नैनीताल: न्याय के देवता गोल्ज्यू के मंदिर में अनियमितता व मंदिर को ट्रस्ट बनाने का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने मामले में मंदिर के पुजारियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मंदिर के पुजारियों को दो सप्ताह में अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के लिए कहा गया है.
बता दें कि नैनीताल के अधिवक्ता दीपक रूवाली ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि चितई गोलू देवता मंदिर पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. इस मंदिर का रख-रखाव और श्रद्धालुओं के चढ़ावे से प्राप्त धनराशि का लंबे समय से उचित उपयोग नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन कुछ व्यक्तियों के हाथ में है जो इसका निजी लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर के चढ़ावे का उपयोग निजी आय की तरह किया जा रहा है.
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याचिकाकर्ता ने ये कहा है कि चितई मंदिर के लिए 2011 में मंदिर समिति गठित हुई थी. लेकिन इसमें एक ही परिवार का सदस्य हैं. जिसका समिति से कोई लेना-देना नहीं है. सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंदिर के पुजारियों को मामले में पक्षकार बनाया. साथ ही उन्हें मामले में अपना विस्तृत जवाब दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने के आदेश दिए. मामले की अगली सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी.