देहरादून: गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन कर रहीं साध्वी पद्मावती को प्रेग्नेंट बताए जाने के विरोध में मंगलवार को उत्तराखंड महिला मंच की महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा.
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि साध्वी पद्मावती गंगा रक्षा के लिए तप कर रही हैं. जिसका सरकार विरोध कर रही है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने चिकित्सक को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किए जाने की मांग की. साथ ही गंगा बचाओ अभियान को अपना सम्पूर्ण समर्थन दिया.
उत्तराखंड महिला मंच ने आरोप लगाया कि गंगा की अविरलता के लिए साध्वी 15 दिसम्बर से अपने आश्रम में अनशन पर बैठी थी. जनता संकल्प के साथ जुड़ने लगी थी. जिसे देख शासन-प्रशासन में बेचैनी होने लगी कि कहीं जिम्मेदार लोगों की पोल न खुल जाए.
जिसके चलते भारी पुलिस बल ने साध्वी को जबरदस्ती उठाकर दून अस्पताल में भर्ती कराया. साथ ही साध्वी के स्वास्थ्य की जांच करने वाले चिकित्सक द्वारा साध्वी पर गलत आरोप लगाने की साजिश की गई. चिकित्सक ने साध्वी को दो माह की प्रेग्नेंट बताकर अपने पेशे को कलंकित किया है. जबकि नियमित जांच के दौरान कोई संदिग्धता नहीं पाई गई है. वहीं साध्वी ने पुनः जांच कराई जिसमें उनकी निर्मलता की पुष्टि हुई है.
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उत्तराखंड महिला मंच सयोजक कमला पंत ने बताया कि हम सब महिलाएं अब किसी भी महिला का अपमान नही सहेंगी और जिस तरह से साध्वी पद्मावती को सरकारी डॉक्टरों द्वारा गर्भवती बता कर अपमान किया है, हम घोर निंदा करते हैं. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि जल्द से जल्द डॉक्टर को हटाया जाए, साथ ही इस मामले की जांच होनी चाहिए. जिससे कोई भी महिला अपमानित न हो. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी विभाग महिला का शोषण न करें. नहीं तो उत्तराखंड महिला मंच ऐसे विभाग के खिलाफ आंदोलन करेगी.