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15 सालों से संघर्ष कर रहे ग्रामीणों की मेहनत लाई रंग, सोलानी नदी पर जल्द बनेगा पुल

सोलानी नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का अब इंतजार खत्म होने वाला है.15 सालों से उनका संघर्ष जारी था. इसके बनने के ग्रामीणों को अब 20 किमी का अतिरिक्त सफर तय नहीं करना पडे़गा. केंद्र सरकार ने इसका बजट राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दिया है

जल्द बनेगा पुल
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Published : Feb 27, 2019, 10:56 PM IST

हरिद्वारः पिछले 15 सालों से सोलानी नदी पर पुल निर्माण की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों को आखिरकार जीत मिली गई है. ग्रामीणों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. इसको लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने सोनाली नदी के किनारे पूजा कर जीत का बिगुल बजाया. आपको बता दें कि मामला मंगलौर विधानसभा के अंर्तगत आमखेड़ी गांव का है, जो कि सोलानी नदी के किनारे बसा हुआ है.

सोलानी नदी पर पुल बनने का रास्ता साफ.

इस गांव के साथ लगभग एक दर्जन गांव से लक्सर जाने के लिए 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता था, जबकि अगर सोनाली नदी से लक्सर जाएं तो मात्र 4 से 5 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. जिसको लेकर उत्तराखंड बनने के बाद से ही ग्रामीणों ने इस नदी पर पुल बनाने की मांग की थी.

इस पुल के ना बनने से सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है. अब इस पुल के निर्माण के जल्दी होने की आस ग्रामीणों को भी जगने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल की वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. दूसरे गांव में जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. अब इस पुल के बनने के बाद इस परेशानी से निजात मिल सकेगी.

इतने लंबे समय से पुल का निर्माण नहीं हो सका इसमें जनप्रतिनिधियों की सबसे बड़ी खामियां हैं. पुल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि हमारे गांव में सड़के भी नहीं है और आवाजाही के लिए बस की सुविधा भी नहीं है.
नारायण दत्त तिवारी सरकार ने मंजूर किए थे सात करोड़
नारायण दत्त तिवारी सरकार ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए इस पुल के निर्माण के लिए सात करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसके बाद 50 लाख लगाकर उसकी डीपीआर भी तैयार की गई थी, मगर उसके बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका. इस पुल की वर्ष 2013 में लागत बढ़कर 12 करोड़ और 2018 में 26 करोड़ तक पहुंच गई, पर मामला ज्यों का त्यों अटका पड़ा रहा, क्योंकि पुल के लिए बजट नहीं मिल सका था.

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जिसके बाद आमखेड़ी गांव की पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार को आदेश जारी किए है कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कराया जाए.


इसके निर्माण के लिए साढे़ 26 करोड़ का बजट देने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए. जसवीर चौधरी का कहना है कि यह राशि हाईकोर्ट के आदेश पर स्वीकृत हुई है और प्रदेश सरकार द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने पर कानूनी रूप से उन्होंने ही इस लड़ाई को लड़ा है.

इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ता शुभम रस्तोगी का कहना है कि हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने पुल के लिए बजट ना होने की बात कही थी, लेकिन पुल से जुड़े जनहित को देखते हुए जनवरी के पहले सप्ताह में हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और रमेश कुमार खुल्बे की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को पुल के लिए बजट और जल्द से जल्द इस पुल के निर्माण हो इसके आदेश दिए हैं जिससे क्षेत्र का विकास हो सके. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इसका बजट राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दिया है

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दूसरी ओर इस पुल को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. इस पुल का शिलान्यास हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक करने वाले थे, उससे पहले ही पूर्व ग्राम प्रधान कुसुम देवी ने अपने पति जसवीर चौधरी और ग्रामीणों के साथ नदी तट पर पहुंचकर पूजा अर्चना कर पुल का शिलान्यास कर दिया. अब देखना होगा कि इस पुल के निर्माण ना होने से जहां ग्रामीण इतने सालों से परेशान थे, क्या अब राजनीति होने से अधर में ही लटका रहेगा या जल्द से जल्द इसका निर्माण भी होगा

हरिद्वारः पिछले 15 सालों से सोलानी नदी पर पुल निर्माण की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों को आखिरकार जीत मिली गई है. ग्रामीणों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. इसको लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने सोनाली नदी के किनारे पूजा कर जीत का बिगुल बजाया. आपको बता दें कि मामला मंगलौर विधानसभा के अंर्तगत आमखेड़ी गांव का है, जो कि सोलानी नदी के किनारे बसा हुआ है.

सोलानी नदी पर पुल बनने का रास्ता साफ.

इस गांव के साथ लगभग एक दर्जन गांव से लक्सर जाने के लिए 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता था, जबकि अगर सोनाली नदी से लक्सर जाएं तो मात्र 4 से 5 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. जिसको लेकर उत्तराखंड बनने के बाद से ही ग्रामीणों ने इस नदी पर पुल बनाने की मांग की थी.

इस पुल के ना बनने से सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है. अब इस पुल के निर्माण के जल्दी होने की आस ग्रामीणों को भी जगने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल की वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. दूसरे गांव में जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. अब इस पुल के बनने के बाद इस परेशानी से निजात मिल सकेगी.

इतने लंबे समय से पुल का निर्माण नहीं हो सका इसमें जनप्रतिनिधियों की सबसे बड़ी खामियां हैं. पुल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि हमारे गांव में सड़के भी नहीं है और आवाजाही के लिए बस की सुविधा भी नहीं है.
नारायण दत्त तिवारी सरकार ने मंजूर किए थे सात करोड़
नारायण दत्त तिवारी सरकार ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए इस पुल के निर्माण के लिए सात करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसके बाद 50 लाख लगाकर उसकी डीपीआर भी तैयार की गई थी, मगर उसके बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका. इस पुल की वर्ष 2013 में लागत बढ़कर 12 करोड़ और 2018 में 26 करोड़ तक पहुंच गई, पर मामला ज्यों का त्यों अटका पड़ा रहा, क्योंकि पुल के लिए बजट नहीं मिल सका था.

