खटीमा: नेपाल बॉर्डर पर बाईस पुल से तेलफाल तक डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने सवाल उठाये हैं. ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सड़क निर्माण में डामर का सही प्रयोग नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण सड़क जगह-जगह से उखड़नी शुरू हो गई है. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि खराब सड़क के निर्माण में कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ठेकेदार का बचाव करने में लगे हैं.
राज्य की जीरो टॉलरेंस सरकार में भ्रष्टाचार अगर देखना हो तो उधमसिंह नगर जनपद की खटीमा तहसील में नेपाल बॉर्डर के रास्ते में बाईस पुल से तेलफाल तक डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही सड़क को एक बार जरूर देखें. डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही सड़क अपने निर्माण के साथ ही जगह-जगह से टूटनी शुरू हो गई है. सड़क निर्माण के दौरान डामर का प्रयोग इतना कम किया गया कि सड़क जगह-जगह से उखड़ने लगी है. जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई हैं. जिसके कारण ग्रामीणों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की लाख शिकायतों के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने को तैयार नहीं है.
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ग्रामीणों का कहना है सड़क जिस तरीके से बनाई गई उसी का कारण है कि यह बनने के साथ ही टूटनी शुरू हो गई है. ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि आने वाले बरसात के मौसम से पहले ही सड़क पूरी तरह खराब हो जाएगी. डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही इस सड़क के निर्माण व घटिया सामग्री लगाने की शिकायत जब लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके तिलारा से की गई तो वे मामले में ठेकेदार का बचाव करते नजर आये.
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अधिशासी अभियंता ने ग्रामीणों द्वारा सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर उठाए जा रहे हैं प्रश्नों को निराधार बताते हुए कहा कि सड़क निर्माण मानकों के अनुसार किया जा रहा है. अधिशासी अभियंता ने कहा कि अगर फिर भी कोई शिकायत है तो वे मामले की जांच कराएंगे. यदि सड़क निर्माण गुणवत्ता में कोई कमी होती है तो ठेकेदार से सड़क सही कराई जाएगी.