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देशभर के साथ धर्मनगरी में भी सोमवती अमावस्या पर्व की धूम, जानिए क्या है खास

देशभर में सोमवती अमावस्या का पर्व बड़े ही आस्था भाव से मनाया जा रहा है. धर्मनगरी हरिद्वार में भी सोमवती अमावस्या स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.

सोमवती अमावस्या.
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Published : Jun 3, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Jun 3, 2019, 11:26 AM IST

हरिद्वार: देशभर में सोमवती अमावस्या का पर्व बड़े ही आस्था भाव से मनाया जा रहा है. धर्मनगरी हरिद्वार में भी सोमवती अमावस्या स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है. इस दिन को स्नान और दान के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है.

सोमवती अमावस्या.

बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में स्थित रहते हैं. इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला होता है. पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री बताते हैं की अगर मनुष्य को कई जन्मों के तप के बराबर पुण्य प्राप्त करना है तो उसके लिए सोमवती अमावस्या उचित दिन है. इस दिन गंगा के अलावा किसी भी अन्य पवित्र नदी के जल में स्नान करना बड़ा ही फलदाई होता है.

पढ़ें: निर्मल पंचायती अखाड़ा में संपत्ति विवाद और गहराया, महंतों पर लगे गंभीर आरोप, परिसर में पीएसी तैनात

पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पहले विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए. स्नान से पहले अपने दाएं हाथ में जल लेकर अपना और अपने गोत्र का नाम लें और फिर पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाएं. इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.

वहीं, पंडित शक्तिधर शास्त्री बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर किए गए तीर्थ स्नान और दान से कई हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र गंगाजल में स्नान करने से चंद्रमा का सोमांश (अमृत) जल के माध्यम से मनुष्य को प्राप्त होता है.साथ ही कहा कि आज के दिन दान पुण्य यज्ञ करने से कई हजार अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर का फल प्राप्त होता है.

हरिद्वार: देशभर में सोमवती अमावस्या का पर्व बड़े ही आस्था भाव से मनाया जा रहा है. धर्मनगरी हरिद्वार में भी सोमवती अमावस्या स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है. इस दिन को स्नान और दान के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है.

सोमवती अमावस्या.

बता दें कि सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में स्थित रहते हैं. इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला होता है. पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री बताते हैं की अगर मनुष्य को कई जन्मों के तप के बराबर पुण्य प्राप्त करना है तो उसके लिए सोमवती अमावस्या उचित दिन है. इस दिन गंगा के अलावा किसी भी अन्य पवित्र नदी के जल में स्नान करना बड़ा ही फलदाई होता है.

पढ़ें: निर्मल पंचायती अखाड़ा में संपत्ति विवाद और गहराया, महंतों पर लगे गंभीर आरोप, परिसर में पीएसी तैनात

पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पहले विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए. स्नान से पहले अपने दाएं हाथ में जल लेकर अपना और अपने गोत्र का नाम लें और फिर पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाएं. इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.

वहीं, पंडित शक्तिधर शास्त्री बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर किए गए तीर्थ स्नान और दान से कई हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र गंगाजल में स्नान करने से चंद्रमा का सोमांश (अमृत) जल के माध्यम से मनुष्य को प्राप्त होता है.साथ ही कहा कि आज के दिन दान पुण्य यज्ञ करने से कई हजार अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर का फल प्राप्त होता है.

Intro:एंकर- आज पूरे देशभर में सोमवती अमावस्या का पर्व बड़े ही आस्था भाव से मनाया जा रहा है, धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। सनातन धर्म में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है, सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है। सोमवती अमावस्या को स्नान एवं दान के लिए बहुत ही शुभ एवं सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर किए गए तीर्थ स्नान और दान से कई हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।


Body:VO1- सोमवती अमावस्या का पर्व इस लिहाज से भी बड़ा ही महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में स्थित रहते हैं इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला होता है। पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री बताते हैं की अगर मनुष्य को कई जन्मों के तप के बराबर पुण्य प्राप्त करना है तो उसके लिए सोमवती अमावस्या उचित तिथि है, इस दिन गंगा के साथ ही किसी भी पवित्र नदी के जल में स्नान करना बड़ा ही फलदाई होता है, सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पूर्व एक विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए, स्नान से पूर्व अपने दाएं हाथ में जल ले एवं जल लेकर अपना नाम एवं अपने गोत्र का नाम लें और उसके बाद पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाएं इससे आज के दिन विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन दान पुण्य करने से दान अक्षय हो जाता है। पंडित शक्तिधर शास्त्री बताते हैं कि जेष्ठ मास की अमावस्या बड़ी ही फलदाई होती है क्योंकि इसमें सूर्य उच्च राशि में होते हैं, ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र गंगाजल में स्नान करने से चंद्रमा का सोमांश (अमृत) जल के माध्यम से मनुष्य को प्राप्त होता है। इस दिन आस्था की डुबकी लगाने से समस्त मानसिक व्याधियों एवं कष्ट दूर होते हैं। आज के दिन अपने पितरों को याद करने के लिए भी बड़ा विशेष दिन है इस दिन पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पितरों को शांति मिलती है एवं उनका आशीर्वाद मनुष्य को प्राप्त होता है। आज के दिन दान पुण्य यज्ञ करने से कई हजार अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल प्राप्त होता है।


Conclusion:बाइट- पंडित संदीप आत्रेय शास्त्री, ज्योतिषाचार्य पंडित

बाइट- पंडित शक्तिधर शास्त्री, ज्योतिषाचार्य पंडित
Last Updated : Jun 3, 2019, 11:26 AM IST
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