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जिसके बाद आमखेड़ी गांव की पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार को आदेश जारी किए है कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कराया जाए.


इसके निर्माण के लिए साढे़ 26 करोड़ का बजट देने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए. जसवीर चौधरी का कहना है कि यह राशि हाईकोर्ट के आदेश पर स्वीकृत हुई है और प्रदेश सरकार द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने पर कानूनी रूप से उन्होंने ही इस लड़ाई को लड़ा है.

इस संबंध में हाईकोर्ट के अधिवक्ता शुभम रस्तोगी का कहना है कि हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार ने पुल के लिए बजट ना होने की बात कही थी, लेकिन पुल से जुड़े जनहित को देखते हुए जनवरी के पहले सप्ताह में हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और रमेश कुमार खुल्बे की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को पुल के लिए बजट और जल्द से जल्द इस पुल के निर्माण हो इसके आदेश दिए हैं जिससे क्षेत्र का विकास हो सके. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इसका बजट राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दिया है

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दूसरी ओर इस पुल को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. इस पुल का शिलान्यास हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक करने वाले थे, उससे पहले ही पूर्व ग्राम प्रधान कुसुम देवी ने अपने पति जसवीर चौधरी और ग्रामीणों के साथ नदी तट पर पहुंचकर पूजा अर्चना कर पुल का शिलान्यास कर दिया. अब देखना होगा कि इस पुल के निर्माण ना होने से जहां ग्रामीण इतने सालों से परेशान थे, क्या अब राजनीति होने से अधर में ही लटका रहेगा या जल्द से जल्द इसका निर्माण भी होगा

Intro:पिछले 15 सालों से सोलानी नदी पर पुल निर्माण की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों को आखिरकार जीत मिली गई इसको लेकर आज ग्रामीणों ने मिलकर सोनाली नदी के किनारे पूजा कर जीत का बिगुल बजाया आपको बता दें कि मामला मंगलौर विधानसभा आम खेड़ी गांव का है जो कि सोलानी नदी के किनारे बसा हुआ है और इस गांव के साथ लगभग एक दर्जन गांव को लक्सर जाने के लिए 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता था जबकि अगर सोना नदी से लक्सर जाए तो मात्र 4 से 5 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी जिसको लेकर उत्तराखंड बनने के बाद से ही ग्रामीणों ने इस नदी पर पुल बनाने की मांग की थी






Body:इस पुल के ना बनने से सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है अब इस पुल के निर्माण के जल्दी होने की आस ग्रामीणों को भी जगने लगी है ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल की वजह से हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था हमें दूसरे गांव में जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था अब इस पुल के बनने के बाद हमे इस परेशानी से निजात मिल सकेगी इतने लंबे समय से पुल का निर्माण नहीं हो सका इसमें जनप्रतिनिधियों की सबसे बड़ी खामियां है पुल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि हमारे गांव में सड़के भी नहीं है और आवाज जाई के लिए बस की सुविधा भी नहीं है


बाइट--विशाल वर्मा--स्थानीय निवासी

नारायण दत्त तिवारी सरकार ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए इस पुल के निर्माण के लिए सात करोड़ स्वीकृत किए थे जिसके बाद 50 लाख लगाकर उसकी डीपीआर भी तैयार की गई थी मगर उसके बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका इस पुल के वर्ष 2013 में लागत बढ़कर 12 करोड़ और 2018 में 26 करोड तक पहुंच गई पर मामला ज्यों का त्यों अटका पड़ा रहा क्योंकि स्कूल के लिए बजट नहीं मिल सका था जिसके बाद आम खेड़ी गांव की पूर्व प्रधान कुसुम देवी ने इस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार को आदेश जारी किए है कि जल्द से जल्द इस पुल का निर्माण कराया जाए और इसके निर्माण के लिए साढे 26 करोड़ का बजट देने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए जसवीर चौधरी का कहना है कि यह राशि हाई कोर्ट के आदेश पर स्वीकृत हुई है और प्रदेश सरकार द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने पर कानूनी रूप से उन्होंने ही इस लड़ाई को लड़ा है

बाइट--जसवीर चौधरी--पूर्व प्रधानपति

वहीं हाईकोर्ट के अधिवक्ता शुभम रस्तोगी का कहना है कि हाई कोर्ट में प्रदेश सरकार ने पुल के लिए बजट ना होने की बात कही थी मगर पुल से जुड़े जनहित को देखते हुए जनवरी के पहले सप्ताह में हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और रमेश कुमार खुल्बे की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को पुल के लिए बजट और जल्द से जल्द इस पुल के निर्माण हो इस के आदेश दिए हैं  जिससे क्षेत्र का विकास हो सके जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस का बजट राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को दिया है

बाइट-- शुभम रस्तोगी--अधिवक्ता हाई कोर्ट





Conclusion:वहीं इस पुल को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है इस पुल का शिलान्यास हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक करने वाले थे उससे पहले ही पूर्व ग्राम प्रधान कुसुम देवी ने अपने पति जसवीर चौधरी और ग्रामीणों के साथ नदी तट पर पहुंच कर पूजा अर्चना कर पुल का शिलान्यास कर दिया अब देखना होगा कि इस पुल के निर्माण ना होने से जहां ग्रामीण इतने सालों से परेशान थे क्या अब राजनीति होने से अधर में ही लटका रहेगा या जल्द से जल्द इसका निर्माण भी होगा

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