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DRDO के डायरेक्टर जनरल पहुंचे पतंजलि योगपीठ, शोध कार्यों को सराहा

भारत सरकार के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के डीएस व डायरेक्टर जनरल लाइफ साइंस डॉ. एके सिंह पतंजलि योगपीठ पहुंचे. उनके साथ पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इण्डिया (डीजीसीआई) तथा वर्तमान डब्ल्यूएचओ के साइंटिफिक डायरेक्टर इण्डियन फार्मोकोकोपिआ जीएन सिंह भी मौजूद रहे.

Haridwar Patanjali Yogpeeth
हरिद्वार पतंजलि योगपीठ
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Published : Jan 2, 2021, 6:44 PM IST

हरिद्वार: इस अवसर पर डॉ. सिंह ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर पतंजलि द्वारा संचालित शोध कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पतंजलि स्थित विश्वस्तरीय लैब अत्याधुनिक संयंत्रों से युक्त है. डॉ. सिंह ने कहा कि मेरा यह प्रथम अनुभव है कि आयुर्वेद में एनिमल ट्रायल से लेकर ह्यूमन ट्रायल तक एविडेंस बेस्ड मेडिसिन की ड्रग डिस्कवरी के प्रामाणिक कार्य का संपादन किया जा रहा है. आयुर्वेद में इस तरह का विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य पतंजलि योगपीठ के माध्यम से ही संभव है.

Haridwar Patanjali Yogpeeth
डायरेक्टर जनरल डॉ. एके सिंह और आचार्य बालकृष्ण.

इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित लैब एनएबीएल मान्यता प्राप्त है. वर्तमान में पतंजलि अनुसंधान संस्थान में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय के नेतृत्व में 500 वैज्ञानिक, एक हजार से अधिक आयुर्वेद के चिकित्सक व स्कॉलर्स एवं सैकड़ों शिक्षाविद् आचार्य निरंतर शोध कार्य में संलग्न हैं.

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से गिलोय, अश्वगंधा तथा तुलसी आदि पर आयुर्वेद आधारित सैकड़ों रिसर्च पेपर्स-नेचर्स, मोलिक्यूल्स, फ्रंटियर इन फार्मोकोलॉजी, बायो मोलिक्यूल्स, स्प्रिंगर तथा एल्सवेयर आदि विश्वस्तरीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एम्स दिल्ली से हुए डिस्चार्ज

कोरोनिल के बाद पतंजलि अनुसंधान संस्थान जल्द ही चमत्कारिक गुणों से भरपूर दर्द निवारक पीड़ानिल गोल्ड तथा पीड़ानिल स्प्रे, लीवर के लिए लीवोग्रीट तथा लीवामृत एडवांस आदि अनेक प्रमाणिक अनुसंधनपरक औषधियाँ लेकर आ रहा है.

हरिद्वार: इस अवसर पर डॉ. सिंह ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण कर पतंजलि द्वारा संचालित शोध कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पतंजलि स्थित विश्वस्तरीय लैब अत्याधुनिक संयंत्रों से युक्त है. डॉ. सिंह ने कहा कि मेरा यह प्रथम अनुभव है कि आयुर्वेद में एनिमल ट्रायल से लेकर ह्यूमन ट्रायल तक एविडेंस बेस्ड मेडिसिन की ड्रग डिस्कवरी के प्रामाणिक कार्य का संपादन किया जा रहा है. आयुर्वेद में इस तरह का विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य पतंजलि योगपीठ के माध्यम से ही संभव है.

Haridwar Patanjali Yogpeeth
डायरेक्टर जनरल डॉ. एके सिंह और आचार्य बालकृष्ण.

इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित लैब एनएबीएल मान्यता प्राप्त है. वर्तमान में पतंजलि अनुसंधान संस्थान में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय के नेतृत्व में 500 वैज्ञानिक, एक हजार से अधिक आयुर्वेद के चिकित्सक व स्कॉलर्स एवं सैकड़ों शिक्षाविद् आचार्य निरंतर शोध कार्य में संलग्न हैं.

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से गिलोय, अश्वगंधा तथा तुलसी आदि पर आयुर्वेद आधारित सैकड़ों रिसर्च पेपर्स-नेचर्स, मोलिक्यूल्स, फ्रंटियर इन फार्मोकोलॉजी, बायो मोलिक्यूल्स, स्प्रिंगर तथा एल्सवेयर आदि विश्वस्तरीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं.

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कोरोनिल के बाद पतंजलि अनुसंधान संस्थान जल्द ही चमत्कारिक गुणों से भरपूर दर्द निवारक पीड़ानिल गोल्ड तथा पीड़ानिल स्प्रे, लीवर के लिए लीवोग्रीट तथा लीवामृत एडवांस आदि अनेक प्रमाणिक अनुसंधनपरक औषधियाँ लेकर आ रहा है.

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