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इन अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों को सरकार से उम्मीद, मनवा चुके हैं अपनी प्रतिभा का लोहा

सद्भाव और सक्षम की मां किरण रौतेला घर के कामकाज छोड़कर हमेशा दोनों बच्चों के साथ उनकी खेल के प्रतिभा को बढ़ावा देती हैं. घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद भी वे लगातार उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं.

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Published : Jul 19, 2019, 10:41 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 11:41 PM IST

अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों को सरकार से उम्मीद.

हल्द्वानी: सरकार खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी सद्भाव और सक्षम में देखने को मिलती है. सद्भाव और सक्षम अब तक शतरंज में कई खिताब जीत चुके हैं. ये दोनों भाई दुनिया भर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं लेकिन राज्य ने आज तक इन दोनों भाइयों को किसी तरह की आर्थिक सहायता तक नहीं दी. वहीं, बात अगर प्रदेश में खिलाड़ियों को मिलने वाली सब्सिडी की करें तो उसका भी इन दोनों भाइयों को कोई लाभ नहीं मिला है.

अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों को सरकार से उम्मीद.


ये दोनों भाई अपने करियर के शुरुआत से ही शतरंज की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग देशों में जाते रहे हैं लेकिन इनके प्रति सरकार का उदासीन रवैया कहीं न कहीं इनकी खेल प्रतिभा की अवहेलना साबित हो रहा है. ये दोनों भाई खेलों में प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन इसका भी नतीजा सिफर ही निकला. सद्भाव और सक्षम की मां किरण रौतेला घर के कामकाज छोड़कर हमेशा दोनों बच्चों के साथ उनकी खेल के प्रतिभा को बढ़ावा देती हैं.

घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद भी वे लगातार उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. किरण रौतेला ने बताया कि बच्चों को खेल में आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बागेश्वर में अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच दी है.सद्भाव और सक्षम के माता-पिता का कहना है कि उनके दोनों बच्चे शतरंज में नंबर वन खिलाड़ी बने ये ही उनका सपना है.

बता दें कि सद्भाव की उम्र महज 9 साल और सक्षम की उम्र 15 साल है. ये दोनों ही अपनी उम्र कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शतरंज के खिलाड़ी हैं. हाल में ही सक्षम रूस और सर्वेयर मास्टर टूर्नामेंट खेल कर आए हैं. जिसमें विश्व भर के 1000 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया. सक्षम रौतेला ने इस टूर्नामेंट में रसिया, हंगरी और स्पेन के तीन ग्रैंडमास्टरों को हराकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया. अब उनके विश्व रैंकिंग में 2290 प्वाइंट हो गये हैं. वे जल्द ही और फ्रांस में होने वाली अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं

वहीं, बात अगर सद्भाव की करें तो वे अब तक कई देशों में शतरंज की प्रतियोगिता जीत चुके हैं. हाल ही में वे रसिया में बी कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ग्रैंड मास्टर को हरा कर आए हैं. सद्भाव की भारत में अपने आयु वर्ग में पहली रैंकिंग है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी रेटिंग 1777 है. सद्भाव अगस्त महीने में अहमदाबाद में हो रहे शतरंज के नेशनल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करेंगे.

हल्द्वानी: सरकार खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी सद्भाव और सक्षम में देखने को मिलती है. सद्भाव और सक्षम अब तक शतरंज में कई खिताब जीत चुके हैं. ये दोनों भाई दुनिया भर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं लेकिन राज्य ने आज तक इन दोनों भाइयों को किसी तरह की आर्थिक सहायता तक नहीं दी. वहीं, बात अगर प्रदेश में खिलाड़ियों को मिलने वाली सब्सिडी की करें तो उसका भी इन दोनों भाइयों को कोई लाभ नहीं मिला है.

अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों को सरकार से उम्मीद.


ये दोनों भाई अपने करियर के शुरुआत से ही शतरंज की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग देशों में जाते रहे हैं लेकिन इनके प्रति सरकार का उदासीन रवैया कहीं न कहीं इनकी खेल प्रतिभा की अवहेलना साबित हो रहा है. ये दोनों भाई खेलों में प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन इसका भी नतीजा सिफर ही निकला. सद्भाव और सक्षम की मां किरण रौतेला घर के कामकाज छोड़कर हमेशा दोनों बच्चों के साथ उनकी खेल के प्रतिभा को बढ़ावा देती हैं.

घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बावजूद भी वे लगातार उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. किरण रौतेला ने बताया कि बच्चों को खेल में आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बागेश्वर में अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच दी है.सद्भाव और सक्षम के माता-पिता का कहना है कि उनके दोनों बच्चे शतरंज में नंबर वन खिलाड़ी बने ये ही उनका सपना है.

