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एनआईवीएच में छात्रों के साथ छेड़छाड़ मामले में हाईकोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

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Published : Nov 4, 2019, 8:31 PM IST

देहरादून के एनआईवीएच में मूक बधिर छात्र-छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं.

एनआईवीएच में छात्रों के साथ छेड़छाड़ में मामले हाईकोर्ट सख्त.

नैनीताल: देहरादून के एनआईवीएच में मूक बधिर छात्र-छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले में हाईकोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं एनआईवीएच ने सोमवार को कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर बताया की 2 अक्टूबर को एनआईवीएच में सीनियर छात्रों द्वारा छोटे छात्र के साथ किए गए उत्पीड़न के बाद सभी छात्रों को क्लास वाइज अलग कर दिया है.

एनआईवीएच में छात्रों के साथ छेड़छाड़ में मामले हाईकोर्ट सख्त.

बता दें कि इससे पहले छेड़छाड़ के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. साथ ही 7 दिनों के अंदर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थाई निदेशक की नियुक्ति कर सीसीटीवी कैमरा और जनरेटर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा हाईकोर्ट ने देहरादून एसएसपी को एआईवीएच में दो महिला सिपाहियों की नियुक्ति करने को कहा था.

पढ़ें: सफेद चादर से ढकी चोटियों ने बढ़ाई केदार नगरी की खूबसूरती

वहीं, सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने के आदेश दिए हैं. साथ ही इस मामले से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई की गई है, उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है.

नैनीताल: देहरादून के एनआईवीएच में मूक बधिर छात्र-छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले में हाईकोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं एनआईवीएच ने सोमवार को कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर बताया की 2 अक्टूबर को एनआईवीएच में सीनियर छात्रों द्वारा छोटे छात्र के साथ किए गए उत्पीड़न के बाद सभी छात्रों को क्लास वाइज अलग कर दिया है.

एनआईवीएच में छात्रों के साथ छेड़छाड़ में मामले हाईकोर्ट सख्त.

बता दें कि इससे पहले छेड़छाड़ के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. साथ ही 7 दिनों के अंदर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थाई निदेशक की नियुक्ति कर सीसीटीवी कैमरा और जनरेटर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा हाईकोर्ट ने देहरादून एसएसपी को एआईवीएच में दो महिला सिपाहियों की नियुक्ति करने को कहा था.

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वहीं, सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने के आदेश दिए हैं. साथ ही इस मामले से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई की गई है, उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है.

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देहरादून के एन आई वी एच में मूक-बधिर छात्र छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिया है और एन आई वी एच द्वारा आज कोर्ट को सपथ पत्र पेश कर बताया की 2 अक्टूबर को एन आई वी एच में सीनियर छात्रों द्वारा छोटे छात्र के साथ किए गए उत्पीड़न के बाद सभी छात्रों को क्लास वाइज अलग अलग कर दिया गया है ताकि सीनियर छात्र जूनियर छात्रों का उत्पीड़न ना कर सकें।


Body:वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने देहरादून के एनआईबीएच में मूक-बधिर छात्र छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है, और कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है की छेड़छाड़ के मामले मैं जीन-जीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्यवाही भी है उसकी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें और यह भी बताएं कि किन-किन अधिकारियों पर अब तक कार्यवाही की गई है।


Conclusion:आपको बता दें कि पूर्व में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले को नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्वत संज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि संगीत टीचर को तत्काल सस्पेंड कर एफ आई आर दर्ज करे, 7 दिनों के भीतर राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान में स्थाई निर्देशक की नियुक्ति करें और NIVH में सीसीटीवी,जनरेटर की व्यवस्था करें।
वहीं कोर्ट ने पूर्व में देहरादून की एसएसपी को NIVH में दो महिला सिपाहियों की नियुक्ति करने को भी कहा था, पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NIVH मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के अध्यक्ष ललित बेलवाल को न्याय मित्र नियुक्त करा था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें जिसमें कहा गया था कि एनआईवीएच में छात्राओं के साथ दुराचार हुआ है साथ ही संस्थान में कई अनियमितताएं हैं,,,
आज मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को शपथ पत्र पेश कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं

बाइट- ललित बेलवाल न्याय मित्र नैनीताल हाई कोर्ट
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