ऋषिकेश: त्योहारों के सीजन में जहरखुरानी गिरोह और भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है. ये गिरोह भोले-भाले लोगों को खाने की चीजों में नशीले पदार्थ खिलाकर अपना शिकार बना लेता है. ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में हर साल 25 से 30 लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार होने बाद भर्ती किये जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह पर अंकुश लगाने में न तो प्रशासन कामयाब रहा है और न ही परिवहन विभाग. नतीजा साल दर साल इस गिरोह की सक्रियता बढ़ती जा रही है.
अक्सर उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर करने वाले लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार हो जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह का कोई भी शख्स आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह कितना शातिर है. यह गिरोह अक्सर उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है जो भोले-भाले होते हैं. इस गिरोह के लोग बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं और मौका देखते ही उनकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं.
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ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस ने बताया की यहां हर दिन एक ऐसा व्यक्ति भर्ती कराया जाता है जो जहरखुरानी गिरोह का शिकार होता है. उन्होंने बताया की अगर सही समय पर इन लोगों को उपचार नहीं मिलता है तो इन लोगों की जान जाने की भी आशंका भी रहती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह के लोग पहाड़ के भोले-भाले और मासूम लोगों को अपना शिकार बना कर उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं.
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लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह की लगातार बढ़ती सक्रियता को लेकर कदम उठाये जाने जरुरी हैं. लोगों ने पुलिस-प्रशासन और परिवहन विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब तक ये लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तब तक इस गिरोह पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए.
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जहरखुरानी गिरोह को लेकर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि खतौली या मुजफ्फरनगर के आसपास दिल्ली से आने वाले यात्री इस गिरोह का शिकार होते हैं. अब इसे लेकर पुलिस वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर ऐसी वारदातों पर रोक लगाने की कोशिश करेगी. वहीं इस मामले में रोडवेज के एआरएम का कहना है कि परिवहन विभाग समय-समय पर इस बारे में सभी को जागरूक करता रहता है. साथ ही सभी बस चालकों और परिचालकों को भी इसके लिए निर्देशित किया गया है.