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अधिवक्ता से मारपीट मामले में हाई कोर्ट सख्त, पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

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Published : Aug 20, 2019, 6:12 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 6:41 PM IST

पौड़ी के रहने वाले अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई की रात को 7 से 8 पुलिसवालों समेत कई अन्य लोग उनके घर में घुस आये थे. जिन्होंने उनके परिवार के साथ मारपीट की.

अधिवक्ता से मार-पिटाई मामले में हाईकोर्ट हुआ सख्त.

नैनीताल: 9 जुलाई को पौड़ी में अधिवक्ता के घर में घुसकर पुलिस ने मारपीट की थी. जिस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को निर्देश देते हुए कहा है कि अधिवक्ता से मारपीट करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये. साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जांच किसी अन्य थाने के अधिकारी से करवाकर 26 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता से मारपीट मामले में हाई कोर्ट सख्त

बता दें कि इस मामले में पौड़ी के रहने वाले अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई की रात को 7 से 8 पुलिसवालों समेत कई अन्य लोग उनके घर में घुस आये थे. इस दौरान इन लोगों ने उनके परिवार के साथ मारपीट की और घर में रखे नकदी पर भी हाथ साफ किया. वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि घर में घुसे लोगों ने उनके घर में आग लगाने का प्रयास भी किया.

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याचिकाकर्ता ने कहा कि इन लोगों ने उन्हें और उनके परिवार को लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी. जिसके बाद पुलिस वाले उल्टा उन्हें ही उठाकर कोतवाली ले आये. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा कि जब उनकी मां ने विरोध किया तो कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी मां के साथ मारपीट की. जिसमें कि वे गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. जो कि अभी दिल्ली एम्स में भर्ती हैं.

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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि पौड़ी कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वे पौड़ी में दिखाई दिये तो वो गोली मार देंगे. याचिकाकर्ता ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी.

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जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. जिनमें कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट, महिला उपनिरीक्षक संध्या नेगी, महिला उपनिरीक्षक दीक्षा सैनी समेत मनमोहन रौतेला व अन्य 2 के नाम शामिल हैं.

नैनीताल: 9 जुलाई को पौड़ी में अधिवक्ता के घर में घुसकर पुलिस ने मारपीट की थी. जिस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को निर्देश देते हुए कहा है कि अधिवक्ता से मारपीट करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये. साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जांच किसी अन्य थाने के अधिकारी से करवाकर 26 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता से मारपीट मामले में हाई कोर्ट सख्त

बता दें कि इस मामले में पौड़ी के रहने वाले अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि जुलाई की रात को 7 से 8 पुलिसवालों समेत कई अन्य लोग उनके घर में घुस आये थे. इस दौरान इन लोगों ने उनके परिवार के साथ मारपीट की और घर में रखे नकदी पर भी हाथ साफ किया. वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि घर में घुसे लोगों ने उनके घर में आग लगाने का प्रयास भी किया.

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याचिकाकर्ता ने कहा कि इन लोगों ने उन्हें और उनके परिवार को लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी. जिसके बाद पुलिस वाले उल्टा उन्हें ही उठाकर कोतवाली ले आये. साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा कि जब उनकी मां ने विरोध किया तो कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी मां के साथ मारपीट की. जिसमें कि वे गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. जो कि अभी दिल्ली एम्स में भर्ती हैं.

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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि पौड़ी कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वे पौड़ी में दिखाई दिये तो वो गोली मार देंगे. याचिकाकर्ता ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी.

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जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. जिनमें कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट, महिला उपनिरीक्षक संध्या नेगी, महिला उपनिरीक्षक दीक्षा सैनी समेत मनमोहन रौतेला व अन्य 2 के नाम शामिल हैं.

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पौड़ी में वकील और उसके परिवार के साथ मारपीट के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए वकील के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर एफ आई आर दर्ज करेंने के दिये निर्देश।

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9 जुलाई को पौड़ी में अधिवक्ता के घर में घुसकर पुलिस द्वारा मारपीट करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एसएसपी पौड़ी को निर्देश दिए हैं कि वकील और उसके परिवार के साथ मारपीट करने वाले कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट महिला उपनिरीक्षक संध्या नेगी महिला उपनिरीक्षक दीक्षा सैनी समेत मनमोहन रौतेला व अन्य के खिलाफ 2 दिन में एफ आई आर दर्ज करे और मामले की जांच किसी दूसरे थाने के अधिकारी से करवा कर जाँच रिपोर्ट सोमवार 26 अगस्त तक को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:आपको बता दें कि पौड़ी निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 9 जुलाई की रात उसके घर में करीब 7 से 8 पुलिसवालों समेत 7से 8अन्य लोगों ने उसके द्वारा उनके घर में घुसकर उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की साथ ही घर में रखें 10 से 12 हजार रुपए भी लूट कर ले गए वहीं याचिका में कहा है की इन लोगों के द्वारा उनके घर में आग लगाने की भी कोशिश की गई और उनकी मां और बहन के कपड़े फाड़ दिए,, साथ ही याचिकाकर्ता और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जिसके बाद पुलिस वाले अधिवक्ता समेत उनके पूरे परिवार को कोतवाली उठा ले गए, वहीं घटना का विरोध करने पर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा उनकी 76 साल की मां के पेट में लात मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई, साथ ही उनके साथ गाली-गलौज की और वहीं पुलिस के द्वारा उनके भाई को भी बहुत बुरी तरह पीटा जिस वजह से वह गंभीर अवस्था में दिल्ली एम्स में भर्ती है।


Conclusion:वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि पौड़ी के कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा उनको जान से मारने की धमकी दी है और कहा है कि अगर वह पौड़ी मैं दिखा दो उसको गोली मार देंगे साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है क्योंकि उनके द्वारा एक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट से पौड़ी कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर कैलाश सेमवाल के खिलाफ नोटिस जारी करवाये हैं जिसके विरोध में पुलिस उनके साथ यह घटना कर रही है।
आज मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी को निर्देश दिए हैं कि मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के खिलाफ 2 दिन में एफ आई आर दर्ज करे ओर मामले की विवेचना किसी दूसरे थ

बाईट- ललित बेलवाल पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन नैनीताल हाई कोर्ट
Last Updated : Aug 20, 2019, 6:41 PM IST
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