ETV Bharat / city

कॉर्बेट प्रशासन रामगंगा नदी में घड़ियालों पर करा रहा शोध, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा रामगंगा नदी के घड़ियालों पर कराए जा रहे शोध के अनुसार रामगंगा नदी में घड़ियालों की संख्या में इस साल बढोत्तरी हुई है. जिसके चलते कॉर्बेट प्रशासन में खुशी की लहर है.

author img

By

Published : Jul 6, 2019, 8:36 PM IST

रामगंगा नदी में घड़ियालों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मध्य बहने वाली रामगंगा नदी में विलुप्त हो रहे घड़ियालों की संख्या बढ़ने लगी है. 90 के दशक में टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कुकरेल से कुछ घड़ियाल के बच्चे लाकर रामगंगा नदी में छोडे़ थे. जिनकी संख्या में इस साल बढोतरी हुई है. विभाग द्वारा घड़ियालों पर कराए जा रहे शोध में यह बात सामने आई है. जिसे लेकर कॉर्बेट प्रशासन में खुशी की लहर है.

रामगंगा नदी में बढ़ रही है घड़ियालों की संख्या.

बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को विश्वभर में बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है. कॉर्बेट में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, बर्ड और रेप्टाइल्स पाए जाते हैं. जिनमें से घड़ियाल भी एक हैं. सीटीआर के मध्य से बहने वाली रामगंगा नदी में लगभग 35 घड़ियाल के बच्चों को शोध के दौरान देखा गया है.

शोधकर्ता गौरव वशिष्ठ ने बताया कि 1970 के दशक में रामगंगा नदी में करीब 4 घड़ियाल थे. 90 के दशक में कुकरेल से घड़ियाल के कुछ बच्चों को लाकर रामगंगा नदी में छोड़ा गया था. जिसके बाद साल 2008-2009 में इनकी गणना के दौरान नदी में 20 से 22 घड़ियाल मौजूद थे. इस वर्ष नवंबर में भी ड्रोन, बोट और पैदल गश्त के माध्यम से इनकी गणना की जाएगी. साथ ही बताया कि फिलहाल चल रहे शोध में इनके घोंसलों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके चलते बॉक्सर और सोना नदी के पास भी इनके घोंसले मिले हैं. जिनपर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट की सर्प दुली रेंज में घड़ियालों के बच्चों को पानी में अठखेलियां करते देख कॉर्बेट प्रशासन गदगद है. घड़ियालों के घोंसले में टूटे हुए अंडे और नदी में देखे गए बच्चों को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन बच्चों की संख्या 35 से 40 के लगभग है. साथ ही कहा कि घड़ियालों को लेकर कराए जा रहे शोध से अच्छे संकेत मिले हैं. कॉर्बेट प्रशासन को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाली गणना में घड़ियालों की संख्या पिछली गणना से अधिक रहेगी.

ये भी पढ़े: छात्रवृति घोटाला: हाई कोर्ट ने IG संजय गुंज्याल को 11 जिलों में जांच शुरू करने के दिए आदेश

जानकारी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के पिछले सर्वे के अनुसार दुनिया में कुल 650 घड़ियाल हैं. जिनमें से करीब एक चौथाई कॉर्बेट की रामगंगा नदी में हैं. घड़ियालों को आईयूसीएन रेड लिस्ट में शामिल किया गया है. लेकिन घडियालों के बच्चों की मृत्यु दर का प्रतिशत अधिक होने के चलते इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाती है. घड़ियालों के 1 प्रतिशत बच्चे ही व्यस्क हो पाते हैं.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मध्य बहने वाली रामगंगा नदी में विलुप्त हो रहे घड़ियालों की संख्या बढ़ने लगी है. 90 के दशक में टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कुकरेल से कुछ घड़ियाल के बच्चे लाकर रामगंगा नदी में छोडे़ थे. जिनकी संख्या में इस साल बढोतरी हुई है. विभाग द्वारा घड़ियालों पर कराए जा रहे शोध में यह बात सामने आई है. जिसे लेकर कॉर्बेट प्रशासन में खुशी की लहर है.

रामगंगा नदी में बढ़ रही है घड़ियालों की संख्या.

बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को विश्वभर में बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है. कॉर्बेट में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, बर्ड और रेप्टाइल्स पाए जाते हैं. जिनमें से घड़ियाल भी एक हैं. सीटीआर के मध्य से बहने वाली रामगंगा नदी में लगभग 35 घड़ियाल के बच्चों को शोध के दौरान देखा गया है.

शोधकर्ता गौरव वशिष्ठ ने बताया कि 1970 के दशक में रामगंगा नदी में करीब 4 घड़ियाल थे. 90 के दशक में कुकरेल से घड़ियाल के कुछ बच्चों को लाकर रामगंगा नदी में छोड़ा गया था. जिसके बाद साल 2008-2009 में इनकी गणना के दौरान नदी में 20 से 22 घड़ियाल मौजूद थे. इस वर्ष नवंबर में भी ड्रोन, बोट और पैदल गश्त के माध्यम से इनकी गणना की जाएगी. साथ ही बताया कि फिलहाल चल रहे शोध में इनके घोंसलों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके चलते बॉक्सर और सोना नदी के पास भी इनके घोंसले मिले हैं. जिनपर लगातार निगरानी रखी जा रही है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट की सर्प दुली रेंज में घड़ियालों के बच्चों को पानी में अठखेलियां करते देख कॉर्बेट प्रशासन गदगद है. घड़ियालों के घोंसले में टूटे हुए अंडे और नदी में देखे गए बच्चों को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन बच्चों की संख्या 35 से 40 के लगभग है. साथ ही कहा कि घड़ियालों को लेकर कराए जा रहे शोध से अच्छे संकेत मिले हैं. कॉर्बेट प्रशासन को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाली गणना में घड़ियालों की संख्या पिछली गणना से अधिक रहेगी.

ये भी पढ़े: छात्रवृति घोटाला: हाई कोर्ट ने IG संजय गुंज्याल को 11 जिलों में जांच शुरू करने के दिए आदेश

जानकारी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के पिछले सर्वे के अनुसार दुनिया में कुल 650 घड़ियाल हैं. जिनमें से करीब एक चौथाई कॉर्बेट की रामगंगा नदी में हैं. घड़ियालों को आईयूसीएन रेड लिस्ट में शामिल किया गया है. लेकिन घडियालों के बच्चों की मृत्यु दर का प्रतिशत अधिक होने के चलते इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाती है. घड़ियालों के 1 प्रतिशत बच्चे ही व्यस्क हो पाते हैं.

Intro:note-इस खबर के विजुअल मेल से भेजे गये है।वहाँ से उठा लें।

summary- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की रामगंगा नदी में घड़ियालो के अंडों में से निकले बच्चों की मौजूदगी से पता चलता है कि घड़ी वालों की जनसंख्या बढ़ रही है कॉर्बेट और रामगंगा नदी का इको सिस्टम और वातावरण घड़ियालो को रास आ गया है यह बात तो कॉर्बेट द्वारा कराए जा रहे शोध में निकल कर सामने आ गई है। कॉर्बेट प्रशासन को उम्मीद है कि अगली घटना में घड़ी वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

intro- बाघ संरक्षण के लिए प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बीच से होकर बहने वाली रामगंगा नदी में विलुप्त होती गड़ियालो की प्रजाति का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है।घड़ियालो पर विभाग द्वारा कराए रहे शोध में घड़ियालो के अच्छे नंबर बढ़ने के संकेत मिले हैं जिसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन गदगद है


