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फूड सेफ्टी अधिकारी को रिश्वत लेना पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा

दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण करने के मामले में नैनीताल जिला न्यायालय ने आरोपी फूड सेफ्टी अधइकारी को 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

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Published : Sep 26, 2019, 11:12 PM IST

नैनीताल: पिथौरागढ़ की फूड सेफ्टी अधिकारी को 20 हजार की रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. नैनीताल जिला न्यायालय की कोर्ट ने फूड सेफ्टी अधिकारी को 5 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं, इस मामले की सुनवाई जिला जज और विशेष न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट में हुई.

बात दें कि 11 मार्च 2013 को पिथौरागढ़ की वर्षा स्वीट्स के व्यवसायी जगदीश प्रजापति ने विजीलेंस हल्द्वानी को शिकायती पत्र भेजा था. जिसमें कहा था कि फूड सेफ्टी अधिकारी अर्चना सागर फूड लाइसेंस नवीनीकरण के एवज में उनसे रिश्वत की डिमांड कर रही हैं. जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद विजीलेंस टीम ने 16 मार्च 2013 को आरोपित को 20 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने उसी दिन अर्चना के खिलाफ हल्द्वानी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.

पढ़ें: रोडवेज कर्मियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, सरकार को वेतन के लिए 12 करोड़ जारी करने के आदेश

वहीं, आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल में चार्जशीट दायर की गई. संयुक्त निदेशक विधि (सरकारी अधिवक्ता) डीएस जंगपांगी ने गुरुवार को आठ गवाह पेश किए. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी फूड सेफ्टी अधिकारी को दोषी पाया और पांच साल का कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

नैनीताल: पिथौरागढ़ की फूड सेफ्टी अधिकारी को 20 हजार की रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. नैनीताल जिला न्यायालय की कोर्ट ने फूड सेफ्टी अधिकारी को 5 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं, इस मामले की सुनवाई जिला जज और विशेष न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट में हुई.

बात दें कि 11 मार्च 2013 को पिथौरागढ़ की वर्षा स्वीट्स के व्यवसायी जगदीश प्रजापति ने विजीलेंस हल्द्वानी को शिकायती पत्र भेजा था. जिसमें कहा था कि फूड सेफ्टी अधिकारी अर्चना सागर फूड लाइसेंस नवीनीकरण के एवज में उनसे रिश्वत की डिमांड कर रही हैं. जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद विजीलेंस टीम ने 16 मार्च 2013 को आरोपित को 20 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने उसी दिन अर्चना के खिलाफ हल्द्वानी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.

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वहीं, आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल में चार्जशीट दायर की गई. संयुक्त निदेशक विधि (सरकारी अधिवक्ता) डीएस जंगपांगी ने गुरुवार को आठ गवाह पेश किए. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी फूड सेफ्टी अधिकारी को दोषी पाया और पांच साल का कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

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दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण करने के मामले में घूस लेना फूड सेफ्टी अधिकारी को पड़ा महंगा, नैनीताल जिला न्यायालय ने 5 साल के लिए भेजा जेल।

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पिथौरागढ़ की फूड सेफ्टी अधिकारी को 20 हजार की रिश्वत लेना महंगा पड़ गया, घुस लेने के आरोप में नैनीताल की जिला न्यायालय की कोर्ट ने फूड सेफ्टी अधिकारी को 5 साल की सजा सुनाई है, मामले की सुनवाई जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट में हुई, वही कोर्ट ने मामले में फूड सेफ्टी अधिकारी पर 15 हजार जुर्माने भी लगाया है।Body:आपको बात दे कि 11 मार्च 2013 को पिथौरागढ़ की वर्षा स्वीट्स के व्यवसायी जगदीश प्रजापति ने विजीलेंस हल्द्वानी को शिकायती पत्र भेजा था जीसमें कहा था कि फूड सेफ्टी अधिकारी अर्चना सागर फूड लाइसेंस नवीनीकरण के एवज में उनसे रिश्वत की डिमांड कर रही हैं, प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद विजीलेंस टीम ने 16 मार्च 2013 को आरोपित को 20 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
Conclusion:जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने उसी दिन अर्चना के खिलाफ हल्द्वानी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया, आरोपि के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल में चार्जशीट दायर की गई। आज संयुक्त निदेशक विधि (सरकारी अधिवक्ता) डीएस जंगपांगी ने आठ गवाह पेश किए।
जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी फूड सेफ्टी अधिकारी को दोषी पाते हुए पांच साल का कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
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