हरिद्वार: तीन तलाक कानून बनाने के बाद अब मुस्लिम समाज के धर्मगुरु इसके विरोध में उतर आए हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बैनर तले देश भर से मुस्लिम धर्मगुरु दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में तीन तलाक, राम मंदिर और मॉब लिंचिंग सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में मुस्लिम धर्मगुरु जो भी फैसले करेंगे एक कमेटी उन्हें लेकर सरकार से बातचीत करेगी. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ से खास बातचीत की.
तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में देश भर से तमाम मुस्लिम धर्मगुरु हिस्सा लेने पहुचेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मौलवी आरिफ ने कहा कि बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें मॉब लिंचिंग, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे अहम मुद्दे होंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे समाज में डर का माहौल बन गया है. जिससे देश नफरत की ओर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को कानून बनाने के लिए कहा था. बावजूद इसके देश में इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं. जिस पर तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी.
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मौलवी आरिफ में तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज इस बिल से खुश नहीं है. मुसलमानों को इस बिल से तकलीफ पहुंची है, क्योंकि इस बिल को बनाने से पहले सरकार ने उलेमाओं से कोई बातचीत नहीं की. यह कानून बनाकर सिर्फ मुसलमानों पर थोप दिया गया है. इस कानून का मुस्लिम समाज की महिलाएं भी विरोध कर रही थीं. उन्होंने बताया कि तकरीबन 3 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने इसके खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम चलाकर इसकी मुखालफत की थी.
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उन्होंने कहा कि तीन तलाक को लेकर हम मुस्लिमों में जागरूकता पैदा कर रहे थे कि सिर्फ तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं होता है. हम अपनी मस्जिदों में भी मुस्लिम लोगों को इसके बारे में बता रहे थे. शरीयत भी तीन तलाक को सही नहीं मानती है. मगर सरकार ने कानून बनाकर उसमें सजा का प्रावधान किया है यह बिल्कुल ही गलत है.
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राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए मौलवी आरिफ ने कहा कि इस मामले में जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट देगा वही मान्य होगा. राम मंदिर का फैसला कोर्ट के माध्यम से ही हो सकता है. उन्होंने कहा है कि हमे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है.
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मौलवी आरिफ ने कहा कि जमीयत उलेम- ए-हिंद के बैनर तले होने वाली इस बैठक में जितने भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे उन्हें लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा. यह कमेटी सरकार से इन सभी मामलों पर चर्चा करेगी और मुस्लिमों की परेशानियों को सरकार के सामने रखेगी.