हल्द्वानी/देहरादून: प्रमोशन में आरक्षण राज्य सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है. ये मामला सरकार के लिए न उगलते बन रहा है और निगलते. मामले में पहले ही पूरे प्रदेश में जनरल ओबीसी कर्मचारी पिछले 13 दिनों से हड़ताल पर हैं. इसके बाद अब एससी-एसटी कर्मचारियों ने भी सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है. उनका कहना है अगर सरकार किसी दबाव में फैसला लेती है तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
हल्द्वानी में एससी-एसटी संघ ने प्रेस वार्ता कर सरकार को चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार एससी एसटी कर्मचारियों के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ करती है तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा अगर सरकार अनके हकों से साथ छेड़छाड़ करती है तो प्रदेश के सफाई कर्मचारी सहित एससी-एसटी के कर्मचारी सामूहिक रुप से हड़ताल पर चले जाएंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी. एससी एसटी के कर्मचारियों ने कहा वे पहले से ही शोषित हैं, ऐसे में अगर उनके हकों को छेड़ा गया तो अच्छा नहीं होगा.
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सरकार के लिए बुद्धि-शुद्धि स्तुति
वहीं, राजधानी में भी कमोवेश ये ही हालात देखने को मिले. यहां भी एससी-एसटी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतावनी देते हुए अपने हितों की बात की. लैंसडाउन चौक स्थित एक रेस्टोरेंट में मीडिया से बात करते हुए एसटी-एससी इंप्लाइज फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष करण राम ने कहा कि कल से सरकार को बुद्धि प्रदान करने के लिए बुद्धि-शुद्धि स्तुति की जाएगी. उन्होंने कहा अगर सरकार एसटी-एससी कर्मियों के खिलाफ कोई गलत निर्णय लेती है तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे.
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दबाव में फैसला न ले सरकार
एससी-एसटी कर्मचारी वर्ग का कहना है कि प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ उन्हें विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है. ऐसे में अगर सरकार दबाव में आकर पदोन्नति में आरक्षण खत्म करती है तो उन्हें आंदोलित होना पड़ेगा. उन्होंने कहा पदोन्नति में आरक्षण उनका मौलिक अधिकार है.