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महिला अपराध पर नहीं लग रही लगाम, कुमाऊं में 10 महीनों में 1028 मामले आए सामने - 10 महीनों में 1028 मामले

समाज में लगातार हो रहे महिला अपराध पर लगाम लगाने को पुलिस प्रयासरत है, लेकिन ऐसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं. जनजागरुकता और हेल्पलाइन शुरू करने के बाद भी आंकड़ों के अनुसार कुमाऊं मंडल के 6 जिलों से अधिक घटनाएं सामने आती है.

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कुमाऊं मंडल में बढ़े महिला अपराध के मामले.
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Published : Dec 1, 2019, 3:52 PM IST

हल्द्वानी: महिला अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस महिला हेल्पलाइन के साथ-साथ कई जन जागरुकता अभियान भी चला रही हैं. फिर भी कुमाऊं मंडल की शांत वादियों में महिला अपराध के संख्या में साल दर साल वृद्धि देखी जा रही है. ताजे आंकड़ों के अनुसार पहाड़ की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है.

कुमाऊं मंडल में बढ रहा महिला अपराध.

बता दें कि कुमाऊं मंडल में 10 महीनों में महिला अपराध काफी बढ़े हैं. वहीं, इस दौरान 1028 महिलाअपराध के मामले दर्ज कराए जा चुके हैं. इन मामलों में बलात्कार के 164 मामलों के साथ उधम सिंह नगर पहले नंबर पर जा पहुंचा है. गौर हो कि कुमाऊं मंडल के 6 जिले नैनीताल, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत और बागेश्वर में महिला अपराध की संख्या में पिछले 2 सालों की तुलना में वृद्धि हुई है. बात कुमाऊं मंडल की करें तो जनवरी माह से अक्टूबर तक 10 महीनों में महिला अपराध के 1028 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि साल 2018 में 1025 और 2017 में 915 मामले दर्ज हुए थे.

यह भी पढ़ें: चमोली: विवाहिता ने पिंडर नदी में कूदकर दी जान, जांच में जुटी पुलिस

वहीं, इस पूरे मामले में डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी का कहना है कि महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है. साथ ही जन जागरुकता अभियान के माध्यम से महिला अपराध को रोकने में काफी हद तक कामयाबी भी मिली है. उन्होंने कहा कि महिला अपराध के मामले में पिछले साल की तुलना के बराबर ही है. हालांकि, महिला अपराध कुमाऊं पुलिस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

हल्द्वानी: महिला अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस महिला हेल्पलाइन के साथ-साथ कई जन जागरुकता अभियान भी चला रही हैं. फिर भी कुमाऊं मंडल की शांत वादियों में महिला अपराध के संख्या में साल दर साल वृद्धि देखी जा रही है. ताजे आंकड़ों के अनुसार पहाड़ की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है.

कुमाऊं मंडल में बढ रहा महिला अपराध.

बता दें कि कुमाऊं मंडल में 10 महीनों में महिला अपराध काफी बढ़े हैं. वहीं, इस दौरान 1028 महिलाअपराध के मामले दर्ज कराए जा चुके हैं. इन मामलों में बलात्कार के 164 मामलों के साथ उधम सिंह नगर पहले नंबर पर जा पहुंचा है. गौर हो कि कुमाऊं मंडल के 6 जिले नैनीताल, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत और बागेश्वर में महिला अपराध की संख्या में पिछले 2 सालों की तुलना में वृद्धि हुई है. बात कुमाऊं मंडल की करें तो जनवरी माह से अक्टूबर तक 10 महीनों में महिला अपराध के 1028 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि साल 2018 में 1025 और 2017 में 915 मामले दर्ज हुए थे.

