स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सुषमा स्वराज ने कहा था कि देश में शौचालयों की बहुत जरुरत है. उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तता के बाद भी वे छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखती थी.

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स्वामी चिदानंद ने बताया कि सुषमा स्वराज कई बार परमार्थ निकेतन आईं थी और हर बार उन्होंने परमार्थ निकेतन आश्रम के गंगा घाट पर आयोजित होने वाली आरती में हिस्सा लिया था.

Intro:ऋषिकेश-- कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम से गहरा नाता था सुषमा स्वराज इस आश्रम पंहुचकर कई बार गंगा आरती भी की थी,उनके निधन पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की और उनके साथ बिताये कई अनमोल क्षणों को याद किया। परमार्थ निकेतन में आज विश्व के कई देशों से आये लोगों के बीच गंगा की आरती सुषमा को समर्पित की। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ओर विश्व के अनेक देशों से आये लोगों ने दो मिनट मौन रखकर सुषमा स्वराज को भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित की और माँ गंगा से प्रार्थना की कि वे पूनः भारत में जन्म लेकर भारत की सेवा और रक्षा करे।


Body:वी/ओ-- परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने सुषमा स्वराज के साथ हुई पुरानी मुलाकातों का जिक्र करते हुये कहा कि हम जब भी मिले कुछ नये और नवोदित करने की ही चर्चा हुई। उनसे हुई हर मुलाकात सचमुच बहुत प्रभावी थी और हृदय को आकर्षित करती थी। उनका व्यक्तित्व, वक्तव्य और उनकी आत्मीयता अत्यंत प्रभावी थी। वे भारत की कद्दावर नेता थी, उनका आन्तरिक कद आसमान को छू लेने वाला था। उनकी राष्ट्र निष्ठा गंगा के समान पवित्र और पावन थी। देश के प्रति जो उनकी समझ थी उसकी गहरायी सागर जैसी थी। सुषमा स्वराज की परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश यात्रा का स्मरण करते हुये स्वामी ने कहा कि जब वे गंगा तट पर आयी, गंगा आरती में   सहभाग किया और उस दिन उन्होने चुनरी महोत्सव में भी भाग लिया था। उन्होने परमार्थ गंगा तट के अनुभव को व्यक्त करते हुये कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन और शानदार दिन है, इस दिन की यादे हमेशा मेरे लिये शान्ति प्रदान करने वाली होंगी। स्वामी जी ने कहा कि उसके बाद जब भी वे उनसे मिलना होता तो गंगा आरती के बारे  में   अवश्य बात करती थीं और कहती थीं कि मैं जब भी समय मिलेगा गंगा आरती में सहभाग करने जरूर आऊँगी, मेरे मन में गंगा जी के दर्शन की हमेशा आस रहती है।



स्वामी चिदानन्द ने कहा की उन्होंने मुझसे शौचालय निर्माण के विषय में भी चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय में एनआरआई के लिये एक सदस्य के रूप में कमेटी गठित की गयी थी उसमें उन्होने मुझसे भी प्रार्थना कि थी कि मैं भी उस बैठक में सहभाग कंरू और अपना मार्गदर्शन दूँ। एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि शौचालयों की देश में बहुत जरूरत है, कुछ शौचालय बनायें जाने चाहिये और उन्होने कहा कि शौचालय का एक बड़ा यूनिट जो कि कई शौचालयों का होगा लगभग पांच लाख रूपये तक का बनेगा तो मैने कहा कि लगभग दस यूनिट के लिये हम प्रयास करेंगे। उसके लिये राशि सरकार को भेंट की गयी, शौचालयों के यूनिट बनें। एक बार मिलने पर वे बोली कि अब शौचालय यूनिट का उद्घाटन भी करना है। इतनी व्यस्तता के बाद भी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना ही उनकी ही विशेषता थी। लोगों को शौचालय मिले यह उनके लिये देवालय के बराबर था।




Conclusion:वी/ओ-- स्वामी चिदानंद ने बताया कि सुषमा स्वराज एक नहीं बल्कि कई बार परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने हर बार परमार्थ निकेतन आश्रम के गंगा घाट पर आयोजित होने वाली आरती में हिस्सा लिया था।

बाईट--स्वामी चिदानन्द(परमाध्यक्ष,परमार्थ निकेतन)
Last Updated : Aug 7, 2019, 9:19 PM IST
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