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जाएं तो जाएं कहां बलियानाला के आपदा प्रभावित लोग, प्रशासन ने थमाया नोटिस - District administration

जिला प्रशासन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर बलिया नाला क्षेत्र के 65 परिवारों को नोटिस जारी कर बरसात से पहले विस्थापित करने के आदेश दिए हैं. जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

बलियानाला क्षेत्र में पिछले 2 सालों से लगातार हो रहा भूस्खलन.
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Published : Apr 21, 2019, 9:41 AM IST

Updated : Apr 21, 2019, 12:06 PM IST

नैनीताल: नगर के बलियानाला क्षेत्र में बीते वर्षों से लगातार हो रहे भूस्खलन ने लोगों के पुश्तैनी आशियाने छीन लिए हैं. भूस्खलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर बलिया नाला क्षेत्र के 65 परिवारों को नोटिस जारी कर बरसात से पहले विस्थापित करने के आदेश दिए हैं. जिससे स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

गौर हो कि भूस्खलन के बाद से प्रभावित 65 परिवार जीआईसी स्कूल, कैंनटोमेंट बोर्ड के प्राइमरी स्कूल में निवास कर रहे हैं. आपको बता दें कि बलियानाला क्षेत्र में पिछले 2 सालों से लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिसकी वजह से नैनीताल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते सरकार ने पिछले वर्ष जापान की जायका टीम को जांच के लिए नैनीताल भेजा था. जायका ने अपनी रिपोर्ट में बड़े भूस्खलन का अंदेशा जताया है.

ये भी पढ़े: केदारनाथ में बर्फबारी से हुआ काफी नुकसान, पुनर्निर्माण में जुटी टीम

जिसके चलते जिला प्रशासन ने क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित करने के लिए नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि उक्त क्षेत्र भूस्खलन की जद में है. लिहाजा सभी लोगों को अपने घर खाली करने के निर्देश दिए हैं. ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकें. वहीं प्रशासन के नोटिस से बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.

नैनीताल: नगर के बलियानाला क्षेत्र में बीते वर्षों से लगातार हो रहे भूस्खलन ने लोगों के पुश्तैनी आशियाने छीन लिए हैं. भूस्खलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर बलिया नाला क्षेत्र के 65 परिवारों को नोटिस जारी कर बरसात से पहले विस्थापित करने के आदेश दिए हैं. जिससे स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

जानकारी देते स्थानीय निवासी.

गौर हो कि भूस्खलन के बाद से प्रभावित 65 परिवार जीआईसी स्कूल, कैंनटोमेंट बोर्ड के प्राइमरी स्कूल में निवास कर रहे हैं. आपको बता दें कि बलियानाला क्षेत्र में पिछले 2 सालों से लगातार भूस्खलन हो रहा है. जिसकी वजह से नैनीताल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते सरकार ने पिछले वर्ष जापान की जायका टीम को जांच के लिए नैनीताल भेजा था. जायका ने अपनी रिपोर्ट में बड़े भूस्खलन का अंदेशा जताया है.

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जिसके चलते जिला प्रशासन ने क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित करने के लिए नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि उक्त क्षेत्र भूस्खलन की जद में है. लिहाजा सभी लोगों को अपने घर खाली करने के निर्देश दिए हैं. ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकें. वहीं प्रशासन के नोटिस से बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.

Intro:स्लग- विस्थापन स्कूल

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- नैनीताल की बुनियाद कहे जाने वाले बलियानाला में लगातार हो रहे भूस्खलन से नैनीताल के 120 साल पुराने जीआईसी स्कूल समेत कैंटोनमेंट बोर्ड के प्राइमरी स्कूल को खतरा हो गया है जिस वजह से जिला प्रशासन द्वारा जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर बलिया नाला क्षेत्र में रह रहे 65 परिवारों समेत 120 साल पुराने जीआईसी स्कूल, और कैंनटोमेंट बोर्ड के प्राइमरी स्कूल और कार्यालय को नोटिस जारी कर बरसात से पहले विस्थापित करने के आदेश दिए हैं ताकि आने वाले समय मे भूकंप और बरसात मे कोई बड़ी दुर्घटना ना हो।


Body:जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को आधार मानते हुए जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों और स्कूल को फरमान सुनाया है कि वह जल्द से जल्द बलियानाला क्षेत्र से विस्थापित हो प्रशासन के इस आदेश के बाद जीआईसी स्कूल में पढ़ रहे 200 बच्चे और प्राइमरी स्कूल में पढ़ने 90 बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल खड़े हो गए हैं,,,
आपको बता दें कि बलियानाला क्षेत्र में पिछले 2 सालों से लगातार भूस्खलन हो रहा है जिसकी वजह से नैनीताल के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है और इस बार भी बरसातों में नाला के ऊपर बसा हरी नगर क्षेत्र करीब 10 फीट तक खिसक गया जिससे वहां रह रहे स्थानीय लोगों के सामने काफी संकट खड़ा हो गया है वहीं दूसरी ओर नाले से सटे जीआईसी स्कूल पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि नैनीताल का यह स्कूल ठीक बलिया नाले के ऊपर बना हुआ है,
वही पिछ्ली बरसात में इस स्कूल के नीचे बनी सड़क भूस्खलन के वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी जिस वजह से नैनीताल और कृष्णापुर को पैदल मार्ग से जोड़ने वाला रास्ता पूरी तरह से जमी दोस हो गया, जिस वजह से कृष्णापुर में रह रहे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं लगातार हो रहे भूस्खलन की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा जनवरी में जापान कि जायका की टीम को नैनीताल भेजा गया और जायका की रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि इस क्षेत्र को बहुत बड़ा खतरा है और आने वाले समय में इस क्षेत्र में बड़ा भूस्खलन होगा।
वहीं यहां रह रहे कई परिवार अब तक नैनीताल के जीआईसी स्कूल में रह रहे थे लेकिन अब प्रशासन द्वारा स्कूल को भी खतरा बता कर खाली करने का नोटिस दिया है जिससे स्कूल में शरण लिए इन लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है क्योंकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के बाद से करीब एक दर्जन लोग नैनीताल के इस जीआईसी स्कूल में रह रहे थे।

बाईट- बहादुर सिंह,स्थानीय।


क्योंकि स्कूल से लगती भी सड़क पूरी तरह भूस्खलन की चपेट में आ गई थी जिससे नैनीताल शहर को जोड़ने वाली पगडंडी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई


Conclusion:वहीं पूर्व में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर आज जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में रह रहे करीब 65 परिवारों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द विस्थापित होने के आदेश दिए हैं जिसमें कहा गया है कि उक्त क्षेत्र भूस्खलन की जद में है लिहाजा सभी लोग अपने घर खाली कर दें ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जाए वहीं प्रशासन के इस नोटिस के बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।

बाईट- अनिल कुमार,कार्यवाहक प्रिंसिपल जीआईसी नैनीताल।

पी टी सी---
Last Updated : Apr 21, 2019, 12:06 PM IST
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