ETV Bharat / city

मॉनसून में अधिकांश जिलों में हुई कम बारिश, खेती और बागवानी पर पड़ेगा बुरा असर - low rain record during monsoon in uttarakhand

उत्तराखंड में मॉनसून सीजन में इस बार बागेश्वर और चमोली जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. जबकि, 9 जनपदों में नाम मात्र की ही बारिश हुई है. जिससे खेती और बागवानी पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.

उत्तराखंड में खेती और बागवानी
उत्तराखंड में खेती और बागवानी
author img

By

Published : Aug 17, 2021, 10:20 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 2:11 PM IST

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में इस साल मॉनसून सीजन में खासे बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हालात ये है सूबे के दो जनपदों में जहां बेतहासा बारिश हो रही है वहीं, नौ जिले सामान्य बारिश को भी तरस रहे हैं. जानकारों का कहना है कि मौसम में आये इस बदलाव से खेती और बागवानी खासी प्रभावित होगी. ज्यादा बारिश वाले इलाकों में जहां लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ेगा. वहीं, कम बारिश वाले इलाकों में सूखे जैसे हालात बनने के आसार हैं.

उत्तराखंड में मॉनसून सीजन में इस बार बागेश्वर और चमोली जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. जबकि, 9 जनपदों में नाम मात्र की ही बारिश हुई है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बागेश्वर में मॉनसून सीजन में 160 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि चमोली में 90 फीसदी अधिक बारिश हुई.

मॉनसून में अधिकांश जिलों में हुई कम बारिश.

वहीं, अल्मोड़ा में भी 22 फीसदी और टिहरी में 6 फीसदी अधिक बारिश हुई. मगर, हैरानी की बात ये है कि पौड़ी में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है. वहीं, हरिद्वार में 12, उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर में 11, नैनीताल और चम्पावत 6 फीसदी, पिथौरागढ़ में 4, रुद्रप्रयाग में 3 और देहरादून में 1 फीसदी कम बारिश हुई है. जानकार इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग को बड़ी वजह मान रहे हैं.

पढ़ें- किसानों के लिए आत्मनिर्भर कृषि ऐप की शुरुआत

इस मामले में विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत का कहना है कि जिन जनपदों में बारिश कम हुई है. वहां फसलों की रोपाई और ग्रोथ पर असर पड़ा है. अगर मौसम इसी तरह अनियंत्रित रहा तो फसलों की पैदावार पर इसका बुरा असर पड़ेगा. आने वाले समय में कम बारिश वाले जिलों में सूखे जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं.

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में इस साल मॉनसून सीजन में खासे बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हालात ये है सूबे के दो जनपदों में जहां बेतहासा बारिश हो रही है वहीं, नौ जिले सामान्य बारिश को भी तरस रहे हैं. जानकारों का कहना है कि मौसम में आये इस बदलाव से खेती और बागवानी खासी प्रभावित होगी. ज्यादा बारिश वाले इलाकों में जहां लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ेगा. वहीं, कम बारिश वाले इलाकों में सूखे जैसे हालात बनने के आसार हैं.

उत्तराखंड में मॉनसून सीजन में इस बार बागेश्वर और चमोली जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. जबकि, 9 जनपदों में नाम मात्र की ही बारिश हुई है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बागेश्वर में मॉनसून सीजन में 160 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि चमोली में 90 फीसदी अधिक बारिश हुई.

मॉनसून में अधिकांश जिलों में हुई कम बारिश.

वहीं, अल्मोड़ा में भी 22 फीसदी और टिहरी में 6 फीसदी अधिक बारिश हुई. मगर, हैरानी की बात ये है कि पौड़ी में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है. वहीं, हरिद्वार में 12, उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर में 11, नैनीताल और चम्पावत 6 फीसदी, पिथौरागढ़ में 4, रुद्रप्रयाग में 3 और देहरादून में 1 फीसदी कम बारिश हुई है. जानकार इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग को बड़ी वजह मान रहे हैं.

पढ़ें- किसानों के लिए आत्मनिर्भर कृषि ऐप की शुरुआत

इस मामले में विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत का कहना है कि जिन जनपदों में बारिश कम हुई है. वहां फसलों की रोपाई और ग्रोथ पर असर पड़ा है. अगर मौसम इसी तरह अनियंत्रित रहा तो फसलों की पैदावार पर इसका बुरा असर पड़ेगा. आने वाले समय में कम बारिश वाले जिलों में सूखे जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं.

Last Updated : Aug 17, 2021, 2:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.