मसूरी: गुरुवार को लॉयंस क्लब मसूरी हिल द्वारा अधिष्ठापन समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें क्लब की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई. वहीं इस मौके पर माउंट एवरेस्ट विजेता और उत्तराखंड डेयर डेविल्स गर्ल अमीषा चौहान को सम्मानित किया गया.डोइवाला की रहने वाली अमीषा चैहान ने 23 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर देश का नाम ऊंचा किया था. इससे पहले अमीषा अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट किलिमंजारो और यूरोपियन महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में शामिल माउंट एलब्रज पर सफलतापूर्वक फतह कर चुकी हैं.
लॉयंस क्लब मसूरी हिल द्वराा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्लब के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एलएम.जकवाल, गौरव गर्ग ,पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और लॉयंस क्लब मसूरी हिल्स के अध्यक्ष रविन्द्र गोयल रहे. इस दौरान माउंट एवरेस्ट विजेता को सम्मानित करते हुए उनके जज्बे को सलाम किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लडकों से कम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अमीषा चौहान ने विपरीत परिस्थितियों में एवरेस्ट फतह किया है उससे साफ है कि लड़कियों में भरपूर आत्माविश्वास है. कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए अतिथियों ने के साहसिक अभियान को महिला सशक्तिकरण का भी बड़ा उदाहरण बताया.
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विपरीत हालातों में फतह किया एवरेस्ट
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अमीषा चौहान ने एवरेस्ट फतह के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि एवरेस्ट फतह करते समय पहले पड़ाव के दौरान एवरेस्ट की चोटी से मात्र 100 मीटर पहले ही उनके सहयोगी शेरपा का ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया था. जिसे बचाने के लिए उन्होंने अपना आक्सीजन सिलेंडर दिया और 500 मीटर नीचे बेस कैम्प वापस आ गये. दूसरे चरण में एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू कर खराब मौसम के बाद भी उन्होंने एवरेस्ट फतह किया. उन्होंने कहा कि वह अपना कैरियर माउंटेनियरिंग में ही बनाएंगी और जल्द स्वस्थ होने के बाद दुनिया की अन्य चोटियों को फतह कर अपने देश और प्रदेश का नाम रौशन करेंगी.
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स्वस्थ होने पर फिर से शुरू करेंगी काम
अमीषा चौहान ने बताया कि माउंट एवरेस्ट फतह करने के दौरान उनको कई गंभीर बीमारी हो गई थी. जिसका इलाज नेपाल और अब दिल्ली से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पैर में कुछ दिक्कतें हैं और जैसे ही वह पूरी तरीके से स्वस्थ होंगी उसके बाद वे एक बार फिर से दुनिया की और चोटियों को फतह करने निकल पड़ेंगी.
सरकार से नहीं मिली कोई आर्थिक सहायता
अमीषा चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अभी तक माउंटेनियरिंग में उनकी किसी भी तरह से कोई मदद नहीं की है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से उन्हें मदद का आश्वासन जरूर दिया गया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि भविष्य में उनकी आर्थिक मदद दी जाए. उन्होंने बताया कि वे महिला सशक्तिकरण को लेकर कई समाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही हैं. वे बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे कई अभियानों के तहत लड़कियों को प्रोत्साहित कर रही हैं, जिससे लड़कियों को मजबूत बनाया जा सके.