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कूड़े पर कोहराम, गंगा में समाधि लेने पहुंचे युवकों को पुलिस ने बचाया - पुलिस बल

ऋषिकेश में महीनों से फैले कूड़े के ढेर को निगम की ओर से न हटाने पर युवकों ने आत्मघाती कदम उठाया है. गंगा में समाधि ले रहे एक युवक को पुलिस ने डूबने से बचाया.

शहर में कूड़े के ढेर से नहीं मिल रहा लोगों को निजात.
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Published : Sep 18, 2019, 5:20 PM IST

ऋषिकेश: शहर में कई दिनों से कूड़े के मैदान को हटाने के लिए आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन जारी है. इस मामले पर सरकार की ओर से ध्यान न देने पर बुधवार को आंदोलन कर रहे युवकों ने आत्मघाती कदम उठाया. इस दौरान उन्होंने शहर के त्रिवेणी घाट पंहुचकर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की.

शहर में कूड़े के ढेर से नहीं मिल रहा लोगों को निजात.

दरअसल, शहर में जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर से लोगों को बीमारियों से झूझना पड़ रहा है. जिसको हटाने के लिए करीब 58 दिनों से आंदोलन जारी है. इस मामले पर आंदोलन ने अब एक भयानक रूप ले लिया है. कूड़े के मैदान का सफाया करने की मांग पर आंदोलनकारियों के त्रिवेणी घाट पर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत किया. भारी पुलिस बल ने कड़ी मशक्कत के बाद युवकों को गंगा में डूबने से बचाया, हालांकि इस दौरान एक युवा गंगा में कूद चुका था.

यह भी पढ़ें: नशे की हालत में लापता हुआ युवक, लोगों ने जताई नाले में गिरने की आशंका

इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर विधानसभा अध्यक्ष व निगम के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. वहीं, तीर्थनगरी ऋषिकेश में शहर के बीचों बीच जमा कूड़े के ढेर को लेकर 'जागृति एक प्रयास' के बैनर तले 58 दिनों से युवा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. महीनों बीत जाने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठता नहीं दिखा.

यह भी पढ़ें: डेंगू से मुकाबला करेगी पुलिस की 100 टीमें, कुछ ऐसा है प्लान

इस मुद्दे पर युवकों के आत्मघाती कदम उठाने पर पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज किया और न्यायालय के समक्ष पेश किया है. बता दें कि आंदोलनकारी अरविंद हटवाल का कहना है कि प्रशासन की ओर से सुनवाई न होने पर यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ कोई भी घटना घटित होने पर इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की मानी जाएगी.

ऋषिकेश: शहर में कई दिनों से कूड़े के मैदान को हटाने के लिए आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन जारी है. इस मामले पर सरकार की ओर से ध्यान न देने पर बुधवार को आंदोलन कर रहे युवकों ने आत्मघाती कदम उठाया. इस दौरान उन्होंने शहर के त्रिवेणी घाट पंहुचकर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की.

शहर में कूड़े के ढेर से नहीं मिल रहा लोगों को निजात.

दरअसल, शहर में जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर से लोगों को बीमारियों से झूझना पड़ रहा है. जिसको हटाने के लिए करीब 58 दिनों से आंदोलन जारी है. इस मामले पर आंदोलन ने अब एक भयानक रूप ले लिया है. कूड़े के मैदान का सफाया करने की मांग पर आंदोलनकारियों के त्रिवेणी घाट पर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत किया. भारी पुलिस बल ने कड़ी मशक्कत के बाद युवकों को गंगा में डूबने से बचाया, हालांकि इस दौरान एक युवा गंगा में कूद चुका था.

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इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर विधानसभा अध्यक्ष व निगम के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. वहीं, तीर्थनगरी ऋषिकेश में शहर के बीचों बीच जमा कूड़े के ढेर को लेकर 'जागृति एक प्रयास' के बैनर तले 58 दिनों से युवा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. महीनों बीत जाने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठता नहीं दिखा.

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इस मुद्दे पर युवकों के आत्मघाती कदम उठाने पर पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज किया और न्यायालय के समक्ष पेश किया है. बता दें कि आंदोलनकारी अरविंद हटवाल का कहना है कि प्रशासन की ओर से सुनवाई न होने पर यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ कोई भी घटना घटित होने पर इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की मानी जाएगी.

Intro:ऋषिकेश--शहर के बीच कई एकड़ में फैले कूड़े के मैदान को हटाने को लेकर 58 दिन से आन्दोलन कर रहे युवाओं ने आज आत्मघाती कदम उठाते हुए त्रिवेणी घाट पंहुचकर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की हालांकि मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने कड़े मशक्कत के बाद युवाओं को गंगा में डूबने से रोका ,हालांकि इस दौरान एक आंदोलनकारी गंगा में कूद चुका था,आंदोलनकारियों ने इस युवाओं विधानसभा अध्यक्ष व निगम के खिलाफ़ भी लगाए मुर्दाबाद के नारे लगाये।





Body:वी/ओ--तीर्थनगरी ऋषिकेश में शहर के बीचों बीच कूड़े के ढेर को लेकर जागृति एक प्रयास के बैनर तले 58 दिन से युवा धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन उनकी सुध लेने कोई भी जनप्रतिनिधि व प्रशासन के आला अधिकारी नहीं आए जिस कारण आंदोलनकारियों ने आत्मघाती कदम उठाया जिसमें त्रिवेणी घाट गंगा में जल समाधि लेने पंहुचे, पुलिस को मिली पूर्व सूचना के अनुसार त्रिवेणी घाट पर भारी पुलिस बल ने युवाओं को गंगा में जाने से रोका,तभी एक युवक मौका देखते ही गंगा में कूदा उसको जल पुलिस के जवान ने कड़ी मशक्कत कर बचाया,आत्मघाती कदम उठाने वाले युवाओं को पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज किया व माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया।


Conclusion:वी/ओ--आंदोलनकारी अरविंद हटवाल ने बताया कि जब शासन प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली न ही कोई आश्वासन दिया तो हमें यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ रहा है,उन्होंने कहा कि अगर कोई भी घटना घटित होती है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की है।वही आंदोलनकारी राम कुमार संगर ने बताया कि 58 दिन धरना प्रदर्शन करने के बाद भी हमारी ना ही किसी जनप्रतिनिधि ना ही प्रशासन ने कोई खबर ली ना ही आश्वासन दिया । जिसके बाद हमें आत्मघाती कदम उठाना पड़ा । यहां तक कि ना ही विधायक विधानसभा अध्यक्ष ना ही नगर निगम मेयर । जिससे मजबूर होकर उठाया ।

बाईट--अरविंद हटवाल(आंदोलनकारी)
बाईट--राम कुमार संगर(आंदोलनकारी)
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