देहरादून/हरिद्वार/खटीमा/ बागेश्वर: गुरुवार को पूरे देश में रश्मों रिवाज के साथ करवा चौथ मनाया गया. ये दिन सुहागिन स्त्रियों को लिए काफी अहम होता है. करवा चौथ के मौके पर सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार के साथ अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखा. शाम ढलते ही सभी महिलाओं की नजरें आसमान पर लग गईं. जिसके बाद महिलाओं ने पूजा की थाल हाथ में लेकर चांद को देखते हुए व्रत तोड़ा. वहीं बात अगर उत्तरखंड की करें तो यहां भी सुहागिनों ने अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए पूजा पाठ किया.
देहरादून
राजधानी देहरादून में भी महिलाओं ने इस व्रत को रखते हुए पूजा-अर्चना की. चांद का इंतजार खत्म होने पर महिलाओं ने छन्नी से चांद और अपने पति का दीदार कर व्रत को तोड़ा. राजधानी देहरादून में रात करीब 8:25 मिनट पर चांद का दीदार हुआ. जिसके बाद पूरे शहर में जमकर आतिशबाजी कर इस त्योहार को मनाया गया. इस दौरान महिलाओं ने छलनी से चांद को अर्घ देकर सफल दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद मांगा.
हरिद्वार
धर्मनगरी हरिद्वार की महिलाओं में करवा चौथ को लेकर खासा उत्साह देखा गया. यहां सुबह से ही महिलाएं व्रत की तैयारी में लग गई थीं. इस दौरान महिलाओं का कहना था कि करवा चौथ हिंदुओं के लिए काफी मुख्य त्योहार है. महिलाओं का कहना है कि इस व्रत को पति की लंबी उम्र और उनके स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है. हिंदू महिलाएं इस व्रत को रखकर अपने पति की लंबी उम्र की दुआ करती है.
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खटीमा
सीमांत क्षेत्र खटीमा में भी महिलाओं ने इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस दौरान महिलाओं ने दिन में एकत्र होकर सूर्य भगवान की पूजा अर्चना कर मंगल गीत गाए. साथ ही करवा मां की पूजा अर्चना करते हुए पति की लंबी उम्र की कामना की. इस दौरान महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर दिनभर उपवास किया. साथ ही भजन कीर्तन कर समूह के रूप में इस पर्व को मनाया गया. रात को चंद्रमा के दर्शन कर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति देव की पूजा कर उनके हाथ से जल ग्रहण कर करवा चौथ के व्रत को पूर्ण किया.
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बागेश्वर
बागेश्वर में महिलाओं ने बागनाथ मंदिर में भगवान गणेश, शिव, पार्वती और कार्तिकेय की पूजा की. इस दौरान महिलाओं ने करवा माई की कहानी सुनी. महिलाओं ने पति के सुख और सौभाग्य को अक्षत रखने की कामना करते हुए पूजा अर्चना की. पूजा के दौरान नगर पालिका क्षेत्र के चौक बाजार, दुर्ग बाजार, कत्यूर बाजार, मजियाखेत, आदर्श कॉलोनी, मंडलसेरा, भागीरथी, कठायतबाड़ा, ठाकुरद्वारा समेत तमाम स्थानों की महिलाएं उमड़ी. जिसके बाद सभी महिलाओं ने विधिविधान से पूजा अर्चना की. शाम को महिलाओं ने चंद्रमा की पूजा की. जिसके बाद उन्होंने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला. इस दौरान महिलाओं ने कहा कि इस दिन का उनके जीवन में बड़ा महत्व है. इस दिन महिलाएं पूरी तरह से सजधज कर पति की लंबी उम्र की कामना के साथ उपवास रखती हैं. इस दिन भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा की जाती है. महिलाएं पति के हाथ से पानी पीकर ही उपवास खोलती हैं.
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देशभर में दिखा चांद
करवा चौथ 'शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, 'करवा' यानी 'मिट्टी का बरतन' और 'चौथ' यानि 'चतुर्थी'. इस बार करवा चौथ पर कई विशेष संयोग बने. महिलाओं ने सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए ये व्रत रखा.