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गांव तक जाने के लिए नहीं है पुल, जान जोखिम में डाल उफनाई नदी पार कर रहे लोग

हल्द्वानी के विजयपुर गांव के ग्रामीण हर साल बरसात के मौसम में अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन से कई बार पुल निर्माण की मांग के बावजूद इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Published : Jul 24, 2019, 7:10 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 7:39 PM IST

जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र का विजयपुर गांव डबल इंजन सरकार और प्रशासन की बेरुखी झेल रहा है. इस गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सूखी नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से शहर जाने के लिए इस नदी को पार करने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है. तेज बहाव वाली इस नदी को पार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक और शासन-प्रशासन से कई बार पुल बनाने की मांग की गई, बावजूद इसके अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

बता दें कि हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर स्थित विजयपुर गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव को शहर से जोड़ने वाले रास्ते में सूखी नदी पड़ती है. इस नदी का नाम सूखी इसलिए पड़ा क्योंकि ये नदी सालभर सूखी पड़ी रहती है. लेकिन बरसात के महीनों में ये नदी उफान पर आ जाती है. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होमस्टे योजना को बढ़ावा देने की जरूरत- उत्पल कुमार

स्कूली बच्चों का कहना है कि नदी पार करते वक्त किताबें, जूते सहित कई सामान नदी के बहाव में बह जाते हैं. जिसके चलते उनके माता-पिता को दोबारा सारी चीजें खरीदनी पड़ जाती हैं. साथ ही बच्चों ने कहा कि कभी-कभी बहाव तेज होने के कारण कई बच्चे डर कर बेहोश भी हो जाते हैं. जिनको वापस घर ले जाना पड़ता है.

जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के महीनों में वे अपने बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार करवाते हैं. ऐसे में जिस दिन नदी का बहाव ज्यादा तेज होता है उस दिन बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. जिसके चलते उनकी पढ़ाई रुक जाती है. इतना ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे मौसम में अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने में भी देरी हो जाती है. जिससे मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है.

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि नदी पर पुल बनाने के लिए सभी लोगों ने शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगायी, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

वहीं मामले में एसडीएम विवेक राय ने कहा कि पटवारी और लोगों से बात कर आग्रह किया गया है कि जब नदी का बहाव तेज हो तो उसमें प्रवेश न करें.

हल्द्वानी: गौलापार क्षेत्र का विजयपुर गांव डबल इंजन सरकार और प्रशासन की बेरुखी झेल रहा है. इस गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सूखी नदी पार करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से शहर जाने के लिए इस नदी को पार करने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है. तेज बहाव वाली इस नदी को पार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक और शासन-प्रशासन से कई बार पुल बनाने की मांग की गई, बावजूद इसके अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

बता दें कि हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर स्थित विजयपुर गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव को शहर से जोड़ने वाले रास्ते में सूखी नदी पड़ती है. इस नदी का नाम सूखी इसलिए पड़ा क्योंकि ये नदी सालभर सूखी पड़ी रहती है. लेकिन बरसात के महीनों में ये नदी उफान पर आ जाती है. जिसके चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होमस्टे योजना को बढ़ावा देने की जरूरत- उत्पल कुमार

स्कूली बच्चों का कहना है कि नदी पार करते वक्त किताबें, जूते सहित कई सामान नदी के बहाव में बह जाते हैं. जिसके चलते उनके माता-पिता को दोबारा सारी चीजें खरीदनी पड़ जाती हैं. साथ ही बच्चों ने कहा कि कभी-कभी बहाव तेज होने के कारण कई बच्चे डर कर बेहोश भी हो जाते हैं. जिनको वापस घर ले जाना पड़ता है.

जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के महीनों में वे अपने बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार करवाते हैं. ऐसे में जिस दिन नदी का बहाव ज्यादा तेज होता है उस दिन बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. जिसके चलते उनकी पढ़ाई रुक जाती है. इतना ही नहीं ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे मौसम में अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने में भी देरी हो जाती है. जिससे मरीज की हालत और गंभीर हो जाती है.

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि नदी पर पुल बनाने के लिए सभी लोगों ने शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगायी, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

वहीं मामले में एसडीएम विवेक राय ने कहा कि पटवारी और लोगों से बात कर आग्रह किया गया है कि जब नदी का बहाव तेज हो तो उसमें प्रवेश न करें.

Intro:sammry- इस गांव के बच्चों का स्कूल जाना खतरे से खाली नहीं( एक्सक्लुसिव)

एंकर- राज्य की डबल इंजन सरकार और प्रशासन की बेरुखी झेल रहे हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र के विजयपुर गांव के ग्रामीण और स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं । हल्की सी बरसात में विजयपुर गांव से पहले सूखी नदी उफान पर आ जाती है और विजयपुर जाने के लिए इस नदी को पार करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है लिहाजा विजयपुर गांव के बच्चे और वहां के लोग जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। यह हम आपको अपने एक्सक्यूज विजुअल में दिखा रहे हैं ।


Body:हल्द्वानी से मात्र 7 किलोमीटर दूर विजय नगर गांव सूखी नदी पार है मगर वहां के वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं । गांव के स्कूली बच्चेशहर स्कूल आने के लिए सूखी नदी को पार करते हैं ।अगर स्कूल जाते हुए बच्चे इस नदी के तेज बहाव में बह जाते हैं बड़ी घटना का जिम्मेदार आखिर कौन होगा। लंबे समय से यह लोग सरकार और प्रशासन से पूल बनाने की गुहार लगाते आ रहे हैं उसके बाद भी सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है। इसका सीधा खामियाजा बरसात के तीन महीनों में इनको झेलना पड़ता है। रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चों को सुबह स्कूल जाना आना पड़ता है जिस वजह से उनके स्कूल की किताबें और ड्रेस पूरी तरह भीग जाती है और ज्यादा पानी आने पर परिजन बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देते हैं । कहीं ना कहीं स्कूली बच्चों के भविष्य पर भी इसका सीधा असर पड़ता है । यही नही बच्चों को नदी में बहने के डर से अभिभावक भी अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार कराते हैं ।


Conclusion:ग्रामीणों का कहना है कि नदी पर पुल के लिए विधायक और सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक उनका सुनने वाला कोई नहीं है।

बाइट-ग्रमीण
बाइट- बाइट स्कूल छात्रा

शासन-प्रशासन और बड़े-बड़े दावे करने वाली डबल इंजन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हल्द्वानी के विजयनगर गांव के बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं । जिला प्रशासन यह सब देखकर भी आंख बंद किया हुआ है और कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा हैं।
Last Updated : Jul 24, 2019, 7:39 PM IST
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