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स्वामी धर्मदास का आरोप, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्ट लोग भर दिए

निर्वाणी अणि अखाड़ा के श्री महंत स्वामी धर्मदास ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के कथित जमीन घोटाले को लेकर ट्रस्ट पर कई सवाल खड़े किए हैं.

श्री महंत स्वामी धर्मदास
श्री महंत स्वामी धर्मदास
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Published : Jun 16, 2021, 4:07 PM IST

हरिद्वार: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप के बाद अब निर्वाणी अणि अखाड़ा के श्री महंत स्वामी धर्मदास का भी बयान आया है. अब साधु-संतों ने ट्रस्ट को लेकर उंगलियां उठानी शुरू कर दी हैं. श्री महंत स्वामी धर्मदास ने राम मंदिर निर्माण के लिए मिले दाने के पैसे से जमीन खरीदे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गैरजिम्मेदार बताते हुए हटाने की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से कहा है कि ट्रस्ट से इन भष्ट्र लोगों हटाया नहीं तो पूरा देश आपको भारतवर्ष से खदेड़ देगा.

उन्होंने कहा है कि लोगों ने पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है न की किसी धर्मशाला की जमीन खरीदे जाने के लिए. इस बारे में ट्रस्ट के लोगों को सोचना चाहिए जो भ्रष्ट हो चुके हैं. भगवान के दान के पैसे से ट्रस्ट जमीन खरीद रहा है, उस पैसे से व्यापार कर रहे हैं. 1984 और 85 में भी शिला पूजन के नाम पर दान लिया गया था, वो पैसा कहां चला गया? अब जो पैसा दान में आ रहा है उससे ट्रस्ट ने पूरा साम्राज्य खरीद लिया है. ये किसके लिए खरीद रहे हैं?

स्वामी धर्मदास का आरोप

पढ़ें- 22 जून तक शुरू नहीं होगी चारधाम यात्रा, पर्यटन सचिव को पड़ी फटकार, HC ने CS से मांगा जवाब

उन्होंने कहा कि दान उसी को लेना चाहिए जिस का वो अधिकारी है. ट्रस्ट का पैसा आप जमीन खरीद कर बर्बाद कर रहे हैं. इसका परिणाम पूरा देश भोग रहा है. जब से आप लोगों ने आकर ट्रस्ट बनाया. केंद्र सरकार ने 29 मार्च 2020 को ट्रस्ट बनाया और 22 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था. पूरा देश में कोरोना फैल गया. कोरोना क्या है कोरोना पाप है. इन्हीं लोगों के पाप से सारी व्यवस्था बिगड़ चुकी है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील है कि इस कृत्य को रोका जाए. यदि इसे नहीं रोका गया तो उन्होंने पूरे साधु समाज से कहा है कि वे भगवान से प्रार्थना करें, तभी ये लोग जांएगे नहीं तो ये नास्तिक लोग हैं, जो ईश्वर को भी नहीं मानते हैं और धर्म से भी इनका कोई वास्ता नहीं है. मंदिर का काम साधु-संतों का है, इन भ्रष्ट लोगों का नहीं.

उन्होंने कहा कि चंपत राय समेत जितने भी लोग खजांची बने, कोषाध्यक्ष बने हैं इनका रामजन्म भूमि में क्या अस्तित्व है? ट्रस्ट में सभी कबाड़ा लोग भर दिए गए. केंद्र सरकार ने राम जन्मू भूमि के प्रति वफादारी की है? ये लोग ट्रस्ट बनाए हैं कि भ्रष्ट बनाए है? उन्होंने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में दर्ख्वास्त देंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से कहा है कि ट्रस्ट से इन भ्रष्ट लोगों हटाया नहीं गया तो पूरा देश आपको भारतवर्ष से खदेड़ देगा.

पढ़ें- केदारनाथ आपदा के 8 साल पूरे, बदली धाम की तस्वीर लेकिन जख्म अब भी हरे

क्या है मामला?

  • दरअसल, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
  • उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया. पवन ने पूरे मामले में दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है.
  • इस मामले को लेकर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने भी UP सरकार पर हमला बोला है. वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक पत्र जारी कर आरोपों का खंडन किया है.

हरिद्वार: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप के बाद अब निर्वाणी अणि अखाड़ा के श्री महंत स्वामी धर्मदास का भी बयान आया है. अब साधु-संतों ने ट्रस्ट को लेकर उंगलियां उठानी शुरू कर दी हैं. श्री महंत स्वामी धर्मदास ने राम मंदिर निर्माण के लिए मिले दाने के पैसे से जमीन खरीदे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गैरजिम्मेदार बताते हुए हटाने की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से कहा है कि ट्रस्ट से इन भष्ट्र लोगों हटाया नहीं तो पूरा देश आपको भारतवर्ष से खदेड़ देगा.

उन्होंने कहा है कि लोगों ने पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है न की किसी धर्मशाला की जमीन खरीदे जाने के लिए. इस बारे में ट्रस्ट के लोगों को सोचना चाहिए जो भ्रष्ट हो चुके हैं. भगवान के दान के पैसे से ट्रस्ट जमीन खरीद रहा है, उस पैसे से व्यापार कर रहे हैं. 1984 और 85 में भी शिला पूजन के नाम पर दान लिया गया था, वो पैसा कहां चला गया? अब जो पैसा दान में आ रहा है उससे ट्रस्ट ने पूरा साम्राज्य खरीद लिया है. ये किसके लिए खरीद रहे हैं?

स्वामी धर्मदास का आरोप

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उन्होंने कहा कि दान उसी को लेना चाहिए जिस का वो अधिकारी है. ट्रस्ट का पैसा आप जमीन खरीद कर बर्बाद कर रहे हैं. इसका परिणाम पूरा देश भोग रहा है. जब से आप लोगों ने आकर ट्रस्ट बनाया. केंद्र सरकार ने 29 मार्च 2020 को ट्रस्ट बनाया और 22 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था. पूरा देश में कोरोना फैल गया. कोरोना क्या है कोरोना पाप है. इन्हीं लोगों के पाप से सारी व्यवस्था बिगड़ चुकी है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील है कि इस कृत्य को रोका जाए. यदि इसे नहीं रोका गया तो उन्होंने पूरे साधु समाज से कहा है कि वे भगवान से प्रार्थना करें, तभी ये लोग जांएगे नहीं तो ये नास्तिक लोग हैं, जो ईश्वर को भी नहीं मानते हैं और धर्म से भी इनका कोई वास्ता नहीं है. मंदिर का काम साधु-संतों का है, इन भ्रष्ट लोगों का नहीं.

उन्होंने कहा कि चंपत राय समेत जितने भी लोग खजांची बने, कोषाध्यक्ष बने हैं इनका रामजन्म भूमि में क्या अस्तित्व है? ट्रस्ट में सभी कबाड़ा लोग भर दिए गए. केंद्र सरकार ने राम जन्मू भूमि के प्रति वफादारी की है? ये लोग ट्रस्ट बनाए हैं कि भ्रष्ट बनाए है? उन्होंने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में दर्ख्वास्त देंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से कहा है कि ट्रस्ट से इन भ्रष्ट लोगों हटाया नहीं गया तो पूरा देश आपको भारतवर्ष से खदेड़ देगा.

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क्या है मामला?

  • दरअसल, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
  • उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया. पवन ने पूरे मामले में दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है.
  • इस मामले को लेकर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने भी UP सरकार पर हमला बोला है. वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक पत्र जारी कर आरोपों का खंडन किया है.
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