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चंद्रभागा बस्ती के लोग नहीं दिखा पाए दस्तावेज, निगम ने दिए खाली करने के आदेश

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Published : Aug 10, 2019, 12:16 PM IST

24 जुलाई को हुई सुनवाई में चंद्रभागा बस्ती में रह रहे लोग अपना पक्ष नहीं रख पाए थे. जिसके कारण NGT ने चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश जारी किए.

NGT ने दिया चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश

ऋषिकेश: 24 जुलाई को चंद्रभागा बस्ती में अवैध रूप से रह रहे 261 लोगों की सुनवाई हुई थी. जिसमें कोई भी अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया और न ही किसी के पास मलमिना अधिकार के दस्तावेज थे. ऐसे में नगर निगम ने 8 अगस्त को चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक बस्ती में रहने वालों को 1 माह का समय दिया गया है.

बता दें कि, चंद्रभागा नदी के किनारे बनी अवैध बस्ती की शिकायत एक व्यक्ति ने एनजीटी से की थी. जिसके बाद 11 जुलाई को चंद्रभागा बस्ती में रह रहे लोगों की सुनवाई हुई थी. निगम ने बस्ती में रह रहे 261 लोगों की सुनवाई की थी, जिनमें से किसी के भी पास मलमिना अधिकार के दस्तावेज नहीं पाए गए. जिसके चलते शुक्रवार को नगर निगम ने बस्ती की सभी झोपड़ियों पर बेदखली का नोटिस जारी कर जल्द से जल्द बस्ती खाली करने के आदेश दिए.

NGT ने दिया चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश.

इस मामले को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान का कहना है कि एनजीटी ने नगर निगम को अवैध बस्ती में रह रहे लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय देने को कहा था. लेकिन कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया. जिसके कारण एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए बस्ती को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही बस्ती को हटाने को लेकर रिपोर्ट एनजीटी को भी भेज दी गई है.

ऋषिकेश: 24 जुलाई को चंद्रभागा बस्ती में अवैध रूप से रह रहे 261 लोगों की सुनवाई हुई थी. जिसमें कोई भी अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया और न ही किसी के पास मलमिना अधिकार के दस्तावेज थे. ऐसे में नगर निगम ने 8 अगस्त को चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक बस्ती में रहने वालों को 1 माह का समय दिया गया है.

बता दें कि, चंद्रभागा नदी के किनारे बनी अवैध बस्ती की शिकायत एक व्यक्ति ने एनजीटी से की थी. जिसके बाद 11 जुलाई को चंद्रभागा बस्ती में रह रहे लोगों की सुनवाई हुई थी. निगम ने बस्ती में रह रहे 261 लोगों की सुनवाई की थी, जिनमें से किसी के भी पास मलमिना अधिकार के दस्तावेज नहीं पाए गए. जिसके चलते शुक्रवार को नगर निगम ने बस्ती की सभी झोपड़ियों पर बेदखली का नोटिस जारी कर जल्द से जल्द बस्ती खाली करने के आदेश दिए.

NGT ने दिया चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने का आदेश.

इस मामले को लेकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान का कहना है कि एनजीटी ने नगर निगम को अवैध बस्ती में रह रहे लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय देने को कहा था. लेकिन कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया. जिसके कारण एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए बस्ती को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही बस्ती को हटाने को लेकर रिपोर्ट एनजीटी को भी भेज दी गई है.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश के चंद्रभागा नदी के किनारे बनी अवैध बस्ती की शिकायत एनजीटी से किए जाने के बाद एनजीटी ने 11 जुलाई को नगर निगम को चंद्रभागा बस्ती में बसे लोगों की सुनवाई करने के बाद 24 जुलाई को इसकी रिपोर्ट मांगी थी जिसके बाद निगम ने बस्ती में बसे 261 लोगों की सुनवाई की थी जिसमे कोई भी अपने मलमिना अधिकार के दस्तावेज दिखाने में असमर्थ थे,यही कारण है कि अब नगर निगम ने बस्ती के सभी झोपड़ियों पर बेदखली के नोटिस चस्पा कर दिए हैं जिसमे सभी की 1 माह का समय दिया गया है।


Body:वी/ओ--मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने बताया कि एक व्यक्ति के द्वारा चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने के लिए एनजीटी से शिकायत की गई थी जिसके बाद एनजीटी द्वारा नगर निगम को 11 जुलाई को एक पत्र जारी किया गया जिसमें 24 जुलाई तक चंद्रभागा नदी के किनारे बसे सभी लोगों की सुनवाई करने के बाद रिपोर्ट प्रेषित करनी थी जिसके बाद नगर निगम ने चंद्रभागा बस्ती में रहने वालों की सूची बनाकर सभी को नोटिस जारी किया जिसमें 24 जुलाई को नगर निगम के समक्ष अपने दस्तावेज दिखाने के लिए समय निर्धारित किया था,लेकिन कोई भी कब्जेधारी अपने दस्तावेज नही दिखा सका,24 जुलाई को 261 लोगों की सुनवाई के बाद नगर निगम ने 8 अगस्त को चन्द्रभागा बस्ती को खाली करने के आदेश जारी किया जिसमें 1 माह समय बस्ती में रहने वालों को दिया गया है,नगर निगम के द्वारा आज सुबह चन्द्रभागा बस्ती में बसी झोपड़ियों पर बेदख़ली का नोटिस चस्पा कर दिया गया है।


Conclusion:वी/ओ-- मुख्य नगर आयुक्त ने कहा कि एनजीटी के द्वारा चंद्रभागा नदी में बसी अवैध बस्ती को हटाने को लेकर नगर निगम के द्वारा बस्ती में बसे लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया था लेकिन कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख सका यही कारण है कि अब एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए बस्ती को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं वहीं उन्होंने कहा कि बस्ती को हटाने को लेकर रिपोर्ट एनजीटी को भी भेज दी गई है।

बाईट--चतर सिंह चौहान(मुख्य नगर आयुक्त, ऋषिकेश)
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