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हल्द्वानी की बेटी दृष्टि ने किया नाम रोशन, सेना में बनी अफसर

19 मार्च को पुणे में पासिंग आउट परेड में दृष्टि राजपाल को लेफ्टिनेंट का दर्जा मिला. दृष्टि को इंटर्नशिप के लिए पहली पोस्टिंग सिकंदराबाद मिली है.

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सेना में लेफ्टिनेंट बनी हल्द्वानी की बेटी दृष्टि राजपाल
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Published : Mar 19, 2020, 10:41 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी की बेटी डॉ. दृष्टि राजपाल थल सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं. दृष्टि राज्यपाल के लेफ्टिनेंट बनने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं हल्द्वानी के लोग भी इस खबर के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

19 मार्च को पुणे में पासिंग आउट परेड में दृष्टि राजपाल को लेफ्टिनेंट का दर्जा मिला. दृष्टि को इंटर्नशिप के लिए पहली पोस्टिंग सिकंदराबाद मिली है. दृष्टि की माता डॉ. गुंजन राजपाल और पिता अतुल राजपाल चिकित्सक हैं. दृष्टि की प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में हुई. साल 2015 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद दृष्टि का चयन पुणे की आर्म्स फोर्स मेडिकल कॉलेज के लिए हुआ. जहां से दृष्टि ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उनका का चयन थल सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है.

पढ़ें- उत्तराखंड: ये 'जंग' जीत जाएंगे, सावधानी ही है कोरोना से बचाव

कोरोना वायरस की दहशत के चलते पासिंग आउट परेड में कैडर्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया था. दृष्टि के थल सेना में लेफ्टिनेंट बनने से परिवार में जहां खुशी का माहौल है तो हल्द्वानी के लिए यह गर्व की बात है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी की बेटी डॉ. दृष्टि राजपाल थल सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं. दृष्टि राज्यपाल के लेफ्टिनेंट बनने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं हल्द्वानी के लोग भी इस खबर के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

19 मार्च को पुणे में पासिंग आउट परेड में दृष्टि राजपाल को लेफ्टिनेंट का दर्जा मिला. दृष्टि को इंटर्नशिप के लिए पहली पोस्टिंग सिकंदराबाद मिली है. दृष्टि की माता डॉ. गुंजन राजपाल और पिता अतुल राजपाल चिकित्सक हैं. दृष्टि की प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में हुई. साल 2015 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद दृष्टि का चयन पुणे की आर्म्स फोर्स मेडिकल कॉलेज के लिए हुआ. जहां से दृष्टि ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उनका का चयन थल सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है.

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कोरोना वायरस की दहशत के चलते पासिंग आउट परेड में कैडर्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया था. दृष्टि के थल सेना में लेफ्टिनेंट बनने से परिवार में जहां खुशी का माहौल है तो हल्द्वानी के लिए यह गर्व की बात है.

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