ऋषिकेश: शहर में कई दिनों से कूड़े के मैदान को हटाने के लिए आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन जारी है. इस मामले पर सरकार की ओर से ध्यान न देने पर बुधवार को आंदोलन कर रहे युवकों ने आत्मघाती कदम उठाया. इस दौरान उन्होंने शहर के त्रिवेणी घाट पंहुचकर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की.
दरअसल, शहर में जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर से लोगों को बीमारियों से झूझना पड़ रहा है. जिसको हटाने के लिए करीब 58 दिनों से आंदोलन जारी है. इस मामले पर आंदोलन ने अब एक भयानक रूप ले लिया है. कूड़े के मैदान का सफाया करने की मांग पर आंदोलनकारियों के त्रिवेणी घाट पर गंगा में जल समाधि लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत किया. भारी पुलिस बल ने कड़ी मशक्कत के बाद युवकों को गंगा में डूबने से बचाया, हालांकि इस दौरान एक युवा गंगा में कूद चुका था.
यह भी पढ़ें: नशे की हालत में लापता हुआ युवक, लोगों ने जताई नाले में गिरने की आशंका
इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर विधानसभा अध्यक्ष व निगम के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. वहीं, तीर्थनगरी ऋषिकेश में शहर के बीचों बीच जमा कूड़े के ढेर को लेकर 'जागृति एक प्रयास' के बैनर तले 58 दिनों से युवा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. महीनों बीत जाने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठता नहीं दिखा.
यह भी पढ़ें: डेंगू से मुकाबला करेगी पुलिस की 100 टीमें, कुछ ऐसा है प्लान
इस मुद्दे पर युवकों के आत्मघाती कदम उठाने पर पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज किया और न्यायालय के समक्ष पेश किया है. बता दें कि आंदोलनकारी अरविंद हटवाल का कहना है कि प्रशासन की ओर से सुनवाई न होने पर यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ कोई भी घटना घटित होने पर इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की मानी जाएगी.