Body:vo.-1-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को विश्व में बाघों के संरक्षण को लेकर जाना जाता है।हालांकि कॉर्बेट में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव,बर्ड,व रेप्टाइल्स पाए जाते हैं। जिसमें से घड़ियाल भी एक हैं सीटीआर के मध्य से बहने वाली रामगंगा नदी मैं घड़ियालों की उत्पत्ति के अच्छे संकेत देखने को मिल रहे हैं।कॉर्बेट की सर्प दुलि रेंज से होकर बहने वाली रामगंगा नदी में घड़ियालो के दो घोंसले पाए गए हैं। जिनमें लगभग 35 घड़ियालो के बच्चों को पानी में अठखेलियां करते देखा गया है।कॉर्बेट प्रशासन द्वारा घड़ियालो के ऊपर कराए जा रहे शोध में यह बात निकलकर सामने आई है।शोधकर्ता गौरव वशिष्ठ की मानें तो 1970 के दशक में रामगंगा नदी में घड़ियाल थे परंतु इनकी संख्या 2 से 4 तक ही थी।90 के दशक में कुकरेल से घड़ियालो कुछ बच्चे को लाकर रामगंगा नदी में छोड़ा गया था।2008-09में इनकी गणना की गई तो इनकी संख्या लगभग 120 से 22निकलकर सामने आई थी।इसी वर्ष नवंबर में पुनः इनकी गणना होनी है।जिनमें ड्रोन वोट और पैदल गश्त के माध्यम से इनकी गणना की जाएगी।अभी चल रही शोध में इनके घोंसलों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इन के घोसले बॉक्सर और सोना नदी में भी पाए गए हैं। हालांकि इन नदियों में पानी की कमी को देखते हुए उन्हें होल्ड पर रखा गया है।शोधकर्ता की मानें तो गड़ियालो के घोसले कहां कहां है उन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी।उन्होंने कहा कि यहां छोड़े गए घड़ियालों के बच्चों से घड़ियालों की संख्या बढ़ी है और आने वाले समय में इनकी और अच्छी संख्या निकल कर सामने आएगी।

byte-1-गौरव वशिष्ट(शौधकर्ता)

vo.-2- कॉर्बेट की सर्प दुली रेंज में घड़ियालो के बच्चों को पानी में अठखेलियां करते देख कॉर्बेट प्रशासन गदगद है।घड़ियालो के घोसले से अंडे टूटे देख और घड़ियालो के नवजातो को पानी में मचलता देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन बच्चों की जनसंख्या 35 से 40 के लगभग है।घड़ियालों को लेकर कराए जा रहे शोध के दृष्टिकोण से अच्छे संकेत मिले हैं। और इन पर कॉर्बेट प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए हैं।कॉर्बेट प्रशासन को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाली गणना में घड़ियालो का नंबर पिछली गणना से अधिक आने की संभावना है।आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के(आईयूसीएन)पिछले सर्वे के अनुसार दुनिया में कुल 650 घड़ियालों में करीब एक चौथाई कॉर्बेट की रामगंगा नदी में है।घड़ियाल आईयूसीएन रेड लिस्ट में शामिल हैं ।दुखद बात यह है कि इनके बच्चों में मृत्यु दर का प्रतिशत अधिक होने के कारण इनकी संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाती।घड़ियालो के 1 प्रतिशत बच्चे ही यौवन तक पहुंच पाते हैं।

byte-2-राहुल कुमार(निदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


Conclusion:fvo.- कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में घड़ियालो के शोध में घड़ियालो के कुनवे में बढ़ोतरी हो रही है।इससे पता चलता है कि कॉर्बेट की आबोहवा गड़ियालो को रास आ रही है।नदी का प्राकृतिक इकोसिस्टम उनके वासस्थलों के अनुकूल है।कॉर्बेट प्रशासन के लिए यह खुशी देने वाली बात है।लेकिन इनके संरक्षण के लिए प्रशासन को और भी अधिक संजीदा होने की आवश्यकता है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.