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सावधान! जान का दुश्मन बन रहा है जहरखुरानी गिरोह, हर साल बढ़ते जा रहे मामले - Zaharkhurani Gang operating in Roadways buses

अक्सर उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर करने वाले लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार हो जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह का कोई भी शख्स आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह कितना शातिर है.

जान का दुश्मन बन रहा है जहरखुरानी गिरोह.
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Published : Oct 25, 2019, 4:35 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 8:58 PM IST

ऋषिकेश: त्योहारों के सीजन में जहरखुरानी गिरोह और भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है. ये गिरोह भोले-भाले लोगों को खाने की चीजों में नशीले पदार्थ खिलाकर अपना शिकार बना लेता है. ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में हर साल 25 से 30 लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार होने बाद भर्ती किये जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह पर अंकुश लगाने में न तो प्रशासन कामयाब रहा है और न ही परिवहन विभाग. नतीजा साल दर साल इस गिरोह की सक्रियता बढ़ती जा रही है.

जान का दुश्मन बन रहा है जहरखुरानी गिरोह.

अक्सर उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर करने वाले लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार हो जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह का कोई भी शख्स आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह कितना शातिर है. यह गिरोह अक्सर उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है जो भोले-भाले होते हैं. इस गिरोह के लोग बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं और मौका देखते ही उनकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं.

पढ़ें-भाजपा ने कही निर्दलीयों का समर्थन लेने की बात, कांग्रेस ने लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप

ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस ने बताया की यहां हर दिन एक ऐसा व्यक्ति भर्ती कराया जाता है जो जहरखुरानी गिरोह का शिकार होता है. उन्होंने बताया की अगर सही समय पर इन लोगों को उपचार नहीं मिलता है तो इन लोगों की जान जाने की भी आशंका भी रहती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह के लोग पहाड़ के भोले-भाले और मासूम लोगों को अपना शिकार बना कर उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं.

पढ़ें-मसूरी बंद के मुद्दे पर पालिका और प्रशासन के बीच तनातनी

लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह की लगातार बढ़ती सक्रियता को लेकर कदम उठाये जाने जरुरी हैं. लोगों ने पुलिस-प्रशासन और परिवहन विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब तक ये लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तब तक इस गिरोह पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए.

पढ़ें-शिक्षकों के पद भरने के लिए छात्र-छात्राओं ने की तालाबंदी, आमरण अनशन की दी चेतावनी
जहरखुरानी गिरोह को लेकर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि खतौली या मुजफ्फरनगर के आसपास दिल्ली से आने वाले यात्री इस गिरोह का शिकार होते हैं. अब इसे लेकर पुलिस वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर ऐसी वारदातों पर रोक लगाने की कोशिश करेगी. वहीं इस मामले में रोडवेज के एआरएम का कहना है कि परिवहन विभाग समय-समय पर इस बारे में सभी को जागरूक करता रहता है. साथ ही सभी बस चालकों और परिचालकों को भी इसके लिए निर्देशित किया गया है.

ऋषिकेश: त्योहारों के सीजन में जहरखुरानी गिरोह और भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है. ये गिरोह भोले-भाले लोगों को खाने की चीजों में नशीले पदार्थ खिलाकर अपना शिकार बना लेता है. ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में हर साल 25 से 30 लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार होने बाद भर्ती किये जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह पर अंकुश लगाने में न तो प्रशासन कामयाब रहा है और न ही परिवहन विभाग. नतीजा साल दर साल इस गिरोह की सक्रियता बढ़ती जा रही है.

जान का दुश्मन बन रहा है जहरखुरानी गिरोह.

अक्सर उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर करने वाले लोग जहरखुरानी गिरोह का शिकार हो जाते हैं. कई सालों से सक्रिय जहरखुरानी गिरोह का कोई भी शख्स आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह कितना शातिर है. यह गिरोह अक्सर उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाता है जो भोले-भाले होते हैं. इस गिरोह के लोग बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं और मौका देखते ही उनकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं.

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ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस ने बताया की यहां हर दिन एक ऐसा व्यक्ति भर्ती कराया जाता है जो जहरखुरानी गिरोह का शिकार होता है. उन्होंने बताया की अगर सही समय पर इन लोगों को उपचार नहीं मिलता है तो इन लोगों की जान जाने की भी आशंका भी रहती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह के लोग पहाड़ के भोले-भाले और मासूम लोगों को अपना शिकार बना कर उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं.

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लोगों का कहना है कि जहरखुरानी गिरोह की लगातार बढ़ती सक्रियता को लेकर कदम उठाये जाने जरुरी हैं. लोगों ने पुलिस-प्रशासन और परिवहन विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब तक ये लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तब तक इस गिरोह पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए.

