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ऋषिकेश: HC के आदेश पर सीमांकन करने पंहुचा पशुपालन विभाग, झेलना पड़ा विरोध - ऋषिकेश समाचार

एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने पशुपालन विभाग को अपनी भूमि खाली करवा कर अपने कब्जे में लेने के आदेश दिए थे. सर्वे के बाद पुनर्वास के पास 4.692 एकड़ भूमि उनके कब्जे में पाई गई है.

सीमांकन करने पंहुचे पशुपालन विभाग को करना पड़ा विरोध का सामना.
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Published : Oct 9, 2019, 7:38 PM IST

ऋषिकेश: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ऋषिकेश-टिहरी विस्थापित वीवीआइपी क्षेत्र में पशुपालन विभाग के कब्जा मांगने पर अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा. पशुपालन की भूमि पर सीमांकन के अंतर्गत बहुमंजिला इमारत आने पर किनारे से खुदाई कर खाना पूर्ति कर दिया गया. बता दें कि रमेश जायसवाल की ओर से उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें पशुपालन विभाग की कई एकड़ भूमि विभागों द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा करवाने की शिकायत की गई.

इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए पशुपालन विभाग को सभी विभागों के द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में लेने के आदेश जारी किए थे. इस आदेश के बाद पशुपालन विभाग ने कुछ विभागों से अपनी भूमि खाली करवाते हुए भूमि पर कब्जा ले लिया. वहीं, अभी भी पुनर्वास विभाग से अपनी भूमि खाली नहीं करवा सका है. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पशुपालन विभाग ने भूमि चिह्नित कर 4.69 एकड़ भूमि का सीमांकन करते हुए बुधवार को बाउंड्री वॉल करने के लिए पहुंची तो बिल्डरों ने अधिकारियों का विरोध किया.

सीमांकन करने पंहुचे पशुपालन विभाग.

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जिसके बाद अधिकारियों ने सरकारी भूमि पर आ रहे भवनों को नजरअंदाज करते हुए उनके किनारे से खाई करते हुए सीमांकन किया. वैसे तो पिछले काफी समय से पशुपालन विभाग के अधिकारी लगातार बिल्डरों को फायदा पहुंचाते नजर आ रहे हैं. उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश किया था. जिसमें पशुपालन विभाग अपनी भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में ले. जिसके बाद सर्वे करने पर पुनर्वास के पास 4.692 एकड़ भूमि उनके कब्जे में पाई गई.

यह भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय समेत तीन विधायकों की हो सकती है गिरफ्तारी, 7 सब इंस्पेक्टर की टीम गठित

वहीं, उन्होंने कहा कि इस मामले में पुनर्वास विभाग की बड़ी लापरवाही है. उन्होंने बिना किसी नक्शे के ही टिहरी विस्थापितों को यह भूमि आवंटित किया था. पुनर्वास विभाग के परियोजना निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि पुनर्वास विभाग अपनी भूमि को चिह्नित कर बाउंड्री किया है. हालांकि, इस प्रक्रिया में कोई भी निर्माणाधीन भवन नहीं आ रहा है. जबकि, जेसीबी से खुदी जमीन के ठीक सामने निर्माणाधीन भवन आ रहा है और विभाग उसको लगातार बचाने की कोशिश कर रहा है.

ऋषिकेश: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ऋषिकेश-टिहरी विस्थापित वीवीआइपी क्षेत्र में पशुपालन विभाग के कब्जा मांगने पर अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा. पशुपालन की भूमि पर सीमांकन के अंतर्गत बहुमंजिला इमारत आने पर किनारे से खुदाई कर खाना पूर्ति कर दिया गया. बता दें कि रमेश जायसवाल की ओर से उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें पशुपालन विभाग की कई एकड़ भूमि विभागों द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा करवाने की शिकायत की गई.

इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए पशुपालन विभाग को सभी विभागों के द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में लेने के आदेश जारी किए थे. इस आदेश के बाद पशुपालन विभाग ने कुछ विभागों से अपनी भूमि खाली करवाते हुए भूमि पर कब्जा ले लिया. वहीं, अभी भी पुनर्वास विभाग से अपनी भूमि खाली नहीं करवा सका है. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पशुपालन विभाग ने भूमि चिह्नित कर 4.69 एकड़ भूमि का सीमांकन करते हुए बुधवार को बाउंड्री वॉल करने के लिए पहुंची तो बिल्डरों ने अधिकारियों का विरोध किया.

