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बुरांश के फूल खिलने से खिले स्थानीय लोगों के चेहरे, डॉक्टरों ने गिनाए फायदे

देवभूमि के पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांश का फूल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. पहाड़ी क्षेत्रों में खिलने वाले बुरांश के फूल का रोजगार और स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत महत्व है.

बुरांश के फूल
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Published : Apr 18, 2019, 5:51 PM IST

पौड़ी: देवभूमि के पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांश का फूल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. हर साल मार्च और अप्रैल के महीने में बुरांश के फूल खिलने शुरू हो जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में खिलने वाले बुरांश के फूल का रोजगार और स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत महत्व है. पहाड़ी लोग रोजगार के रूप में बुरांश के फूल से जूस बनाकर बेचते हैं. साथ ही इन फूलों से आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जाती हैं.

बुरांश के फूल.

फल संरक्षण अधिकारी कैलाश बहुगुणा ने बताया कि इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते बुरांश के फूल समय से पहले खिल गए थे. जिससे इन फूलों के खराब होने की संभावना बढ़ गई थी. लेकिन लगातार हुई बारिश से इन फूलों का संरक्षण हो गया और फूल काफी अच्छी मात्रा में देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी मात्रा में फूल खिले हैं. जिससे इस बार बुरांश के फूलों का लगभग 2 हजार लीटर जूस बनाया गया है. साथ ही आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जा रही हैं.

पढ़ें: कैंची धाम आने से बदली थी एप्पल फाउंडर की किस्मत, कई सेलिब्रिटी भी हैं बाबा के भक्त

वहीं, बुरांश के फूलों को लेकर डॉक्टर अब्दुल बताते हैं कि इन फूलों का प्रयोग करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को हृदय संबंधित कोई समस्या है तो वह बुरांश से बने जूस का अधिक से अधिक सेवन करें. उन्होंने बताया कि आज के समय में हृदय संबंधित बीमारियां काफी बढ़ गई हैं. जिसके लिए सभी को बुरांश का प्रयोग करना चाहिए.

पौड़ी: देवभूमि के पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांश का फूल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. हर साल मार्च और अप्रैल के महीने में बुरांश के फूल खिलने शुरू हो जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में खिलने वाले बुरांश के फूल का रोजगार और स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत महत्व है. पहाड़ी लोग रोजगार के रूप में बुरांश के फूल से जूस बनाकर बेचते हैं. साथ ही इन फूलों से आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जाती हैं.

बुरांश के फूल.

फल संरक्षण अधिकारी कैलाश बहुगुणा ने बताया कि इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते बुरांश के फूल समय से पहले खिल गए थे. जिससे इन फूलों के खराब होने की संभावना बढ़ गई थी. लेकिन लगातार हुई बारिश से इन फूलों का संरक्षण हो गया और फूल काफी अच्छी मात्रा में देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी मात्रा में फूल खिले हैं. जिससे इस बार बुरांश के फूलों का लगभग 2 हजार लीटर जूस बनाया गया है. साथ ही आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जा रही हैं.

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वहीं, बुरांश के फूलों को लेकर डॉक्टर अब्दुल बताते हैं कि इन फूलों का प्रयोग करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को हृदय संबंधित कोई समस्या है तो वह बुरांश से बने जूस का अधिक से अधिक सेवन करें. उन्होंने बताया कि आज के समय में हृदय संबंधित बीमारियां काफी बढ़ गई हैं. जिसके लिए सभी को बुरांश का प्रयोग करना चाहिए.

Intro:उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश जो की पहाड़ी क्षेत्रों की सुंदरता को दर्शाते हुए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। हर साल मार्च और अप्रैल के महीने से यह खिलना शुरू हो जाता है लेकिन जलवायु में हो रहे परिवर्तन के चलते इस बार जनवरी माह में ही बुरांश का फूल देखने लग गया था। पहाड़ी क्षेत्रों में खिलने वाले बुरांश का रोजगार और स्वास्थ्य के छेत्र में बहुत महत्व हैं। पहाड़ी लोग रोजगार के रूप में बुरांश के फूलों से जूस बनाकर बेचा करते है। इसके साथ ही इसके आयुर्वेद में भी बहुत फायदे माने गए हैं इससे आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती है और यह हृदय रोग के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है।


Body:कैलाश बहुगुणा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार बुरांश के फूल समय से पहले खिल गए थे जिससे की फूलों के खराब होने की संभावना अधिक होती है लेकिन लगातार हुई बारिश से इन फूलों का संरक्षण हो गया था और फूल काफी अच्छी मात्रा में देखने को मिले। पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी अधिक मात्रा में फूल खिले हैं और इस बार बुरांश के फूलों का लगभग 2 हजार लीटर जूस बनाया गया है।
कैलाश बहुगुणा( फल संरक्षण अधिकारी पौड़ी)


Conclusion:डॉक्टर अब्दुल बताते हैं कि बुरांश के फूल का प्रयोग करने से हृदय की बीमारियों से छुटकारा मिलता है यदि किसी व्यक्ति को हृदय संबंधित कोई समस्या है तो वह बुरांश के फूल का प्रयोग करें बुरांश से बने जूस का अधिक से अधिक सेवन करें उन्होंने बताया कि आज के समय में हृदय संबंधित अधिक बीमारियां हो रही है जिसके लिए सभी को बुरांश का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही बुरांश का जूस पीने से हिमोग्लोबिन की कमी भी दूर होती है और शरीर में रक्त की कमी को भी दूर करता है।
बाईट- डॉ अब्दुल कयूम खान( आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी)
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