ऋषिकेश: रानीपोखरी और रायवाला गांवों में कानून को ताक पर रखकर भू-माफिया खेतों और बगीचों को उजाड़कर प्लॉटिंग करने का काम कर रहे हैं. जिस जमीन पर कभी हरी फसलें लहलहाती थीं. आज उसकी जगह ऊंची-ऊंची इमारतों ने ले ली है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि भू-माफिया और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कृषि भूमि नष्ट होने की कगार पर है. लोग उपजाऊ जमीन पर धड़ल्ले से भवनों का निर्माण कर रहे हैं.
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि रानीपोखरी और रायवाला में बगीचों को उजाड़कर उनमें प्लाटिंग की जा रही है. साथ ही सैकड़ों बीघा कृषि भूमि पर भवनों के निर्माण की तैयारी चर रही है. लोगों का आरोप है भू-माफिया और प्रशासन के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के चलते खेतों और बगीचों को उजाड़ा जा रहा है.
ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार कृषि भूमि और बगीचों को नष्ट करने से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. किसान सरकार की बेरुखी से परेशान हैं. जिससे किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है. लोगों को आरोप है कि अगर कृषि भूमि ऐसे ही खुर्द-बुर्द होती रही तो इससे महंगाई और बढ़ जायेगी. सरकार को इसके लिए कड़े कानून बना कर कार्रवाई करनी चाहिए. जिससे कृषि भूमि और बाग बगीचों को बचाया जा सके.
ऋषिकेश उपजिलाधिकारी प्रेम लाल का कहना है कि अवैध निजी प्लॉटिंग के बारे में उनको पता चलेगा तो वे उस पर कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में रेरा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है. वहीं. अवैध निर्माण को लेकर SADA अपनी कार्रवाई करता है. उन्होंने यह बात भी कहा कि अगर कोई भूमि का मालिक अपनी जमीन को खरीद और बेचता है तो उसको रोक नहीं सकते.