सीमांकन करने पंहुचे पशुपालन विभाग.

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जिसके बाद अधिकारियों ने सरकारी भूमि पर आ रहे भवनों को नजरअंदाज करते हुए उनके किनारे से खाई करते हुए सीमांकन किया. वैसे तो पिछले काफी समय से पशुपालन विभाग के अधिकारी लगातार बिल्डरों को फायदा पहुंचाते नजर आ रहे हैं. उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश किया था. जिसमें पशुपालन विभाग अपनी भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में ले. जिसके बाद सर्वे करने पर पुनर्वास के पास 4.692 एकड़ भूमि उनके कब्जे में पाई गई.

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वहीं, उन्होंने कहा कि इस मामले में पुनर्वास विभाग की बड़ी लापरवाही है. उन्होंने बिना किसी नक्शे के ही टिहरी विस्थापितों को यह भूमि आवंटित किया था. पुनर्वास विभाग के परियोजना निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि पुनर्वास विभाग अपनी भूमि को चिह्नित कर बाउंड्री किया है. हालांकि, इस प्रक्रिया में कोई भी निर्माणाधीन भवन नहीं आ रहा है. जबकि, जेसीबी से खुदी जमीन के ठीक सामने निर्माणाधीन भवन आ रहा है और विभाग उसको लगातार बचाने की कोशिश कर रहा है.

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Folder name--Pashupalan

ऋषिकेश--उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ऋषिकेश टिहरी विस्थापित वीवीआइपी क्षेत्र में पशुपालन विभाग के अधिकारी अपनी जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे तो वहां अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ा, पशुपालन की भूमि पर सीमांकन के अंतर्गत बहुमंजिला इमारत आने पर इमारत के किनारे से खुदाई कर खाना पूर्ति कर दी,पशुपालन विभाग के अधिकारी निर्माणाधीन बिल्डिंगों को दे रहे हैं निजी फायदा पंहुचा रहा है साथ ही पशुपालन विभाग न्यायालय को गुमराह कर रहा है।


Body:वी/ओ-- रमेश जायसवाल नाम के व्यक्ति के द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें पशुपालन विभाग की कई एकड़ भूमि कई विभागों के द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा करवाया गया है इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए पशुपालन विभाग को सभी विभागों के द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में लेने के आदेश जारी किए इस आदेश के बाद पशुपालन विभाग ने कुछ विभागों से अपनी भूमि खाली करवाते हुए भूमि पर कब्जा ले लिया है लेकिन अभी भी पुनर्वास विभाग से अपनी भूमि खाली नहीं करवा सका है हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पशुपालन विभाग ने भूमि चिन्हित कर 4.69 एकड़ भूमि का सीमांकन करते हुए आज बाउंड्री वॉल करने के लिए पहुंची लेकिन वहां पर बिल्डरों के द्वारा अधिकारियों का विरोध किया गया जिस विरोध के बाद अधिकारियों ने सरकारी भूमि पर आ रहे भवनों को नजरअंदाज करते हुए उनके किनारे से खाई खोदते हुए सीमांकन किया, पिछले काफी समय से पशुपालन विभाग के अधिकारी लगातार बिल्डरों को फायदा पहुंचाते नजर आ रहे हैं।


Conclusion:वी/ओ-- उप जिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश किया था की पशुपालन विभाग अपनी भूमि को खाली करवा कर अपने कब्जे में ले जिसके बाद सर्वे किए गए और सर्वे में पुनर्वास के द्वारा 4.692 एकड़ भूमि उनके कब्जे में पाई गई जिस पर कब्जा लेते हुए जेसीबी के द्वारा खाई खोद कर दीवार खड़ी की जाएगी वहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में पुनर्वास विभाग की बड़ी लापरवाही है उन्होंने बिना किसी नक्शे के ही टिहरी विस्थापितों को यह भूमि आवंटित की थी, वहीं पुनर्वास विभाग के परियोजना निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि पुनर्वास विभाग ने अपनी भूमि को चिन्हित कर बाउंड्री कर रहा है हालांकि इस प्रक्रिया में कोई भी निर्माणाधीन भवन नहीं आ रहा है जबकि जेसीबी के द्वारा खुदी खाई के ठीक सामने निर्माणाधीन भवन आ रहा है और विभाग उसको लगातार बचाने की कोशिश कर रहा है।

बाईट--प्रेमलाल(उपजिलाधिकारी,ऋषिकेश)
बाईट--आर के वर्मा(परियोजना निदेशक,पशुपालन विभाग)
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