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मुस्लिम धर्मगुरु मौलवी आरिफ बोले- तीन तलाक बिल जबरन थोपा गया, दिल्ली में होगी चर्चा

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में देश भर से तमाम मुस्लिम धर्मगुरु हिस्सा लेने पहुचेंगे. ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा ए हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ से खास बातचीत की.

दिल्ली में मुस्लिम धर्म गुरुओं की अहम बैठक.
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Published : Aug 4, 2019, 11:03 PM IST

हरिद्वार: तीन तलाक कानून बनाने के बाद अब मुस्लिम समाज के धर्मगुरु इसके विरोध में उतर आए हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बैनर तले देश भर से मुस्लिम धर्मगुरु दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में तीन तलाक, राम मंदिर और मॉब लिंचिंग सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में मुस्लिम धर्मगुरु जो भी फैसले करेंगे एक कमेटी उन्हें लेकर सरकार से बातचीत करेगी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ से खास बातचीत की.

दिल्ली में मुस्लिम धर्म गुरुओं की अहम बैठक.

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में देश भर से तमाम मुस्लिम धर्मगुरु हिस्सा लेने पहुचेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ ने कहा कि बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें मॉब लिंचिंग, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे अहम मुद्दे होंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे समाज में डर का माहौल बन गया है. जिससे देश नफरत की ओर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को कानून बनाने के लिए कहा था. बावजूद इसके देश में इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं. जिस पर तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी.

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मौलवी आरिफ में तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज इस बिल से खुश नहीं है. मुसलमानों को इस बिल से तकलीफ पहुंची है, क्योंकि इस बिल को बनाने से पहले सरकार ने उलेमाओं से कोई बातचीत नहीं की. यह कानून बनाकर सिर्फ मुसलमानों पर थोप दिया गया है. इस कानून का मुस्लिम समाज की महिलाएं भी विरोध कर रही थीं. उन्होंने बताया कि तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम चलाकर इसकी मुखालफत की थी.

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उन्होंने कहा कि तीन तलाक को लेकर हम मुस्लिमों में जागरूकता पैदा कर रहे थे कि सिर्फ तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं होता है. हम अपनी मस्जिदों में भी मुस्लिम लोगों को इसके बारे में बता रहे थे. शरीयत भी तीन तलाक को सही नहीं मानती है. मगर सरकार ने कानून बनाकर उसमें सजा का प्रावधान किया है यह बिल्कुल ही गलत है.

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राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए मौलवी आरिफ ने कहा कि इस मामले में जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट देगा वही मान्य होगा. राम मंदिर का फैसला कोर्ट के माध्यम से ही हो सकता है. उन्होंने कहा है कि हमे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है.

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मौलवी आरिफ ने कहा कि जमीयत उलेम- ए-हिंद के बैनर तले होने वाली इस बैठक में जितने भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे उन्हें लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा. यह कमेटी सरकार से इन सभी मामलों पर चर्चा करेगी और मुस्लिमों की परेशानियों को सरकार के सामने रखेगी.

हरिद्वार: तीन तलाक कानून बनाने के बाद अब मुस्लिम समाज के धर्मगुरु इसके विरोध में उतर आए हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बैनर तले देश भर से मुस्लिम धर्मगुरु दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में तीन तलाक, राम मंदिर और मॉब लिंचिंग सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में मुस्लिम धर्मगुरु जो भी फैसले करेंगे एक कमेटी उन्हें लेकर सरकार से बातचीत करेगी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ से खास बातचीत की.

दिल्ली में मुस्लिम धर्म गुरुओं की अहम बैठक.

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में देश भर से तमाम मुस्लिम धर्मगुरु हिस्सा लेने पहुचेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ ने कहा कि बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें मॉब लिंचिंग, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे अहम मुद्दे होंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे समाज में डर का माहौल बन गया है. जिससे देश नफरत की ओर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को कानून बनाने के लिए कहा था. बावजूद इसके देश में इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं. जिस पर तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी.

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मौलवी आरिफ में तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज इस बिल से खुश नहीं है. मुसलमानों को इस बिल से तकलीफ पहुंची है, क्योंकि इस बिल को बनाने से पहले सरकार ने उलेमाओं से कोई बातचीत नहीं की. यह कानून बनाकर सिर्फ मुसलमानों पर थोप दिया गया है. इस कानून का मुस्लिम समाज की महिलाएं भी विरोध कर रही थीं. उन्होंने बताया कि तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम चलाकर इसकी मुखालफत की थी.

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उन्होंने कहा कि तीन तलाक को लेकर हम मुस्लिमों में जागरूकता पैदा कर रहे थे कि सिर्फ तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं होता है. हम अपनी मस्जिदों में भी मुस्लिम लोगों को इसके बारे में बता रहे थे. शरीयत भी तीन तलाक को सही नहीं मानती है. मगर सरकार ने कानून बनाकर उसमें सजा का प्रावधान किया है यह बिल्कुल ही गलत है.

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राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए मौलवी आरिफ ने कहा कि इस मामले में जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट देगा वही मान्य होगा. राम मंदिर का फैसला कोर्ट के माध्यम से ही हो सकता है. उन्होंने कहा है कि हमे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है.

