नैनीताल: 9 जुलाई को पौड़ी में अधिवक्ता के घर में घुसकर पुलिस ने मारपीट की थी. जिस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को निर्देश देते हुए कहा है कि अधिवक्ता से मारपीट करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये. साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जांच किसी अन्य थाने के अधिकारी से करवाकर 26 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि इस मामले में पौड़ी के रहने वाले अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई की रात को 7 से 8 पुलिसवालों समेत कई अन्य लोग उनके घर में घुस आये थे. इस दौरान इन लोगों ने उनके परिवार के साथ मारपीट की और घर में रखे नकदी पर भी हाथ साफ किया. वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि घर में घुसे लोगों ने उनके घर में आग लगाने का प्रयास भी किया.
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याचिकाकर्ता ने कहा कि इन लोगों ने उन्हें और उनके परिवार को लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी. जिसके बाद पुलिस वाले उल्टा उन्हें ही उठाकर कोतवाली ले आये. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा कि जब उनकी मां ने विरोध किया तो कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी मां के साथ मारपीट की. जिसमें कि वे गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. जो कि अभी दिल्ली एम्स में भर्ती हैं.
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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि पौड़ी कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वे पौड़ी में दिखाई दिये तो वो गोली मार देंगे. याचिकाकर्ता ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी.
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जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. जिनमें कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट, महिला उपनिरीक्षक संध्या नेगी, महिला उपनिरीक्षक दीक्षा सैनी समेत मनमोहन रौतेला व अन्य 2 के नाम शामिल हैं.