देहरादून: गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किये जाने की मांग को लेकर संघर्षरत संगठनों ने आज विधानसभा कूच किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गैरसैंण अभियान कर्मी, राज्य निर्माण की शक्तियां और राज्य के लिए सड़कों पर उतरे उत्तराखंड आंदोलनकारी सभी बड़ी बेसब्री से सरकार के निर्णय की ओर टकटकी लगाए बैठें हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गैरसैंण से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं इसलिए सरकार को जल्द इस पर फैसला लेना चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने अपर नगर सचिव मायादत्त जोशी के माध्यम से स्थाई राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा.
शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विधानसभा के बाहर स्थाई राजधानी की मांग को लेकर हंगामा देखने को मिला. गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के मनोज ध्यानी ने कहा कि सरकार पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड की राजधानी पर्वतीय अंचल गैरसैंण में स्थापित करने के लिए कार्य करे. उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि सरकार गैरसैंण को स्थाई और पूर्ण कालीन राजधानी घोषित करेगी. उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी का निर्माण न होने से पर्वतीय गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं.
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प्रदर्शनकारियों ने अपर नगर सचिव मायादत्त जोशी के माध्यम से स्थाई राजधानी की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर उनका ध्यान खींचने की कोशिश की. इसमें बताया गया कि वर्तमान में जो विधानसभा भवन बना है वो विकास भवन हुआ करता था, जो रिस्पना नदी के तट पर बना हुआ है. यह भवन अतिक्रमण श्रेणी का भवन है. जिसका ध्वस्तीकरण विधि अनुसार लंबित भी है. ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राजधानी का सही आधार प्रदेश का एकमात्र निर्मित विधान मंडल भवन भराड़ीसैंण हैं.
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प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि आज तक अस्थाई राजधानी देहरादून के लिए शासनादेश निर्गत नहीं हुए हैं. प्रदर्शन करने वाले संगठनों में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, उत्तराखंड क्रांति दल, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति समेत विभिन्न संगठन शामिल रहे.