नैनीताल: पिथौरागढ़ की फूड सेफ्टी अधिकारी को 20 हजार की रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. नैनीताल जिला न्यायालय की कोर्ट ने फूड सेफ्टी अधिकारी को 5 साल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया. वहीं, इस मामले की सुनवाई जिला जज और विशेष न्यायाधीश राजीव खुल्बे की कोर्ट में हुई.
बात दें कि 11 मार्च 2013 को पिथौरागढ़ की वर्षा स्वीट्स के व्यवसायी जगदीश प्रजापति ने विजीलेंस हल्द्वानी को शिकायती पत्र भेजा था. जिसमें कहा था कि फूड सेफ्टी अधिकारी अर्चना सागर फूड लाइसेंस नवीनीकरण के एवज में उनसे रिश्वत की डिमांड कर रही हैं. जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद विजीलेंस टीम ने 16 मार्च 2013 को आरोपित को 20 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने उसी दिन अर्चना के खिलाफ हल्द्वानी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.
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वहीं, आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल में चार्जशीट दायर की गई. संयुक्त निदेशक विधि (सरकारी अधिवक्ता) डीएस जंगपांगी ने गुरुवार को आठ गवाह पेश किए. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी फूड सेफ्टी अधिकारी को दोषी पाया और पांच साल का कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.