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प्री-मानसून दस्तक से खिले किसानों के चेहरे, फसलों के लिए बताया वरदान

प्री-मानसून की दस्तक से काशीपुर और आसपास के क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर भी रंगत ला दी है. किसानों ने इस बारिश को धान, गन्ना, मक्का, चरई और बाजरा की खेती के लिए फायदेमंद बताया है.

प्री-मानसून दस्तक से खिले किसानों के चेहरे.
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Published : Jun 24, 2019, 11:34 PM IST

काशीपुरः उत्तराखंड में प्री-मानसून दस्तक दे चुका है. बारिश होने से प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को फाफी राहत मिली है. वहीं, लंबे समय के बाद बारिश होने से किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं. किसानों का कहना है कि इस बारिश से धान की फसल के साथ मक्का, गन्ना आदि फसलों की रोपाई के लिए काफी मदद मिलेगी.

प्री-मानसून दस्तक से खिले किसानों के चेहरे.

काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उधर, बारिश ना होने की वजह से धान की रोपाई लगातार प्रभावित हो रही थी. जिससे किसानों को चिंता सता रही थी. ऐसे में किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे थे. सबसे ज्यादा चिंता उन किसानों को हो रही थी जिनके पास सिंचाईं का कोई विकल्प नहीं था. इतना ही नहीं बारिश ना होने की वजह से किसानों के खेतों में रोपाई का काम भी शुरू नहीं हो पा रहा था.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड में सभी फसलों का मिलेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य, परंपरागत फसलों से मिलेगा फायदा

मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ के उत्तराखंड में सक्रिय होने के चलते राज्य भर में अगले 24 से 48 घंटों में बारिश की संभावना है. तराई क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश के दस्तक से किसानों ने राहत की सांस ली है. साथ ही उनके चेहरों पर भी खुशी लौट आई है. किसानों का कहना है कि धान की फसल के लिए ये बारिश वरदान साबित होगी. साथ ही कहा कि बारिश गन्ना, मक्का, चरई और बाजरा की खेती के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगी.

काशीपुरः उत्तराखंड में प्री-मानसून दस्तक दे चुका है. बारिश होने से प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को फाफी राहत मिली है. वहीं, लंबे समय के बाद बारिश होने से किसानों के चेहरे भी खिल गए हैं. किसानों का कहना है कि इस बारिश से धान की फसल के साथ मक्का, गन्ना आदि फसलों की रोपाई के लिए काफी मदद मिलेगी.

प्री-मानसून दस्तक से खिले किसानों के चेहरे.

काशीपुर और आसपास के क्षेत्रों में लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उधर, बारिश ना होने की वजह से धान की रोपाई लगातार प्रभावित हो रही थी. जिससे किसानों को चिंता सता रही थी. ऐसे में किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे थे. सबसे ज्यादा चिंता उन किसानों को हो रही थी जिनके पास सिंचाईं का कोई विकल्प नहीं था. इतना ही नहीं बारिश ना होने की वजह से किसानों के खेतों में रोपाई का काम भी शुरू नहीं हो पा रहा था.

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मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ के उत्तराखंड में सक्रिय होने के चलते राज्य भर में अगले 24 से 48 घंटों में बारिश की संभावना है. तराई क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश के दस्तक से किसानों ने राहत की सांस ली है. साथ ही उनके चेहरों पर भी खुशी लौट आई है. किसानों का कहना है कि धान की फसल के लिए ये बारिश वरदान साबित होगी. साथ ही कहा कि बारिश गन्ना, मक्का, चरई और बाजरा की खेती के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगी.

Intro:Summary- काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में पिछले 2 महीने से भीषण गर्मी चल रहे लोगो को प्री मानसून की दस्तक ने जहां राहत दिलाई तो वही इस प्री मानसून की दस्तक ने किसानों के चेहरे पर भी रंगत ला दी है।

एंकर- समूचे उत्तर भारत में पिछले 2 महीनों से भीषण गर्मी के प्रकोप के चलते अब राज्य में मानसून की दस्तक से पूर्व प्री मानसून की दस्तक ने उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के रहने वाले लोगों को जहां चिलचिलाती गर्मी से राहत प्रदान की है तो वही किसानों के चेहरे भी इस बरसात के बाद खिल उठे हैं। काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में रुक-रुककर हो रही बारिश ने जहां तापमान में गिरावट तो वही इस बारिश के बाद धान की फसल के साथ साथ मक्का गन्ना आदि फसलों की रोपाई के लिए किसानों को मदद मिली है।
Body:वीओ- आपको बताते चलें कि बारिश ना होने की वजह से धान की रोपाई लगातार प्रभावित हो रही थी। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उत्पन्न हो गई थी। उनकी निगाहें बादलों पर टिक गई थी और मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी इस बार दगा दे रही थी। धान की रोपाई प्रभावित हो गई थी, बारिश न होने से किसान लगातार परेशान था और तो और जिन काश्तकारों के बाद नलकूप की सुविधा नहीं थी वह हताश और परेशान हो गया था। बारिश ना होने की वजह से किसानों के खेतों में रोपाई का काम शुरू नहीं हो पाया था क्योंकि खेत सूखे पड़े थे जिसकी वजह से काफी दिक्कत हो रही थी। बारिश नहीं होने की वजह से खेत पानी से नहीं भर पाए थे। अब चूंकि तराई में प्री मानसून बारिश ने दस्तक दे दी है जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को इस प्री मानसून की बारिश ने चिलचिलाती घर गर्मी से राहत भी दिलवाई है। पश्चिमी विक्षोभ के उत्तराखंड में सक्रिय होने के चलते राज्य भर में अगले 24 से 48 घंटों में बारिश की संभावना प्रबल हो गई है तो वहीं किसानों के चेहरों पर भी खुशी लौट आई है। काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में जहां बारिश के बाद धान की फसल खेतों में ले जाती हुई दिखाई दे रही है तो वही किसान भी इस प्री मानसून बारिश के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया करते नहीं थक रहे हैं। उनके मुताबिक यह बारिश उनके खेतों के लिए सोना बनकर बरस रही है। और तो और यह बारिश धान की फसल के साथ-साथ गन्ना और मक्का, चरई और बाजरा की खेती के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगी।
बाइट- पवनदीप सिंह, युवा किसान
बाइट- बलदेव सिंह, किसानConclusion:
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