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मौलवी आरिफ ने कहा कि जमीयत उलेम- ए-हिंद के बैनर तले होने वाली इस बैठक में जितने भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे उन्हें लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा. यह कमेटी सरकार से इन सभी मामलों पर चर्चा करेगी और मुस्लिमों की परेशानियों को सरकार के सामने रखेगी.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक के कानून बनाने के बाद अब मुस्लिम समाज के धर्मगुरु इसके विरोध में सामने आ गए हैं कल जमीयत उलेमाए हिंद के बैनर टले देश भर से मुस्लिम धर्मगुरु दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं इसमें तीन तलाक राम मंदिर और मॉबलिंचिंग सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी इस बैठक में मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा जितने भी फैसले करें जायेगे मुस्लिम धर्मगुरु की एक कमेटी बनाकर सरकार से वार्ता की जाएगी जो इन तमाम मुद्दों पर मुस्लिमों की बात सरकार तक पहुंचाने का काम करेगी ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा ए हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ से खास बातचीत की


Body:तालकटोरा स्टेडियम में मुस्लिम धर्म गुरुओं की बैठक में देश भर से तमाम मुस्लिम धर्मगुरु बैठक में हिस्सा लेने पहुचेंगे जमीयत उलेमा ए हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कल दिल्ली में होने वाली बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी इसमें मॉबलिंचिंग तीन तलाक और राम मंदिर का मुद्दा अहम है उनका कहना है कि जिस तरह से देश में मॉबलिंचिंग की घटनाएं हो रही है उसकी वजह से लोगों के अंदर डर का वातावरण है और इससे समाज अच्छी दिशा की ओर नहीं जा रहा है कुछ सालों से देश में नफरत का माहौल बन रहा है अगर नफरत देश के अंदर बढ़ेगी तो देश में अमन खत्म हो जाएगा जब देश में रहने वाले लोग को घर से निकलने के बाद उन्हें यह भी ना पता लगे कि घर वापसी जा पाएंगे या नहीं यह डर का वातावरण ही पैदा करता है ऐसे हालात देश में बढ़ते जा रहे हैं मोबलिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को कहा था कि इस पर कानून बनाए ऐसे हालात क्यो पैदा हो रहे हैं कल दिल्ली तालकटोरा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और इसमें मुस्लिम समाज के लोग ही नहीं और धर्मों के लोग भी शिरकत करेंगे

बाइट-- मौलवी आरिफ--जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष

वहीं मौलवी आरिफ में तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज इस बिल से खुश नहीं है मुसलमानों को इस बिल से तकलीफ पहुंची है क्योंकि इस बिल को बनाने से पहले सरकार ने उलेमाओं से कोई बातचीत नहीं की यह कानून बनाकर सिर्फ मुसलमानों के ऊपर थोप दिया गया है इस कानून कि मुस्लिम समाज की महिलाएं भी विरोध कर रही थी तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम चलाकर सरकार को इस कानून को पास ना करने की मुखालफत की थी इस कानून से मुस्लिम महिलाओं की सूरते हाल और खराब होगी मगर सरकार ने इस सभी बातों को नजरअंदाज करके कानून को पास किया है तीन तलाक को लेकर हम मुस्लिमों में जागरूकता पैदा कर रहे थे कि सिर्फ तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं होता है हम अपनी मस्जिदों में भी मुस्लिम लोगों को इसके बारे में बताते हैं शरीयत भी तीन तलाक को सही नहीं मानती है मगर सरकार ने कानून बनाकर उसमें सजा का प्रावधान किया है यह बिल्कुल ही गलत है क्योंकि जब पति जेल चला जाएगा तो पत्नी की देखभाल कौन करेगा इस कानून के बाद अब महिलाएं जब तक पति जेल में है तब तक दूसरा निकाल भी नहीं कर सकेगी क्योंकि कानून की नजर में वह पत्नी रहेगी जब तक तलाक नहीं होता है

बाइट-- मौलवी आरिफ--जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष

मौलवी आरिफ ने राम मंदिर मामले पर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर केस में जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट देगा वही मान्य होगा राम मंदिर का फैसला कोर्ट के माध्यम से ही हो सकता है हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करेगी हमें मंजूर होगा इतने वक्त से राम मंदिर का मुद्दा कोर्ट में चल रहा है और अब जल्दी ही राम मंदिर पर कोर्ट फैसला सुनाए यह काम अदालत का है कोर्ट का फैसला आस्था पर ना होकर साक्ष्य पर हो राम मंदिर को लेकर भी कल होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी

बाइट-- मौलवी आरिफ--जमीयत उलेमा ए हिंद उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष


Conclusion:जमीयत उलेमा ए हिंद के बैनर तले दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में जितने भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे उसको लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद के द्वारा एक कमेटी का गठन किया जाएगा वह कमेटी सरकार से इस सभी मामलों पर चर्चा करेगी और उनको मुस्लिमों की परेशानी से अवगत कराएगी और सरकार द्वारा इन सभी परेशानियों को दूर करने का सरकार से आवान करेगी अब देखना होगा कल दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में किन किन मुद्दों पर प्रस्ताव पास होता है और उन प्रस्तावों पर सरकार का क्या रुख रहता है यह देखने वाली बात होगी
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