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चमोली जेल में कैदियों से मारपीट पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को जांच के आदेश

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Published : Feb 13, 2020, 5:50 PM IST

चमोली जिला जेल में कैदियों के साथ मारपीट का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

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कैदियों के साथ हो रही मारपीट का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

नैनीताल: चमोली जेल में कैदियों के साथ जेल वार्डन के द्वारा हुई मारपीट का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच चुका है. हाईकोर्ट ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है. जिसमें मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं कैदियों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है.

चमोली जेल में कैदियों से मारपीट.

बता दें कि चमोली जेल में बंद कैदियों के द्वारा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया था. जिसमें उन्होंने जेल वार्डन पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कैदियों ने आरोप लगाया कि जेल वॉर्डन द्वारा अभद्रता की जाती है. साथ ही विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है. कई बार जेल वार्डन के द्वारा उनके पैरों में कंबल डालकर डंडो से पिटाई की भी गई है. जिसके कारण जेल में कैदी सुरक्षित नहीं है. कैदियों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़े: अल्मोड़ा: पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन, फूंका पुतला

वहीं मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: चमोली जेल में कैदियों के साथ जेल वार्डन के द्वारा हुई मारपीट का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच चुका है. हाईकोर्ट ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है. जिसमें मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं कैदियों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है.

चमोली जेल में कैदियों से मारपीट.

बता दें कि चमोली जेल में बंद कैदियों के द्वारा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया था. जिसमें उन्होंने जेल वार्डन पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कैदियों ने आरोप लगाया कि जेल वॉर्डन द्वारा अभद्रता की जाती है. साथ ही विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है. कई बार जेल वार्डन के द्वारा उनके पैरों में कंबल डालकर डंडो से पिटाई की भी गई है. जिसके कारण जेल में कैदी सुरक्षित नहीं है. कैदियों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है.

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वहीं मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले की जांच कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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