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जेष्ठ पूर्णिमा आज, इस तरह से आपको मिल सकती है भगवान शिव और चंद्रमा की कृपा

जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सोमवार को है जो अपने आप में बहुत विशेष मानी जाती है. साथ ही आज के दिन देश के कई भागों में वट सावित्री का व्रत भी किया जाता है.

हरकी पौड़ी में स्नान करते श्रद्धालु.
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Published : Jun 17, 2019, 10:16 AM IST

Updated : Jun 17, 2019, 10:27 AM IST

हरिद्वार: इस वर्ष की जेष्ठ पूर्णिमा सोमवार को यानि आज है. जिसके चलते यह संयोग और भी ज्यादा विशेष बन गया है. जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को जेष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है, देखा जाएं तो हर महीने पूर्णिमा होती है. लेकिन जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा अपने आप में बहुत विशेष मानी गई है. साथ ही आज के ही दिन देश के कई भागों में वट सावित्री का व्रत भी किया जाता है.

बता दें कि जेष्ठ पूर्णिमा का दिन भगवान सूर्य की विशेष कृपा पाने का दिन है. जिन जातकों की कुंडली में सूर्य इन दिनों कमजोर चल रहे हैं यदि वे आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करते हैं तो विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. यह संयोग की बात है कि जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी 15 दिनों पहले सोमवार को ही थी.

सोमवार को है शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा.

वहीं जेष्ठ पूर्णिमा भी सोमवार को है. जिसके चलते आज के दिन भगवान शिव और चंद्रमा दोनों की कृपा मनुष्य प्राप्त कर सके ऐसे संयोग बन रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पवित्र गंगा जल में स्नान करके पूजा-अर्चना और दान पुण्य करने से मनुष्य को विशेष फल की प्राप्ति होती है.

हरिद्वार: इस वर्ष की जेष्ठ पूर्णिमा सोमवार को यानि आज है. जिसके चलते यह संयोग और भी ज्यादा विशेष बन गया है. जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को जेष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है, देखा जाएं तो हर महीने पूर्णिमा होती है. लेकिन जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा अपने आप में बहुत विशेष मानी गई है. साथ ही आज के ही दिन देश के कई भागों में वट सावित्री का व्रत भी किया जाता है.

बता दें कि जेष्ठ पूर्णिमा का दिन भगवान सूर्य की विशेष कृपा पाने का दिन है. जिन जातकों की कुंडली में सूर्य इन दिनों कमजोर चल रहे हैं यदि वे आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करते हैं तो विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. यह संयोग की बात है कि जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी 15 दिनों पहले सोमवार को ही थी.

सोमवार को है शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा.

वहीं जेष्ठ पूर्णिमा भी सोमवार को है. जिसके चलते आज के दिन भगवान शिव और चंद्रमा दोनों की कृपा मनुष्य प्राप्त कर सके ऐसे संयोग बन रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पवित्र गंगा जल में स्नान करके पूजा-अर्चना और दान पुण्य करने से मनुष्य को विशेष फल की प्राप्ति होती है.

Intro:एंकर- जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को जेष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है, वैसे तो हर महीने पूर्णिमा पड़ती है लेकिन जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा अपने आप में बहुत विशेष मानी गई है, साथ ही इस वर्ष जेष्ठ पूर्णिमा सोमवार के दिन पड़ रही है जिससे यह संयोग और भी ज्यादा विशेष बन गया है। आज के ही दिन देश के कई भागों में वट सावित्री का व्रत भी किया जाता है ।


Body:VO1- जेष्ठ पूर्णिमा का दिन भगवान सूर्य की विशेष कृपा पाने का दिन है, जिस जातक की कुंडली में सूर्य इन दिनों कमजोर चल रहे हैं अगर वह आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करें तो इससे विशेष लाभ की प्राप्ति होती है, संयोग की बात है कि जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी 15 दिनों पहले सोमवार को ही पड़ी थी जिसके बाद आज जेष्ठ पूर्णिमा भी सोमवार को भी पढ़ रही है, ऐसे में संयोग ऐसे बन रहे हैं कि आज के दिन भगवान शिव और चंद्रमा दोनों की कृपा मनुष्य प्राप्त कर सकता है। कल से आषाढ़ मास प्रारंभ होगा। आज के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरकी पौड़ी पर स्नान कर रहे है, ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पवित्र गंगा जल में स्नान कर पूजा अर्चना, दान पुण्य करने से मनुष्य को विशेष फल की प्राप्ति होती है।


Conclusion:
Last Updated : Jun 17, 2019, 10:27 AM IST
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