हल्द्वानी: देवभूमि के पहाड़ों में स्वास्थ सेवाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आज भी पहाड़ी और दुर्गम इलाके के लोग बेहतर स्वास्थ सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. यही कारण है कि स्वास्थ्य महकमा अब प्रदेशभर में उन डॉक्टरों को नोटिस जारी करने जा रहा है जिन्होंने अभी तक दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं नहीं दी है.
बता दें कि सरकारी खर्चों पर मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर चुके डॉक्टर भी दुर्गम क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते. सभी डॉक्टर सुगम में रहकर अपनी सेवाएं देना चाहते हैं. जबकि, शर्तों के अनुसार सरकारी खर्चों पर पढ़ने वाले डॉक्टरों को कम से कम 5 साल के लिए दुर्गम इलाकों में अपनी सेवाएं देना आवश्यक है.
पढ़ें: चारधाम यात्रा मार्गों की सरकार को नहीं दिखती बदहाली, बस दावे और काम कुछ नहीं
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्रधानाचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि कोई भी डॉक्टर दुर्गम इलाकों में जाने को तैयार नहीं होता. अगर कोई डॉक्टर चला भी जाता है तो कुछ दिनों में छोड़कर वापिस चला आता है. लेकिन अब ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि अब तक 44 ऐसे डॉक्टरों को नोटिस जारी कर दिया गया है. जोकि अपने तैनाती स्थल से नदारद रहते हैं.