हरिद्वार: अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार केंद्र सरकार ने बुधवार को ट्रस्ट का गठन कर दिया. इस ट्रस्ट में राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले प्रमुख संत युगपुरुष स्वामी परमानंद को भी शामिल किया गया है. युगपुरुष स्वामी परमानंद की गिनती देश के बड़े संतो और विद्वानों में की जाती है. स्वामी जी के कई शिष्य भी वेद-वेदांत के बड़े जानकार हैं. साध्वी ऋतंभरा भी उनकी शिष्य हैं.
स्वामी परमानंद ने राम जन्मभूमि आंदोलन को नई दिशा और तेवर दिए थे. स्वामी परमानंद बेहद सरल स्वभाव के सहज संत हैं. वेदों के प्रखंड विद्वान परमानंद ने दुनिया के कई देशों में वेदों का प्रचार किया. अमेरिका में साल 2000 में हुए विश्व के आध्यात्मिक नेताओं के विश्व शांति शिखर सम्मेलन में उन्हें संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था.
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विश्व शांति शिखर सम्मेलन के बाद उन्होंने कई देशों में वेदों का प्रचार किया. उनकी शिक्षाओं और वेदांत तकनीक पर आधारित करीब डेढ़ सौ पुस्तकें अब तक लिखी जा चुकी हैं. स्वामी परमानंद के कद को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट में शामिल किया है.
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स्वामी परमानंद को राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किये जाने से संत समाज में काफी उत्साह है. हरिद्वार में राम मंदिर निर्माण को लेकर जितनी भी बड़ी बैठके हुईं, उनमें स्वामी परमानंद ने मुखर होकर राम मंदिर निर्माण की पैरवी की थी. उन्हें ट्रस्ट में शामिल किये जाने से धर्मनगरी में खुशी का माहौल है.