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उत्तराखंड के पर्यटन पर पड़ी कोरोना की मार, यात्री नहीं मिलने से टैक्सी संचालक बेहाल

उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर में फिर से सब कुछ अस्तव्यस्त होता नजर आ रहा है. कोरोना की सबसे ज्यादा मार पर्यटन क्षेत्र को पड़ी है. लोग उत्तराखंड में होटलों की बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं. इस कारण टैक्सी संचालकों को यात्री नहीं मिल रहे हैं. उत्तराखंड के टैक्सी संचालक सरकार से मदद मांग रहे हैं.

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Published : Jan 19, 2022, 11:48 AM IST

Updated : Jan 19, 2022, 12:44 PM IST

Corona cases increased in Uttarakhand
टैक्सी व्यवसाय ठप

हल्द्वानी: उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है. यहां की आर्थिक स्थिति पर्यटन पर टिकी हुई है. उत्तराखंड के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन पर्यटन है. लेकिन पिछले 2 सालों से उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. उत्तराखंड में पर्यटन कारोबार से जुड़े होटल और टैक्सी चालकों के ऊपर कोविड 19 की मार बहुत ज्यादा पड़ी है.

इस समय देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है. ऐसे में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन और नाइट कर्फ्यू के चलते बाहर से आने वाले पर्यटक अब फिर उत्तराखंड नहीं पहुंच रहे हैं. इसके चलते पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है. बात टैक्सी कारोबारियों की करें तो नैनीताल जनपद में करीब 7,000 टैक्सी कारोबारी हैं जो पर्यटन कारोबार से जुड़े हुए हैं. लेकिन कोविड 19 गाइडलाइन के चलते पर्यटक नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि उत्तराखंड बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा सख्ती का भी असर देखा जा रहा है. सख्त गाइडलाइन के कारण पर्यटक उत्तराखंड नहीं पहुंच रहे हैं. इसका सीधा असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है.

टैक्सी व्यवसाय पर कोरोना की मार

ये भी पढ़ें: CORONA UPDATE: देश में 232 दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक उपचाराधीन मरीज


टैक्सी कारोबारियों की मानें तो पिछले दो तीन महीनों से उनका कारोबार ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन सरकार की नई गाइडलाइन के बाद पर्यटक उत्तराखंड नहीं आ रहे हैं. इसके चलते अब उनका कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. टैक्सी का कारोबार मात्र 20% रह गया है. इसके चलते उनके टैक्स के साथ-साथ वाहनों की बैंक किस्त भी जमा नहीं हो पा रही है. इससे उनकी चिंता बढ़ गई है.

सच्चाई ये है कि बाहर से आने वाले पर्यटक अपने होटल की बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं. इसके चलते टैक्सी के लिए सवारियां नहीं मिल पा रही हैं. टैक्सी कारोबारियों का कहना है कि उनके वाहन पिछले 10 दिनों से टैक्सी स्टैंड पर खड़े हैं और सवारियां नहीं मिल पा रही हैं जो उनके लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोना: लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को भूले, दून में एक दिन में 1,687 केस


टैक्सी चालकों ने शासन और जिला प्रशासन से मांग की है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए राहत दी जाए. इसके अलावा बॉर्डर पर की गई सख्ती में ढिलाई बरती जाए, जिससे कि पर्यटक उत्तराखंड आ सकें जिससे टैक्सी कारोबारियों के साथ-साथ पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबारियों के लिए रोजी रोटी की व्यवस्था हो सके.

हल्द्वानी: उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है. यहां की आर्थिक स्थिति पर्यटन पर टिकी हुई है. उत्तराखंड के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन पर्यटन है. लेकिन पिछले 2 सालों से उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुका है. उत्तराखंड में पर्यटन कारोबार से जुड़े होटल और टैक्सी चालकों के ऊपर कोविड 19 की मार बहुत ज्यादा पड़ी है.

इस समय देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है. ऐसे में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन और नाइट कर्फ्यू के चलते बाहर से आने वाले पर्यटक अब फिर उत्तराखंड नहीं पहुंच रहे हैं. इसके चलते पर्यटन कारोबार से जुड़े कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है. बात टैक्सी कारोबारियों की करें तो नैनीताल जनपद में करीब 7,000 टैक्सी कारोबारी हैं जो पर्यटन कारोबार से जुड़े हुए हैं. लेकिन कोविड 19 गाइडलाइन के चलते पर्यटक नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि उत्तराखंड बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा सख्ती का भी असर देखा जा रहा है. सख्त गाइडलाइन के कारण पर्यटक उत्तराखंड नहीं पहुंच रहे हैं. इसका सीधा असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है.

टैक्सी व्यवसाय पर कोरोना की मार

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टैक्सी कारोबारियों की मानें तो पिछले दो तीन महीनों से उनका कारोबार ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन सरकार की नई गाइडलाइन के बाद पर्यटक उत्तराखंड नहीं आ रहे हैं. इसके चलते अब उनका कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. टैक्सी का कारोबार मात्र 20% रह गया है. इसके चलते उनके टैक्स के साथ-साथ वाहनों की बैंक किस्त भी जमा नहीं हो पा रही है. इससे उनकी चिंता बढ़ गई है.

सच्चाई ये है कि बाहर से आने वाले पर्यटक अपने होटल की बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं. इसके चलते टैक्सी के लिए सवारियां नहीं मिल पा रही हैं. टैक्सी कारोबारियों का कहना है कि उनके वाहन पिछले 10 दिनों से टैक्सी स्टैंड पर खड़े हैं और सवारियां नहीं मिल पा रही हैं जो उनके लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है.
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टैक्सी चालकों ने शासन और जिला प्रशासन से मांग की है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए राहत दी जाए. इसके अलावा बॉर्डर पर की गई सख्ती में ढिलाई बरती जाए, जिससे कि पर्यटक उत्तराखंड आ सकें जिससे टैक्सी कारोबारियों के साथ-साथ पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबारियों के लिए रोजी रोटी की व्यवस्था हो सके.

Last Updated : Jan 19, 2022, 12:44 PM IST
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