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रामनगर फलपट्टी में आमों की बहार, बगीचों की डालियां फलों से लकदक

रामनगर की फलपट्टी में इन दिनों बगानों में आम की बहार देखने को मिल रही है. इस बार रामनगर फलपट्टी में आमों की रिकॉर्ड तोड़ पैदावार हुई है.

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आम की बंपर फसल.
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Published : Jun 24, 2020, 8:12 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 9:03 PM IST

रामनगर: इस बार आम का उत्पादन अच्छा हुआ है. आम के बागों में इस साल पिछले साल से अधिक उत्पादन हुआ है. वहीं नैनीताल के रामनगर में फलपट्टी क्षेत्र में इस बार आम के बगीचे फलों से गुलजार हैं. इस मौसम में बगीचों की डालियां फलों से लकदक हैं. वहीं कुछ खेतों में आम और अन्य फलों के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद से उनके तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

हिमालय के पायदान में बसे नैनीताल के रामनगर में करीब दो से ढाई हजार एकड़ जमीन पर आम के बाग हैं. जिनमें मुख्य रूप से लंगड़ा, चौसा और दशहरी आमों की पैदावार होती है. उद्यान विभाग के अधिकारी एएस परवाल का अनुमान है कि इस बार रामनगर में आम की पैदावार 15 से 20 हजार मीट्रिक टन तक हो सकती है.

आम के बागानों में बहार.

यह भी पढ़ें: पिथौरागढ़: वैली ब्रिज टूटने की होगी जांच, ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुई FIR

वहीं इस साल के मुताबिक बीते साल आम की फसल कमजोर पाई गई थी. वहीं इस बार आम के बागानों में बहार है. इस कार्य से जुड़े ठेकेदारों को बाजार मिलने की चिंता सता रही है, क्योंकि कोरोना काल में उचित दाम मिलने और तैयार फसल को बाजारों तक पहुंचाने में तमाम मुश्किलें सामने आ रही हैं. बहरहाल लोकल बाजार में तो आम का स्वाद सस्ते दामों पर नसीब होने की उम्मीद है.

रामनगर: इस बार आम का उत्पादन अच्छा हुआ है. आम के बागों में इस साल पिछले साल से अधिक उत्पादन हुआ है. वहीं नैनीताल के रामनगर में फलपट्टी क्षेत्र में इस बार आम के बगीचे फलों से गुलजार हैं. इस मौसम में बगीचों की डालियां फलों से लकदक हैं. वहीं कुछ खेतों में आम और अन्य फलों के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद से उनके तोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

हिमालय के पायदान में बसे नैनीताल के रामनगर में करीब दो से ढाई हजार एकड़ जमीन पर आम के बाग हैं. जिनमें मुख्य रूप से लंगड़ा, चौसा और दशहरी आमों की पैदावार होती है. उद्यान विभाग के अधिकारी एएस परवाल का अनुमान है कि इस बार रामनगर में आम की पैदावार 15 से 20 हजार मीट्रिक टन तक हो सकती है.

आम के बागानों में बहार.

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वहीं इस साल के मुताबिक बीते साल आम की फसल कमजोर पाई गई थी. वहीं इस बार आम के बागानों में बहार है. इस कार्य से जुड़े ठेकेदारों को बाजार मिलने की चिंता सता रही है, क्योंकि कोरोना काल में उचित दाम मिलने और तैयार फसल को बाजारों तक पहुंचाने में तमाम मुश्किलें सामने आ रही हैं. बहरहाल लोकल बाजार में तो आम का स्वाद सस्ते दामों पर नसीब होने की उम्मीद है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 9:03 PM IST
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