नैनीताल : हाई कोर्ट पंचायत चुनाव में 2 बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवारों को राहत दे सकता है. हाई कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता को शुक्रवार को शपथ पत्र पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में कितने ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके 2 से अधिक बच्चे हैं और वे चुनाव लड़ना चाहते हैं.
बता दें कि नैनीताल के रहने वाले प्रधान हिमांशु पांडेय, कालाढूंगी के प्रधान मनोहरलाल समेत प्रधान संगठन ने नैनीताल हाई कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की थी. इन लोगों ने राज्य सरकार द्वारा 2019 में लागू किए गए पंचायती राज एक्ट में संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो गलत है.
पढ़ें-फर्जी YouTube आईडी बनाकर वायरल किया युवती का वीडियो, गिरफ्तार
साथ ही याचिका में कहा गया कि सरकार द्वारा एक्ट में किए गए बदलाव को बैक डेट से लागू किया जा रहा है जो कि नियम के विरुद्ध है. वहीं याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी भी एक्ट में बदलाव किया जाता है तो उसे 300 दिन के बाद लागू किया जाता है लेकिन राज्य सरकार इस एक्ट को नियमों के विरुद्ध जाकर लागू कर रही है.
पढ़ें-नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर दिखेगा उत्तराखंड के लाल का जलवा, कैमरे से दिखाएगा जंगल की दुनिया
साथ ही याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है यहां पर ग्राम प्रधान के लिए हाई स्कूल पास उम्मीदवार मिलना कठिन है. लिहाजा हाई स्कूल पास की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए. वहीं याचिका में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति की दो लड़कियां और एक लड़का है और लड़की की शादी हो जाती है तो सरकार उसको किस परिवार का हिस्सा मानेगी? लिहाजा यह संशोधन अपने आप में पूर्ण नहीं है. इसलिए पंचायती चुनाव को पुराने नियमों के तहत कराया जाना चाहिए.
पढ़ें-ईद-राखी और 15 अगस्त को लेकर पुलिस सतर्क, संदिग्धों पर रखी जा रही विशेष नजर
जिसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि वो शुक्रवार तक उन लोगों की लिस्ट कोर्ट में पेश करें जो पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं और उनके दो बच्चों से अधिक हैं.