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मसूरी में गाय के दूध, घी और मक्खन से पूजा के साथ बलभद्र पूजा संपन्न, ग्रामीणों ने मांगी मनौती

मसूरी में आयोजित भगवान बलभद्र की पूजा संपन्न हो गई है. हर साल सावन में होने वाली भगवान बलभद्र की पूजा गाय के दूध, घी और मक्खन के लिए प्रसिद्ध है. इलाके के लोगों ने त्याड़े भद्राज मंदिर में पशुधन और फसलों के साथ घर-परिवार की कुशलता की प्रार्थना की.

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Published : Aug 12, 2021, 11:34 AM IST

मसूरी: भगवान बलभद्र की वार्षिक पूजा त्याड़े भद्राज मंदिर में श्रद्धापूर्वक संपन्न हुई. पूजा में क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल हुए. सबने भगवान बलभद्र और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की. अपने पशुधन, फसलों तथा परिवार की कुशलता के लिए सालाना पूजा में भाग लिया और मनौतियां मांगी.

लगभग आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित त्याड़े पहाड़ी पर स्थित भगवान बलभद्र मंदिर में हर साल सावन माह में सालाना पूजा होती है. इसको स्थानीय लोग पुजोज या पुजाउज के नाम से जानते हैं. ग्रामीणों द्वारा पुजोज में भगवान बलभद्र की गाय के दूध, मक्खन तथा सिरनी से पूजा की जाती है. अपने परिवार, पशुधन व फसलों की सुरक्षा व कुशलता की मनौतियां मांगी जाती हैं.

भगवान बलभद्र की पूजा संपन्न

त्याड़े भद्राज मंदिर समिति के अध्यक्ष जोत सिंह रावत व सचिव दिनेश सिंह तोमर ने बताया कि बीते नौ अगस्त को भगवान बलभद्र की पालकी जैद्वार गांव से त्याड़े मंदिर लायी गयी थी. तीन दिवसीय पूजा-पाठ शुरू किया गया था. आज हवन के साथ पूजा का समापन हुआ. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भगवान बलभद्र के दर्शन किये.

ये भी पढ़ें: नाग पंचमी 2021: जानिए कब है नाग पंचमी, ये रहा मुहूर्त और पूजा का विधि-विधान

इस अवसर पर कई पश्वाओं पर देवता अवतरित हुए. उनको पारंपरिक ढोल-दमाऊ व रणसिंघा जैसे विशेष वाद्यों से शांत व घरबारी किया गया. त्याड़े मंदिर से भगवान बलभद्र की डोली शुक्रवार को अपने जैद्वार थान लौटेगी.

मसूरी: भगवान बलभद्र की वार्षिक पूजा त्याड़े भद्राज मंदिर में श्रद्धापूर्वक संपन्न हुई. पूजा में क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल हुए. सबने भगवान बलभद्र और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना की. अपने पशुधन, फसलों तथा परिवार की कुशलता के लिए सालाना पूजा में भाग लिया और मनौतियां मांगी.

लगभग आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित त्याड़े पहाड़ी पर स्थित भगवान बलभद्र मंदिर में हर साल सावन माह में सालाना पूजा होती है. इसको स्थानीय लोग पुजोज या पुजाउज के नाम से जानते हैं. ग्रामीणों द्वारा पुजोज में भगवान बलभद्र की गाय के दूध, मक्खन तथा सिरनी से पूजा की जाती है. अपने परिवार, पशुधन व फसलों की सुरक्षा व कुशलता की मनौतियां मांगी जाती हैं.

भगवान बलभद्र की पूजा संपन्न

त्याड़े भद्राज मंदिर समिति के अध्यक्ष जोत सिंह रावत व सचिव दिनेश सिंह तोमर ने बताया कि बीते नौ अगस्त को भगवान बलभद्र की पालकी जैद्वार गांव से त्याड़े मंदिर लायी गयी थी. तीन दिवसीय पूजा-पाठ शुरू किया गया था. आज हवन के साथ पूजा का समापन हुआ. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भगवान बलभद्र के दर्शन किये.

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इस अवसर पर कई पश्वाओं पर देवता अवतरित हुए. उनको पारंपरिक ढोल-दमाऊ व रणसिंघा जैसे विशेष वाद्यों से शांत व घरबारी किया गया. त्याड़े मंदिर से भगवान बलभद्र की डोली शुक्रवार को अपने जैद्वार थान लौटेगी.

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