हल्द्वानी: पिछले साल अगस्त माह में आई भारी आपदा से नैनीताल जनपद को भारी नुकसान पहुंचा था. लैंडस्लाइड, बरसात और मलबे के चलते कई लोगों की जान भी गई थी. यहां तक कि आपदा से सिंचाई विभाग को काफी नुकसान पहुंचा था. जहां जगह-जगह नहरें और सिंचाई गूल क्षतिग्रस्त हो गए थे. लेकिन आपदा के नौ महीने बाद भी सिंचाई विभाग को बजट नहीं मिलने के चलते इन नहरों और गूलों की मरम्मत नहीं हो पायी है. इसके चलते किसानों के आगे सिंचाई संकट खड़ा हो रहा है. सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन बजट नहीं मिलने का हवाला दे रहे हैं. ऐसे में 2022 का मॉनसून सीजन अगले महीने से आने वाला है, लेकिन मॉनसून से पहले इन नहरों का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है जिसकी किसानों को चिंता सता रही है.
पिछले साल आई आपदा में सिंचाई विभाग को 20 करोड़ का नुकसान हुआ था. नैनीताल जनपद की 142 छोटी-बड़ी नहरें और सिंचाई गूल क्षतिग्रस्त हुई थी. 23 बाढ़ सुरक्षा कार्य भी क्षतिग्रस्त हुए थे. इसके चलते इन क्षेत्रों के किसानों की फसल सूखने के कगार पर है. स्थानीय लोग नहरों के पुनर्निर्माण के लिए कई बार जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बजट नहीं मिलने के चलते नहरों का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा है. पिछले साल आई आपदा के बाद भी सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन सबक नहीं ले पाया है. इस कारण काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बजट नहीं मिलने के चलते नहरों की मरम्मत नहीं हो पायी है. वहीं एक बार फिर मॉनसून सीजन सर पर है.
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इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि, पिछली बार आई आपदा से सिंचाई विभाग को काफी नुकसान पहुंचा था. क्षतिग्रस्त नहरें और गूलों के पुनर्निर्माण के लिए शासन स्तर पर बजट की डिमांड की गई है. बजट मिलते हैं कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.