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जहरखुरानी गिरोह को लेकर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि खतौली या मुजफ्फरनगर के आसपास दिल्ली से आने वाले यात्री इस गिरोह का शिकार होते हैं. अब इसे लेकर पुलिस वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर ऐसी वारदातों पर रोक लगाने की कोशिश करेगी. वहीं इस मामले में रोडवेज के एआरएम का कहना है कि परिवहन विभाग समय-समय पर इस बारे में सभी को जागरूक करता रहता है. साथ ही सभी बस चालकों और परिचालकों को भी इसके लिए निर्देशित किया गया है.

Intro:Special

ऋषिकेश-- त्योहारों के सीजन में जहर खुरानी गिरोह सक्रिय हो जाता है और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना लेता है ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में प्रतिवर्ष 25 से 30 लोग जहरखुरानी का शिकार होने बाद भर्ती किये जा रहे है, बस से यात्रा कर पहाड़ों पर रहने वाले भोले भाले लोगों को अपना आसान शिकार बनाता है जहरखुरानी गिरोह यह गिरोह पिछले कई वर्षों से सक्रिय हैं लेकिन अभी तक ना तो पुलिस प्रशासन और न ही परिवहन विभाग इन पर अंकुस लगाने में कामयाब हो पाया है।


Body:वी/ओ--उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले भोले भाले लोग बाहर शहरों से अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए महानगरों में मेहनत मजदूरी करके पैसा कमाते हैं और जब वे अपने खून पसीने की कमाई करके घर वापस लौटते हैं तब कई लोग अपने घर के बजाय अस्पताल में अपनी आँख खोलते हैं वे लोग जब होश में आते हैं तो उनके पास ना तो पैसा होता है ना ही घर जाने तक का किराया यह सब करता है जहरखुरानी गिरोह जो गिरोह पिछले कई वर्षों से सक्रिय है लेकिन आज तक इस गिरोह का कोई भी सख्स पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है की यह गिरोह कितना शातिर है यह गिरोह अक्सर उन्ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जो पहाड़ के भोले भाले होते हैं और इनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आकर फस जाते हैं ऋषिकेश राजकीय चिकत्सालय के सीएमएस ने बताया की प्रतिदिन एक व्यक्ति जहरखुरानी का यहाँ भर्ती करवाया जाया है उन्होंने बताया की अगर सही समय पर इनको उपचार नहीं मिला तो लोगों की जान भी जा सकती है, स्थानीय लोगों का कहना है की पहाड़ के लोग महानगरों से पैसे कमाकर वापस लौटते हैं वे लोग जहाखुरानी का शिकार हो जाते हैं उनका कहना है की इसपर ना तो पुलिस प्रशासन और ना ही परिवहन विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है अब लोगों की मांग है की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं रुक सकें।


वी/ओ--जहरखुरानी गिरोह को लेकर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है की इसको रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं उन्होंने कहा कि अमूमन खतौली या मुजफ्फरनगर के आसपास दिल्ली से आने वाली यात्री इनका शिकार होते हैं अब इसको लेकर पुलिस उन स्थानों के पुलिस से संपर्क कर ऐसे वारदातों पर रोक लगाने के लिए बात करेगी, रोडवेज के एआरएम का कहना है की परिवहन विभाग के द्वारा समय समय पर सभी को जागरूक किया जाता है सभी बसों में लिखा गया है की किसी भी अनजान व्यक्ति के हाथ से कुछ भी ना खाएं उन्होंने यह भी कहा की बस के चालक और परिचालक को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह सभी यात्रियों को इसको लेकर जागरूक करें कि अनजान व्यक्ति के हाथों से कुछ भी ना खाएं बस चलने से पहले परिचालक इसको लेकर सभी को सूचित करें इस तरह के खास निर्देश भी दिए गए हैं।


Conclusion:वी/ओ--पहाड़ के भोले भाले लोग जो अपनी बेटी की शादी के लिए और बच्चों की फीस के लिए पैसे जमा करके अपने घर वापस लौटते है लेकिन वो घर ना पंहुचकर अस्पताल पंहुच जाते है ऋषिकेश में प्रतिदिन ऐसी घटनाएं सामने आरही है लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के बजाय पुलिस और परिवाह विभाग दोनों ही अपना पल्ला झाड़ते नजर आरहे हैं अब ऐसे में इनपर रोक कैसे लगेगी यह सबसे बड़ा सवाल है।

बाईट--सुरेश कोठियाल (चिकित्सक राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश)

बाईट--पी के भारती(एआरएम,परिवहन निगम ऋषिकेश)

बाईट--वीरेंद्र सिंह रावत(पुलिस क्षेत्राधिकारी,ऋषिकेश)

पीटीसी--विनय पाण्डेय
Last Updated : Oct 25, 2019, 8:58 PM IST
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