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अयोध्या मामले में संतों ने किया स्वामी स्वरूपानंद के बयान का समर्थन, कहा- सरकार नहीं हम करवाएंगे मंदिर निर्माण

हरिद्वार के संतों ने तो जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के बयानों का स्वागत किया हैं.

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Published : Feb 6, 2019, 6:19 PM IST

Updated : Feb 6, 2019, 6:56 PM IST

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

हरिद्वार: राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है. प्रयागराज कुंभ में अयोध्या राम मंदिर निर्माण पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बयान पर हरिद्वार के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संतों ने शंकराचार्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि अब राम मंदिर का निर्माण सरकार नहीं हम कराएंगे. इसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कुंभ समाप्त होने पर 4 मार्च को साधु-संतों के अयोध्या कूच करने की बात कही है.

प्रयागराज के बाद अब धर्मनगरी हरिद्वार में भी राम मंदिर निर्माण को लेकर संत अवाज उठाने लगे हैं. ईटीवी भारत ने जब इस विषय पर हरिद्वार के साधु-संतों से बात की तो कुछ संतों ने तो जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के बयानों का स्वागत किया, लेकिन कुछ साधु संतों ने इस पर सवाल भी खड़े करते हुए इसको महज जुमलेबाजी करार दिया है.

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पढे़ं- SSP ने कोतवाली का किया औचक निरीक्षण, दिए ये सख्त दिशा-निर्देश

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सन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के थानापति त्रिकालदर्शी महंत शिवम पुरी का कहना है कि भव्य राम मंदिर निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए लेकिन संतों के बीच जो इस मुद्दे को लेकर विभाजन हो गया है, वह नहीं होना चाहिए. उनका मानना है कि संतों के बीच के इस विभाजन का फायदा कहीं न कहीं नेता उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर संत एक जुट होकर काम करेंगे तभी जनता का भी विश्वास बढ़ेगा. वरना लोग यही सोच रहे हैं राम मंदिर का निर्माण कभी नहीं हो पाएगा.

उस मुद्दे पर महामंडलेश्वर संतोषानंद देव का कहना है कि सरकार राम मंदिर के मामले को टालती दिख रही है, सभी संतों औक लोगों का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो. मंदिर तो बनना ही है, सभी संत मिल के एक तारीख निकाल लें और जल्द से जल्द काम शुरू कर दें.

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महामंडलेश्वर संतोषानंद देव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कहती थी जब उनकी सरकार आयेगी तो राम मंदिर बनेगा, लेकिन उनकी सरकार को अब पांच साल बीतने भी वाले हैं लेकिन अभी भी राम मंदिर बनने के लक्षण नहीं दिख रहे हैं.

प्राचीन अवधूत मंडल के महंत रूपेंद्र प्रकाश का कहना है कि राम मंदिर भूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, भूमि पर स्टे लगा हुआ है. ऐसे में मंदिर निर्माण की जो बात हो रही है. वो जमीन पर ही बनेगा या फिर आकाश में बनेगा. जब राम मंदिर का मामला सालों से कोर्ट में लंबित है तो फिर राम मंदिर का निर्माण कैसे होगा.

लोकसभा चुनावों की तारीख नजदीक आते ही राम मंदिर का मामला गरमाने लगा है. लेकिन दिलचस्प ये है कि आने वाली 21 फरवरी और प्रयागराज कुंभ के बाद 4 मार्च को इस मामले में क्या मोड़ आता है ?

हरिद्वार: राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है. प्रयागराज कुंभ में अयोध्या राम मंदिर निर्माण पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बयान पर हरिद्वार के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संतों ने शंकराचार्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि अब राम मंदिर का निर्माण सरकार नहीं हम कराएंगे. इसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कुंभ समाप्त होने पर 4 मार्च को साधु-संतों के अयोध्या कूच करने की बात कही है.

प्रयागराज के बाद अब धर्मनगरी हरिद्वार में भी राम मंदिर निर्माण को लेकर संत अवाज उठाने लगे हैं. ईटीवी भारत ने जब इस विषय पर हरिद्वार के साधु-संतों से बात की तो कुछ संतों ने तो जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के बयानों का स्वागत किया, लेकिन कुछ साधु संतों ने इस पर सवाल भी खड़े करते हुए इसको महज जुमलेबाजी करार दिया है.

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पढे़ं- SSP ने कोतवाली का किया औचक निरीक्षण, दिए ये सख्त दिशा-निर्देश

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सन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के थानापति त्रिकालदर्शी महंत शिवम पुरी का कहना है कि भव्य राम मंदिर निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए लेकिन संतों के बीच जो इस मुद्दे को लेकर विभाजन हो गया है, वह नहीं होना चाहिए. उनका मानना है कि संतों के बीच के इस विभाजन का फायदा कहीं न कहीं नेता उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर संत एक जुट होकर काम करेंगे तभी जनता का भी विश्वास बढ़ेगा. वरना लोग यही सोच रहे हैं राम मंदिर का निर्माण कभी नहीं हो पाएगा.

उस मुद्दे पर महामंडलेश्वर संतोषानंद देव का कहना है कि सरकार राम मंदिर के मामले को टालती दिख रही है, सभी संतों औक लोगों का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो. मंदिर तो बनना ही है, सभी संत मिल के एक तारीख निकाल लें और जल्द से जल्द काम शुरू कर दें.

