हरिद्वार: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चुनाव संचालन समिति के सदस्य किशोर उपाध्याय ने पार्टी फोरम में अपनी क्षमता के अनुसार न्याय ना मिलने की बात कहकर बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. हरिद्वार दौरे पर पहुंचे किशोर उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस में उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है.
हरिद्वार पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य किशोर उपाध्याय का प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दर्द छलका. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में उनके साथ न्याय नहीं हुआ है. उत्तराखंड में कांग्रेस को स्थापित करने में अगर हरीश रावत का योगदान बहुत बड़ा है तो किशोर उपाध्याय का भी 10-20% योगदान है. लेकिन आज तक पार्टी ने उनकी योग्यता के अनुसार उनके साथ न्याय नहीं किया. राज्य स्थापना के बाद से आज तक पार्टी में लगातार उनकी उपेक्षा की जा रही है.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि जब वो अमेठी में राजीव गांधी के चुनाव इंचार्ज थे. तब राजीव गांधी भारी मतों से जीते थे. उसके बाद राजीव गांधी ने उन्हें वहीं से चुनाव लड़ने का आग्रह भी किया था. उन्होंने उनके आग्रह का आदर करते हुए पहाड़ क्षेत्र का विकास करना उचित समझा. लेकिन कांग्रेस ने उत्तराखंड में उनके साथ न्याय नहीं किया.
2002 में कांग्रेस सरकार में उन्हें मंत्री होना चाहिए था, वह लाभ उन्हें नहीं मिला. पहले ही संगठन में बड़ा पद मिल जाना चाहिए था, वो नहीं मिला और यहां तक कि राज्यसभा जाने तक में भी उनके साथ भेदभाव किया गया. हालांकि, किशोर उपाध्याय ने ये भी कहा कि आज वह जो कुछ भी हैं, वह कांग्रेस पार्टी की ही देन है. वो कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और उत्तराखंड में कांग्रेस को मजबूत करने का काम करेंगे.
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वहीं, उन्होंने पुरोला से विधायक राजकुमार के भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि इस बारे में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष ही बेहतर बता सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच ऐसी नहीं है कि वह किसी दूसरी पार्टी में तोड़फोड़ करें. लेकिन लेकिन भाजपा ने इस काम में मास्टर डिग्री हासिल की है. आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जो भाजपा के मार्गदर्शक एवं आदर्श हैं, उनकी आत्मा दुखी हो रही होगी.
वहीं, आगामी चुनाव उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को उत्तराखंड की जनता को हितों को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र तैयार करना चाहिए. जिसमें बिजली-पानी और अन्य अधिकारों को मुफ्त दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह पार्टी में इस बात को प्रमुखता से रखेंगे कि उत्तराखंड की जनता को बिजली पानी मुफ्त दिया जाए.