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हाई कोर्ट पहुंचा पंचायती राज एक्ट बिल में संशोधन का मामला, दो जजों की खंडपीठ करेगी सुनवाई

राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का मामला अब नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले की सुनवाई नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में होगी.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Aug 6, 2019, 7:29 AM IST

नैनीताल: प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव पर एक बार फिर संकट के बादल छा सकते हैं. राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है. कालाढूंगी के प्रधान मनोहर लाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एक्ट में किए गए संशोधन को चुनौती दी है. वहीं, पंचायती राज एक्ट में संशोधन के मामले की सुनवाई अब नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में होगी.

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बता दें कि नैनीताल निवासी प्रधान हिमांशु पांडेय और कालाढूंगी के प्रधान मनोहरलाल समेत प्रधान संगठन ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो गलत है. साथ ही सरकार द्वारा एक्ट में किए गए बदलाव को बैक डेट से लागू किया जा रहा है, जोकि नियमों के खिलाफ है.

याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है. यहां ग्राम प्रधान के लिए हाई स्कूल पास उम्मीदवार मिलना मुश्किल है. जिसके चलते हाई स्कूल पास की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही याचिका में कहा गया कि अगर किसी उम्मीद्वार की दो लड़कियां व एक लड़का है और लड़की की शादी हो गई है, तो सरकार उसको किस परिवार का हिस्सा मानेगी. लिहाजा यह संशोधन अपने आप में पूर्ण नहीं है, इसलिए पंचायती चुनाव को पुराने नियमों के तहत कराया जाना चाहिए.

पढ़ें: कार्यकर्ताओं के कंधे पर बैठे भगत दा, बोले- फिर स्वर्ग बनेगा कश्मीर

वहीं, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी भी एक्ट में बदलाव किया जाता है तो उसको 300 दिन के बाद लागू किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस एक्ट को नियमों के खिलाफ लागू किया जा रहा है. जिससे प्रदेश भर के गांवों में कई प्रधान चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं.

नैनीताल: प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव पर एक बार फिर संकट के बादल छा सकते हैं. राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गया है. कालाढूंगी के प्रधान मनोहर लाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एक्ट में किए गए संशोधन को चुनौती दी है. वहीं, पंचायती राज एक्ट में संशोधन के मामले की सुनवाई अब नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में होगी.

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बता दें कि नैनीताल निवासी प्रधान हिमांशु पांडेय और कालाढूंगी के प्रधान मनोहरलाल समेत प्रधान संगठन ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो गलत है. साथ ही सरकार द्वारा एक्ट में किए गए बदलाव को बैक डेट से लागू किया जा रहा है, जोकि नियमों के खिलाफ है.

याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है. यहां ग्राम प्रधान के लिए हाई स्कूल पास उम्मीदवार मिलना मुश्किल है. जिसके चलते हाई स्कूल पास की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही याचिका में कहा गया कि अगर किसी उम्मीद्वार की दो लड़कियां व एक लड़का है और लड़की की शादी हो गई है, तो सरकार उसको किस परिवार का हिस्सा मानेगी. लिहाजा यह संशोधन अपने आप में पूर्ण नहीं है, इसलिए पंचायती चुनाव को पुराने नियमों के तहत कराया जाना चाहिए.

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वहीं, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी भी एक्ट में बदलाव किया जाता है तो उसको 300 दिन के बाद लागू किया जाता है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस एक्ट को नियमों के खिलाफ लागू किया जा रहा है. जिससे प्रदेश भर के गांवों में कई प्रधान चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं.

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राज्य सरकार द्वारा जारी पंचायती राज एक्ट में संशोधन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले में कल महत्वपूर्ण सुनवाई हो सकती है।

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प्रदेश में होने वाले पंचायतों पर एक बार संकट के बादल छा सकते हैं क्योंकि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है नैनीताल निवासी प्रधान हिमांशु पांडे समेत कालाढूंगी के प्रधान मनोहर लाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एक्ट में किए गए संशोधन को चुनौती दी है।


Body:पंचायत चुनाव में छाए संकट के बादल फटने का नाम नहीं ले रहे हैं चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर पंचायत चुनाव का मामला हाईकोर्ट की शरण में जा पहुंचा है,,
आपको बता दें कि नैनीताल निवासी प्रधान हिमांशु पांडेय कालाढूंगी के प्रधान मनोहरलाल समेत प्रधान संगठन ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा 2019 में किए गए पंचायती राज एक्ट में संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो गलत है साथ ही सरकार द्वारा एक्ट में किए गए बदलाव को बैक डेट से लागू किया जा रहा है जो नियम विरुद्ध है वही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी भी एक्ट में बदलाव किया जाता है तो उसको 300 दिन के बाद लागू किया जाता है लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस एक्ट को नियम विरुद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है जिससे प्रदेश भर के गांवों में कई प्रधान चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं।


Conclusion:साथ ही याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है यहां पर ग्राम प्रधान के लिए हाई स्कूल पास उम्मीदवार मिलना कठिन है, लिहाजा हाई स्कूल पास की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए,,वहीं याचिका में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति के दो लड़कियां और एक लड़का है और लड़की की शादी हो जाती है या हो गई हो तो सरकार उसको किस परिवार का हिस्सा मानेगी,
लिहाजा यह संशोधन अपने आप में पूर्ण नहीं है इसलिए पंचायती चुनाव को पुराने नियमों के तहत कराया जाना चाहिए।
अब मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में कल महत्वपूर्ण सुनवाई होगी।


बाइट- हिमांशु पांडे ग्राम प्रधान ।
बाइट- मनोहर कुमार आर्य प्रधान।


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