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महामंडलेश्वर संतोषानंद देव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कहती थी जब उनकी सरकार आयेगी तो राम मंदिर बनेगा, लेकिन उनकी सरकार को अब पांच साल बीतने भी वाले हैं लेकिन अभी भी राम मंदिर बनने के लक्षण नहीं दिख रहे हैं.

प्राचीन अवधूत मंडल के महंत रूपेंद्र प्रकाश का कहना है कि राम मंदिर भूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, भूमि पर स्टे लगा हुआ है. ऐसे में मंदिर निर्माण की जो बात हो रही है. वो जमीन पर ही बनेगा या फिर आकाश में बनेगा. जब राम मंदिर का मामला सालों से कोर्ट में लंबित है तो फिर राम मंदिर का निर्माण कैसे होगा.

लोकसभा चुनावों की तारीख नजदीक आते ही राम मंदिर का मामला गरमाने लगा है. लेकिन दिलचस्प ये है कि आने वाली 21 फरवरी और प्रयागराज कुंभ के बाद 4 मार्च को इस मामले में क्या मोड़ आता है ?

Intro:एंकर - राम मंदिर निर्माण का मुद्दा अब एक बार फिर से प्रयागराज कुंभ में गरमाने गया है, एक तरफ जहाँ राम मंदिर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने फैसला पारित कर दिया है कि राम मंदिर का निर्माण के लिए सिलान्यास करके 21 फरवरी से काम शुरू हो जाएगा, वहीं दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कुंभ समाप्त होने पर 4 मार्च को साधु संत अयोध्या कूच करेंगे और अब सरकार नहीं बल्कि संत समाज ही राम मंदिर का निर्माण करेगा। देखा जाए तो प्रयागराज के बाद अब धर्मनगरी हरिद्वार में भी राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संत अवाज उड़ाने लगे हैं। ईटीवी भारत ने जब हरिद्वार के साधु संतों से इस विषय पर बात की तो कुछ संतों ने तो जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के बयानों का स्वागत किया लेकिन कुछ साधु संतों ने इसपर सवाल भी खड़े किए है और इसको महज जुमलेबाजी करार दिया है। 

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Body:VO 1 - ईटीवी भारत से राम मंदिर निर्माण पर प्रयागराज में चल रहे घटनाक्रम के बारे में बात करते हुए सन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़ा के थानापति त्रिकालदर्शी महंत शिवम पुरी ने कहा कि भव्य राम मंदिर निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए लेकिन संतों के बीच जो इस मुद्दे को लेकर विभाजन हो गया है वह नहीं होना चाहिए, कहीं ना कहीं संतों के बीच के इस विभाजन का फायदा राजनीतिक लोग उठा रहे हैं, अगर संत एक जुट होकर काम करेंगे तभी जनता का भी विश्वास बढ़ेगा वरना लोग यही सोच रहे हैं राम मंदिर का निर्माण कभी नहीं हो पाएगा। वहीं महामंडलेश्वर संतोषानंद देव का कहना है कि सरकार राम मंदिर के मामले को टालती दिख रही है, सभी संतों एवं लोगों की मांग है राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो, मंदिर तो बनना ही है, सभी संत मिल के एक तारीख निकाल लें और जल्द से जल्द काम शुरू कर दें। महामंडलेश्वर संतोषानंद देव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कहती थी जब हमारी सरकार अयेगी तो राम मंदिर बनेगा लेकिन उनकी सरकार को अब पाँच साल बीतने भी वाले हैं लेकिन अभी भी राम मंदिर बनने के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। 


Byte - महंत शिवम पुरी, थानापती जूना अखाड़ा 


Byte - महामंडलेश्वर संतोषानंद महाराज, अवधूत मंडल





Conclusion:VO 2- जहाँ एक तरफ हरिद्वार में साधु संत जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के बयानों का स्वागत कर रहे हैं वही दूसरी तरफ कुछ संत इन बयानों को महज जुमले बाजी बता रहे हैं, प्राचीन अवधूत मंडल के महंत रूपेंद्र प्रकाश का कहना है कि राम मंदिर भूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, भूमि पर स्टे लगा हुआ है ऐसे में मंदिर निर्माण की जो बात हो रही है वो जमीन पर ही बनेगा या फिर आकाश में बनेगा। जब राम मंदिर का मामला सालों से कोर्ट में लंबित है तो फिर राम मंदिर का निर्माण कैसे होगा। महंत रूपेंद्र प्रकाश ने इन बयानों को महज सुर्खियां बटोरने की कोशिश करार देते हुए कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि भव्य राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो, मंदिर निर्माण होगा लेकिन न्यायसंगत तरीके और संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप ना कि बयानबाजी से। 


Byte - महंत रूपेंद्र प्रकाश, प्राचीन अवधूत मंडल 


F VO - देखा जाए तो जैसे जैसे लोकसभा का चुनाव करीब आते जा रहा है वैसे वैसे राम मंदिर का मामला फिरसे बुलंदी पर है, वैसे यह देखने वाली बात है कि आने वाली 21 फरवरी और प्रयागराज कुंभ के बाद 4 मार्च को इस मामले में क्या मोड़ आता है लेकिन फिलहाल के लिए प्रयागराज के बाद अब धर्मनगरी हरिद्वार में भी यह मुद्दा गरमा गया है। 

Last Updated : Feb 6, 2019, 6:56 PM IST
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