पौड़ी: देवभूमि के पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांश का फूल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. हर साल मार्च और अप्रैल के महीने में बुरांश के फूल खिलने शुरू हो जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में खिलने वाले बुरांश के फूल का रोजगार और स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत महत्व है. पहाड़ी लोग रोजगार के रूप में बुरांश के फूल से जूस बनाकर बेचते हैं. साथ ही इन फूलों से आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जाती हैं.
फल संरक्षण अधिकारी कैलाश बहुगुणा ने बताया कि इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते बुरांश के फूल समय से पहले खिल गए थे. जिससे इन फूलों के खराब होने की संभावना बढ़ गई थी. लेकिन लगातार हुई बारिश से इन फूलों का संरक्षण हो गया और फूल काफी अच्छी मात्रा में देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी मात्रा में फूल खिले हैं. जिससे इस बार बुरांश के फूलों का लगभग 2 हजार लीटर जूस बनाया गया है. साथ ही आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जा रही हैं.
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वहीं, बुरांश के फूलों को लेकर डॉक्टर अब्दुल बताते हैं कि इन फूलों का प्रयोग करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को हृदय संबंधित कोई समस्या है तो वह बुरांश से बने जूस का अधिक से अधिक सेवन करें. उन्होंने बताया कि आज के समय में हृदय संबंधित बीमारियां काफी बढ़ गई हैं. जिसके लिए सभी को बुरांश का प्रयोग करना चाहिए.