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स्वामी चिन्मयानंद मामले में संतों ने उठाई आवाज, बोले- सुनी जाए बात

हरिद्वार में संत समाज के लोगों ने स्वामी चिन्मयानंद के जेले भेजे जाने के विरोध में एक बैठक किया. जिसमें संतों ने कहा कि अभी सिर्फ एक पक्ष की बात सामने आई है, स्वामी चिन्मयानंद के पक्ष की बात भी लोगों के सामने आनी चाहिए.

स्वामी चिन्मयानंद मामले को लेकर संतों ने की बैठक
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Published : Oct 5, 2019, 9:51 PM IST

हरिद्वार: छात्रा द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सलाखों के पीछे हैं. पुलिस ने निष्पक्ष जांच करते हुए आरोप लगाने वाली छात्रा के खिलाफ भी कार्रवाई की है. अब इस मामले में हरिद्वार स्थित परमार्थ आश्रम में साधु-संतों ने बैठक की. जिसमें मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई.

स्वामी चिन्मयानंद मामले को लेकर संतों ने की बैठक.

बैठक में मौजूद स्वामी शंकारानंद ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में जो कुछ हो रहा है इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है. साधु-संतों की छवि खराब करने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया है. इस मामले का खुलासा इस समय क्यों हुआ और पहले इस मामले का खुलासा क्यों नहीं हुआ, यह भी बड़ा सवाल है. साथ ही कहा कि निष्पक्ष जांच के बाद सब सच्चाई सामने आ जाएगी.

पढ़ें: सात फेरों से पहले दुल्हन ने डाले वोट, कहा- मतदान करना सभी का कर्तव्य

इस दौरान स्वामी शंकारानंद ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद को जेल में उचित सुविधाएं दी जाए. उनके स्वास्थ्य व डायबिटीज को देखते हुए उन्हें सभी सुविधा दी जानी जरूरी है. सरकार को उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है.

वहीं, स्वामी शंकारानंद से जब शत्रु का नाम पूछा गया तो वह नाम बताने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सभी नाम सामने आ जाएंगे.

इस मामले में स्वामी सर्वेश्वरानंद ने कहा कि बैठक का उद्देश्य है कि अभी तक एक पक्ष का ही बात सामने आई है. स्वामी चिन्मयानंद के पक्ष की बात भी लोगों के सामने आनी चाहिए. स्वामी चिन्मयानंद देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी जुड़े हैं.

हरिद्वार: छात्रा द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सलाखों के पीछे हैं. पुलिस ने निष्पक्ष जांच करते हुए आरोप लगाने वाली छात्रा के खिलाफ भी कार्रवाई की है. अब इस मामले में हरिद्वार स्थित परमार्थ आश्रम में साधु-संतों ने बैठक की. जिसमें मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई.

स्वामी चिन्मयानंद मामले को लेकर संतों ने की बैठक.

बैठक में मौजूद स्वामी शंकारानंद ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में जो कुछ हो रहा है इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है. साधु-संतों की छवि खराब करने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया है. इस मामले का खुलासा इस समय क्यों हुआ और पहले इस मामले का खुलासा क्यों नहीं हुआ, यह भी बड़ा सवाल है. साथ ही कहा कि निष्पक्ष जांच के बाद सब सच्चाई सामने आ जाएगी.

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इस दौरान स्वामी शंकारानंद ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद को जेल में उचित सुविधाएं दी जाए. उनके स्वास्थ्य व डायबिटीज को देखते हुए उन्हें सभी सुविधा दी जानी जरूरी है. सरकार को उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है.

वहीं, स्वामी शंकारानंद से जब शत्रु का नाम पूछा गया तो वह नाम बताने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सभी नाम सामने आ जाएंगे.

इस मामले में स्वामी सर्वेश्वरानंद ने कहा कि बैठक का उद्देश्य है कि अभी तक एक पक्ष का ही बात सामने आई है. स्वामी चिन्मयानंद के पक्ष की बात भी लोगों के सामने आनी चाहिए. स्वामी चिन्मयानंद देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी जुड़े हैं.