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वहीं, इस पूरे मामले में डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी का कहना है कि महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है. साथ ही जन जागरुकता अभियान के माध्यम से महिला अपराध को रोकने में काफी हद तक कामयाबी भी मिली है. उन्होंने कहा कि महिला अपराध के मामले में पिछले साल की तुलना के बराबर ही है. हालांकि, महिला अपराध कुमाऊं पुलिस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

Intro:sammry- पहाड़ के संत वादियों में भी महिलाएं नहीं है सुरक्षित कुमाऊं मंडल में बढ़े महिला अपराध 10 महीनों में 1028 मामले दर्ज बलात्कार के 164 मामले के साथ उधम सिंह नगर पहले नंबर पर।( स्पेशल खबर) एंकर- महिला अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस महिला हेल्पलाइन के साथ साथ कई जन जागरूकता अभियान भी चला रही हैं लेकिन कुमाऊं मंडल के पहाड़ के शांत वादियों में महिला अपराध के संख्या में हर साल वृद्धि देखी जा रही है। ताजे आंकड़े बता रहे हैं कि पहाड़ की बेटियां सुरक्षित नहीं है और लगातार अपराध बढ़ रहे हैं।


Body:ताजा आंकड़ा बता रहे हैं कि कुमाऊं मंडल के 6 जिले नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ , अल्मोड़ा ,चंपावत ,बागेश्वर में महिला अपराध की संख्या में पिछले 2 सालों की तुलना में वृद्धि हुई है। बात कुमाऊं मंडल की करें तो जनवरी माह से अक्टूबर तक 10 महीनों में महिला अपराध के 1028 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि वर्ष 2018 में 1025 और 2017 में 915 मामले दर्ज हुए थे। महिला अपराध के मामले में उधम सिंह नगर पहले नंबर पर हैं वर्ष 2019 में जनवरी से अक्टूबर 10 महीनों में 612 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें हत्या के 18, बलात्कार के 95, अपहरण के 61,दहेज हत्या के 15 मामले,छेड़ छाड़ के 77 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि नैनीताल जनपद में इस वर्ष 10 महीने में अभी तक 282 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2018 में 258 मामले दर्ज थे जबकि 2017 में 274 मामले दर्ज हुए थे। जिसमें हत्या 10 मामले,बलत्कार के 39 मामले, अपहरण के 19 मामले दहेज हत्या के 4 मामले दर्ज किए गए हैं छेडख़ानी के 74 बात अल्मोड़ा जनपद की करें तो इस वर्ष 10 महीनों में केवल 20 मामले दर्ज किए गए हैं वर्ष 2018 में 36 और 2017 में 23 मामले दर्ज थे। इस वर्ष हत्या 0 शून्य है बलत्कार के 4 मामले, अपहरण के 2 मामले दहेज हत्या के 1मामले छेड़खानी के7 मामले दर्ज किए गए हैं। बात पिथौरागढ़ जनपद की करे तो इस वर्ष अभी तक 50 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 2018 में 71 मामले दर्ज हुए जबकि 2017 में 23 मामले। जिसमें हत्या 3 मामले,बलत्कार के 11मामले, अपहरण के 3 मामले दहेज हत्या के 3मामले दर्ज किए गए हैं जबकि छेड़खानी के 10 मामले। बात बागेश्वर जिले की करें तो इस वर्ष 33 मामले दर्ज हुए हैं जबकि2018 में 20 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2017 में 25 मामले। इस वर्ष हत्या 1 मामले,बलत्कार के 6 मामले, अपहरण के 1 मामले दहेज हत्या के 3 मामले दर्ज किए गए हैं छेड़खानी के 9 मामले। बात चंपावत जनपद की करे तो इस वर्ष अभी तक 31 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 2018 में 27 मामले जबकि 2017 में 30 मामले दर्ज हुए थे। जिसमें हत्या 1 मामले,बलत्कार के 9 मामले, अपहरण के 0 शून्य मामले दहेज हत्या के 1 मामले दर्ज किए गए जबकी छेड़खानी के 4 मामले दर्ज किए गए।


Conclusion:इस पूरे मामले में डीआईजी कुमाऊ जगतराम जोशी का कहना है कि महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है साथी जन जागरूकता के माध्यम से महिला अपराध को रोकने में काफी हद तक कामयाबी भी पाई गई है। उन्होंने कहा कि महिला अपराध के मामले में पिछले साल की तुलना के बराबर ही हैं। बाइट जगतराम जोशी डीआईजी कुमाऊं ऐसे में लगातार बढ़ रही महिला अपराध कुमाऊ के शांत वादियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है और ऐसे ही महिला अपराध होता रहा तो पहाड़ की बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पायेगी
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