बता दें कि सद्भाव की उम्र महज 9 साल और सक्षम की उम्र 15 साल है. ये दोनों ही अपनी उम्र कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शतरंज के खिलाड़ी हैं. हाल में ही सक्षम रूस और सर्वेयर मास्टर टूर्नामेंट खेल कर आए हैं. जिसमें विश्व भर के 1000 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया. सक्षम रौतेला ने इस टूर्नामेंट में रसिया, हंगरी और स्पेन के तीन ग्रैंडमास्टरों को हराकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया. अब उनके विश्व रैंकिंग में 2290 प्वाइंट हो गये हैं. वे जल्द ही और फ्रांस में होने वाली अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं

वहीं, बात अगर सद्भाव की करें तो वे अब तक कई देशों में शतरंज की प्रतियोगिता जीत चुके हैं. हाल ही में वे रसिया में बी कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ग्रैंड मास्टर को हरा कर आए हैं. सद्भाव की भारत में अपने आयु वर्ग में पहली रैंकिंग है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी रेटिंग 1777 है. सद्भाव अगस्त महीने में अहमदाबाद में हो रहे शतरंज के नेशनल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करेंगे.

Intro:sammry- अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ियों को सरकार से उम्मीद।( इस खबर को मेल से उठाएं)


एंकर-खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के सरकार बड़े बड़े दावे तो करती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को किस किस तरह से उपेक्षा झेलनी पड़ रही है यह शतरंज के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सद्भाव और सक्षम के हालत देखने से पता लगती है ।सद्भाव और सक्षम जो की शतरंज के खेल में उतने माहिर हैं कि 15 देशों से अधिक देशों में कई खिताब जीत चुके हैं ।सद्भाव और सक्षम दोनों सगे भाई हैं और बचपन से शतरंज खेलते हैं सद्भाव की उम्र महज 9 वर्ष है जबकि सक्षम की उम्र 15 वर्ष है। दोनों अपने उम्र कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शतरंज के खिलाड़ी हैं हाल ही में सक्षम रौतेला रूस और सर्वेयर मास्टर टूर्नामेंट खेल कर आए हैं जिसमें विश्व भर के 1000 खिलाड़ी ने प्रतिभाग किया था साक्षम रौतेला ने इस टूर्नामेंट में रसिया हंगरी और स्पेन के तीन ग्रैंडमास्टरो को हराकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रैंकिंग में काफी बढ़ोतरी की है। अब उनकी रैंकिंग विश्व में 2290 पॉइंट पर हो गई है ।अब जल्द ही और फ्रांस में होने वाले अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं जहां उनका लक्ष्य अपनी रेटिंग को 2400 सौ तक पहुंचाने का है।


Body:वहीं 9 वर्षीय सद्भाव रौतेला अब तक कई देशों में शतरंज की प्रतियोगिता जीत चुके हैं और हाल ही में रसिया में बी कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय ग्रैंड मास्टर को हरा कर आए हैं जिनकी भारत में अपने आयु वर्ग में पहली रैंकिंग है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी रेटिंग 1777 है अब सद्भाव अगस्त माह में अहमदाबाद में हो रहे शतरंज के नेशनल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करेंगे उसके बाद टर्की और फ्रांस में भी मास्टर चैंपियनशिप टर्की प्रीमियम लीग और ओपन टूर्नामेंट खेलेंगे जहां उनका लक्ष्य है कि वह अपनी रेटिंग प्वाइंट को 2000 तक पहुंचाकर विश्व के नंबर वन खिलाड़ी बने।
बाइट- सक्षम रौतेला अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शतरंज।
बाइट- सद्भाव रौतेला अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी


Conclusion:यह दोनों भाई अब तक 10 यूरोपियन कंट्री में खेल चुके हैं लेकिन आज तक उत्तराखंड के इन होनहार खिलाड़ियों को सरकार ने किसी तरह की कोई मदद नहीं दी यहां तक कि दोनों खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से मुलाकात की वहां भी उन्हें दिलासा के अलावा कुछ नहीं मिला सद्भाव और सक्षम की मां किरण रौतेला अपने घर के कामकाज छोड़कर हमेशा अपने दोनों बच्चों के साथ उनकी खेल के प्रति बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करती रहती है घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत ना होने के बावजूद भी बच्चों की प्रतिभा को बढ़ाने के लिए उन्होंने बागेश्वर में अपनी पुश्तैनी जमीन भी भेज दी है। माता पिता का यही सपना है कि उनके दोनों बच्चे शतरंज के खेल में विश्व में नंबर वन बने इन दोनों खिलाड़ियों की प्रतिभा ने देश-विदेश में उत्तराखंड का तो नाम रोशन कर दिया है लेकिन राज्य सरकार आज भी इनको हासिये पर रखे हुए हैं क्योंकि शतरंज के यह छोटे से खिलाड़ियों ने जितनी ख्याति प्राप्त की है उससे राज्य सरकार को सीख लेते हु इस परिवार की मदद करनी चाहिए।

बाइट -किरण रौतेला सक्षम और सद्भाव की मां
Last Updated : Jul 19, 2019, 11:41 PM IST
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