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बेरीनाग: 'लॉकडाउन' से घरों में 'लॉक' हुए लोग, 'वॉरियर्स' के लिए अस्पताल में नहीं हैं 'हथियार'

लॉकडाउन का बेरीनाग ने देखने को मिल रहा है. यहां ग्रामीण इलाकों से लेकर मुख्य बाजारों पर दिन के वक्त सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं, बात अगर यहां की स्वास्थ्य सेवाओं की करें तो लोग इससे परेशान है.

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बेरीनाग में 'लॉकडाउन' से घरों में 'लॉक' हुए लोग
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Published : Mar 26, 2020, 11:29 PM IST

बेरीनाग: प्रदेश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह से पांबदी लगा दी गई है.जिसके कारण जिले के मंदिर भी बंद है. इसी बीच गुरुवार को बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 9 किमी दूर कोटेश्वर मंदिर में प्रशासन को एक जनेऊ संस्कार होने की सूचना मिली. जिस पर नायब तहसीलदार पंकज चंदोला के नेतृत्व में पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची, लेकिन टीम पहुंचने से पहले ही जनेऊ संस्कार करने वाले लोग वहां से जा चुके थे. जिसके बाद प्रशासन की टीम ने मंदिर के पुजारियों से पूछताछ करते हुए फटकार लगाई. साथ ही प्रशासन ने इसे देखते हुए मंदिर में आशा कार्यकत्री और राजस्व उप निरीक्षक की ड्यूटी लगा दी है.

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'कोराना वॉरियर्स' के लिए अस्पताल में नहीं हैं 'हथियार'

पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: काशीपुर नगर निगम ने की पहल, लॉकडाउन में होगी होम डिलीवरी

घरों में रहे लोग, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 दिनों के लॉकडाउन का असर पूरे क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. यहां सुबह 10 बजे तक लोगों ने अति आवश्यक सामग्री की जमकर खरीदारी की. जिसके बाद सभी लोग घरों की ओर लौट गये. खरीदारी के दौरान लोगों के लिए नगर पंचायत की दुकानों के आगे एक मीटर की दूरी पर घेरे बनाये गये थे. जिसके अंदर रहकर लोगों ने सामाग्री खरीदी. इसके अलावा पुलिस ने बेवजह घूम रहे लोगों को भी जमकर फटकार लगाई. इसके अलावा दिनभर बाजारों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा रहा.

पढ़ें- देहरादून: घंटों से भूखे-प्यासे पैदल चल रहे मजदूरों की सुनो 'सरकार', लगा रहे मदद की गुहार

अस्पताल के कर्मचारियों के लिए नहीं मास्क

केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए करोड़ों का बजट देने के बाद भी अस्पतालों में सुविधा नहीं है. जिसके कारण कर्मचारी और डॉक्टर परेशान हो रहे हैं. सीएचएसी बेरीनाग में पिछले चार दिनों से कर्मचारियों तक के लिए मास्क उपलब्ध नहीं हैं. यहां के कर्मचारी रूमाल और मुंह पर कपड़ा बांधकर मरीजों को देख रहे हैं. बात अगर सैनिटाइजर और मेडिकल किट की करें तो वो भी यहां मौजूद नहीं है.

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'लॉकडाउन' को लेकर सतर्क पुलिस

पढ़ें- लॉकडाउन के बीच सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटे 'कोरोना वॉरियर्स'

बाहर से आये मरीजों का नहीं हो पा रहा स्वास्थ्य परीक्षण

सीएचसी बेरीनाग में पिछले तीन दिनों से मैदानी क्षेत्रों से वापस लौटे लोगों का तांता लगा है. यहां पांखू, संगौड, कोटमन्या, कांडे किरोली, राईआगर सहित आदि क्षेत्रों से लोग स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचे थे. मगर यहां पर ओपीडी में पर्ची काटने के अलावा कुछ काम नहीं हुआ. जिसके कारण गुरुवार को कर्मचारियों और लोगों में झड़प भी हुई. घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाया.

बेरीनाग: प्रदेश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह से पांबदी लगा दी गई है.जिसके कारण जिले के मंदिर भी बंद है. इसी बीच गुरुवार को बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 9 किमी दूर कोटेश्वर मंदिर में प्रशासन को एक जनेऊ संस्कार होने की सूचना मिली. जिस पर नायब तहसीलदार पंकज चंदोला के नेतृत्व में पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची, लेकिन टीम पहुंचने से पहले ही जनेऊ संस्कार करने वाले लोग वहां से जा चुके थे. जिसके बाद प्रशासन की टीम ने मंदिर के पुजारियों से पूछताछ करते हुए फटकार लगाई. साथ ही प्रशासन ने इसे देखते हुए मंदिर में आशा कार्यकत्री और राजस्व उप निरीक्षक की ड्यूटी लगा दी है.

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अस्पताल के कर्मचारियों के लिए नहीं मास्क

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