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हल्द्वानी उप कारागार में कैदियों पर खर्च हुए इतने करोड़ रुपये, क्षमता से ज्यादा हैं कैदी

उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. और 305 कैदियों को रखने की क्षमता वाली कारागार में 1046 कैदी रखे गए हैं.

उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने.
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Published : Jun 26, 2019, 8:49 PM IST

हल्द्वानी: नगर के उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI के जरिए जो सच्चाई सामने आई है, वो हैरान करने वाली है. उप कारागार में राज्य बनने के बाद से अभी तक बिजली बिल पर करीब एक करोड़ और पानी बिल पर साठ लाख रुपए खर्च किए गए हैं.

उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने.

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया को उप कारागार से RTI के तहत मिली जानकारी के अनुसार साल 2000 से 2018 तक हल्द्वानी उप कारागार में बिजली पर 1,56,57,202 रुपये जबकि पानी पर 59,31,260 रुपए व्यय किए गए हैं. साथ ही साल 2018 से 2019 के लिए 1,40,000 की धनराशि को बिजली के बिल के लिए आवंटित किया गया है. वहीं पिछले 5 सालों में हल्द्वानी जेल के कैदियों के खाने पर 6 करोड़ रुपए और औषधि सहित अन्य खर्चों पर लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

गौर हो कि नगर के उप कारागार में 305 कैदियों को रखने की क्षमता है. जबकि वर्तमान में 1046 कैदी कारागार में बंद हैं.

ये भी पढ़े: सैलानी प्रकृति की नेमत को देखने दूर-दूर से पहुंच रहे सरोवर नगरी, व्यवसायियों के खिले चेहरे

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने बताया कि गरीब प्रदेश में इस तरह से कैदियों के ऊपर फिजूलखर्ची किया जाना ठीक नहीं है. अगर समय रहते इन कैदियों के मुकदमा का निपटारा कर दिया जाता तो इस तरह के खर्चों से बचा जा सकता है. साथ ही कहा कि प्रदेश की जेलों में सौर ऊर्जा की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे कि बिजली की बर्बादी भी ना हो और पैसों की बचत हो सके.

हल्द्वानी: नगर के उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI के जरिए जो सच्चाई सामने आई है, वो हैरान करने वाली है. उप कारागार में राज्य बनने के बाद से अभी तक बिजली बिल पर करीब एक करोड़ और पानी बिल पर साठ लाख रुपए खर्च किए गए हैं.

उप कारागार में कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं और खर्चों को लेकर RTI रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने.

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया को उप कारागार से RTI के तहत मिली जानकारी के अनुसार साल 2000 से 2018 तक हल्द्वानी उप कारागार में बिजली पर 1,56,57,202 रुपये जबकि पानी पर 59,31,260 रुपए व्यय किए गए हैं. साथ ही साल 2018 से 2019 के लिए 1,40,000 की धनराशि को बिजली के बिल के लिए आवंटित किया गया है. वहीं पिछले 5 सालों में हल्द्वानी जेल के कैदियों के खाने पर 6 करोड़ रुपए और औषधि सहित अन्य खर्चों पर लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

गौर हो कि नगर के उप कारागार में 305 कैदियों को रखने की क्षमता है. जबकि वर्तमान में 1046 कैदी कारागार में बंद हैं.

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सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने बताया कि गरीब प्रदेश में इस तरह से कैदियों के ऊपर फिजूलखर्ची किया जाना ठीक नहीं है. अगर समय रहते इन कैदियों के मुकदमा का निपटारा कर दिया जाता तो इस तरह के खर्चों से बचा जा सकता है. साथ ही कहा कि प्रदेश की जेलों में सौर ऊर्जा की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे कि बिजली की बर्बादी भी ना हो और पैसों की बचत हो सके.

Intro:sammry- हल्द्वानी जेल में के कैदियों पर करोड़ों खर्च।( इस खबर का बाइट मेल से उठाए जबकि विजुअल मोजो से)

एंकर- उत्तराखंड के जेलों की दशा और दिशा किसी से नहीं छुपा है। इन जेलों में सरकारी धन का दुरुपयोग कैसा होता है इसका अंदाजा हल्द्वानी के उप कारागार में देखने को मिल रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार हल्द्वानी उप कारागार में रहने वाले कैदीयो पर सरकार खूब मेहरबान है और बिजली पानी और खाने की चीजों पर खूब खर्चा कर रही है।


Body:हल्द्वानी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने हल्द्वानी उप कारागार से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी की हल्द्वानी जेल में रहने वाले कैदियों पर उत्तराखंड बनने के बाद से बिजली और पानी में कितना खर्च किया गया । जिसके बादआंकड़े चौंकाने वाले सामने आए हैं। जेल प्रशासन ने बताया है कि उत्तराखंड बनने से 2018 तक हल्द्वानी उप कारागार में बिजली पर 1,56,57,202 रुपये जबकि पानी पर 59,31,260 रुपए व्यय किए गए हैं। आईटीआई से यह भी जानकारी मिली है कि 2018 -19 के लिए ₹140000 की धनराशि इस वर्ष के लिए बिजली के बिल के लिए आवंटन किया गया है।
गौरतलब है कि हेमंत गोनिया ने फरवरी माह में भी हल्द्वानी जेल प्रशासन से आईटीआई मांगी थी कि पिछले 5 सालों में हल्द्वानी जेल के कैदियों पर खाने और स्वास्थ्य पर कितना खर्चा किया गया है ।जिसमें जेल प्रशासन ने बताया था कि जेल में 305 कैदियों की क्षमता है जबकि वर्तमान में 1046 कैदी रह रहे हैं। जिनके भोजन में 6,49,92,914 रुपए खर्च किए गए हैं जबकि औषधि सहित अन्य खर्चो पर 1 करोड़ ₹4लाख खर्च किए गए हैं।


Conclusion:वहीं सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि गरीब प्रदेश में इस तरह से कैदियों के ऊपर फिजूलखर्ची किया जाना ठीक नहीं है ।अगर समय रहते इन कैदियों के मुकदमा का निपटारा कर दिया जाता तो इस तरह के खर्चे से बचा जा सकता है। साथी प्रदेश के जिलों में सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जाए जिससे कि बिजली की बर्बादी भी ना हो और पैसे का भी बचत हो सके।

बाइट हेमंत गौनिया आरटीआई कार्यकर्ता
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