Intro:शाहजहांपुर के कॉलेज में छात्रा द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद परमार्थ आश्रम हरिद्वार के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद सलाखों के पीछे हैं वहीं पुलिस ने निष्पक्ष जांच करते हुए आरोप लगाने वाली छात्रा के खिलाफ भी कार्रवाई की है इस प्रकरण में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसका भी संज्ञान पुलिस द्वारा लिया जा रहा है अब इस मामले में हरिद्वार स्थित परमार्थ आश्रम में साधु-संतों ने इकट्ठा होकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है वहीं साधु संतो ने इस मामले को स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र बताया हैBody:परमार्थ आश्रम हरिद्वार में क्रिया योग आश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी शंकरानंद गिरी के सानिध्य में स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में की गई साधु संतों की बैठक में कई साधु-संत उपस्थित हुए स्वामी शंकारानंद का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में जो कुछ हो रहा है इसके पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है एक बड़ी साजिश इस मामले में रचाई गई है काफी समय से इस षड्यंत्र को रचा जा रहा था और इसमें कुछ राजनीतिक षड्यंत्र है और कुछ साधु संतों की छवि खराब करने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया है और इस मामले का खुलासा अभी के समय क्यों हुआ और पहले इस मामले का खुलासा क्यों नहीं हुआ यह भी बड़ा सवाल है निष्पक्ष जांच के बाद सब सच्चाई सामने आ जाएगी वही स्वामी शंकारानंद का यह भी आरोप है कि इस षड्यंत्र के पीछे देश और विदेश के लोग लगे हुए हैं

बाइट--स्वामी शंकरानंद गिरी----परमाध्यक्ष----क्रिया योग आश्रम----ऋषिकेश

स्वामी शंकारानंद ने मांग की है कि जेल में रह रहे स्वामी चिन्मयानंद को उचित सुविधाएं मुहैया कराई जाएं उनके स्वास्थ्य व डायबिटीज की बीमारी को देखते हुए उन्हें सभी सुविधा मुहैया कराई जानी जरूरी है उनका इलाज भी सही से होना चाहिए सरकार को उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है स्वामी शंकारानंद ने यह भी कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ साजिश हो रही है क्योंकि इनके बहुत अधिक संख्या में शत्रु हैं और जलन व द्वेष के कारण उनके शत्रु उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं वही स्वामी शंकारानंद से जब शत्रु का नाम पूछा गया तो वह नाम बताने में परहेज करने लगे उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जांच के दौरान सभी नाम सामने आ जाएंगे स्वामी शंकरानंद का ये भी कहना है कि जो छात्रा आरोप लगा रही है वह उस समय से आरोप लगा रही है जब वह कॉलेज में भर्ती भी नहीं हुई थी

बाइट--स्वामी शंकरानंद गिरी----परमाध्यक्ष----क्रिया योग आश्रम----ऋषिकेश

स्वामी चिन्मयानंद के शिष्य स्वामी सर्वेश्वरानंद ने कहा कि बैठक का उद्देश्य है कि अभी तक एक पक्ष का ही बात सामने आई है स्वामी जी के पक्ष की बात भी लोगों के सामने जानी चाहिए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ कई वजह से षड्यंत्र रचा गया है स्वामी चिन्मयानंद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जुड़े हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी जुड़े राम मंदिर से भी जुड़े हुए हैं और विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़े हुए हैं इनका आरोप है कि बीजेपी के संत राम मंदिर से जुड़े शब्द को बदनाम करने से दूसरी पार्टियों को फायदा मिलेगा यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे को तुरंत बुलाने का प्रयास किया है और इस षड्यंत्र में कहीं ताकते लगी हुई है

बाइट--स्वामी सर्वेश्वरानंद----शिष्य----स्वामी चिन्मयानंद मुनिConclusion:साधु संतों पर आरोप लगने का यह कोई पहला मामला नहीं है इस मामले से पूर्व भी कई साधु-संत ऐसे हैं जिन पर इस तरह के आरोप लगते हैं कई मामलों में देखा गया है कि द्वेष भावना से साधु संतों की छवि खराब करने के लिए या किन्हीं अन्य कारणों की वजह से कहीं बार साधु-संतों की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जाता है अब क्योंकि यह मामला माननीय न्यायालय के संज्ञान में है तो देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले की सच्चाई क्या है और इस मामले में कौन माननीय न्यायालय में अपराधी साबित होता है
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