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उत्तरकाशी आपदा: आंखों के सामने सैलाब में बह गया हितेश का परिवार, पल भर में हुआ 'अनाथ' - Uttarakhand Disaster News

आपदा में अपने पूरे परिवार को खो चुके माखुड़ी गांव के हितेश ने अपनी आंखों के सामने ही पूरे परिवार को खत्म होते देखा. कुदरत के उस खौफनाक मंजर को बयां करते नम आंखों से हितेश ने अपनी आपबीती बताई.

देखते ही देखते सैलाब में बह गया हितेश का परिवार
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Published : Aug 20, 2019, 6:09 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 11:48 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी जिले में आसमान से आफत क्या बरसी, कई परिवार उजड़ गये. आसामान से बरसी आफत और पहाड़ों से लुढ़कती मौत ने न जाने कितने ही परिवारों के सपनों को लील लिया. इसके बाद भी जो बचा वो दर्द देने के सिवाय और कुछ नही दे रहा. ऐसी ही एक कहानी आपदा की मार से बचे हितेश रावत की है, जो मौत को हराकर जीवन की जंग तो जीत गया, लेकिन अपनों को खो दिया. दून अस्पताल में भर्ती हितेश की आंखों में आपदा के भयावह मंजर को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इसके साथ ही परिवार को खोने का गम हितेश की जिंदगी से लड़ने की उम्मीदों को चुनौती दे रहा है.

देखते ही देखते सैलाब में बह गया हितेश का परिवार

आपदा में अपने पूरे परिवार को खो चुके माखुड़ी गांव के हितेश ने अपनी आंखों के सामने ही पूरे परिवार को जमीदोंज होते देखा. कुदरत के उस खौफनाक मंजर को बयां करते नम आंखों से हितेश ने अपनी आपबीती सुनाई. ईटीवी भारत से बात करते हुए हितेश ने बताया कि सुबह 6:30 बजे जब वो सो कर उठे तो पिताजी ने बताया कि बाढ़ आने वाली है जल्दी यहां से निकलो. इससे पहले कि परिवार के लोग संभल पाते देखते ही देखते पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया.

पढ़ें-अल्मोड़ा: बारिश के कारण आधा दर्जन सड़कें बंद, 4 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त

हितेश ने बताया कि उनकी आंखों के सामने ही उसके बड़े पापा और दादी पानी में दूर बह गए. इसके बाद घर में बचे पांच लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में कुछ दूर चले ही थे कि उनकी बड़ी दीदी बेहोश होकर गिर गई. जब तक सभी उसकी मदद करते तब तक एक बार फिर से बाढ़ के पानी ने अपना कहर दिखाया और उनका पूरा का पूरा परिवार उसकी आंखों से ओझल हो गया.

पढ़ें-उत्तरकाशी: सीएम त्रिवेंद्र आपदा प्रभावित गांवों के दौरे पर, पीड़ितों से की मुलाकात

बता दें कि हितेश को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर उपचार के लिए देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज लाया गया है. जहां बीते पलों को याद करते हुए हितेश की पलकें अब भी गीली हो जाती हैं. कुदरत के कहर ने हितेश रावत के परिवार के पांच सदस्यों को उससे छीन लिया, जिनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है. आपदा में हितेश की बहन, दादी,चाचा, मम्मी समेत उसके पिता उससे दूर हो गये. फिलहाल विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में हितेश का इलाज चल रहा है.

देहरादून: उत्तरकाशी जिले में आसमान से आफत क्या बरसी, कई परिवार उजड़ गये. आसामान से बरसी आफत और पहाड़ों से लुढ़कती मौत ने न जाने कितने ही परिवारों के सपनों को लील लिया. इसके बाद भी जो बचा वो दर्द देने के सिवाय और कुछ नही दे रहा. ऐसी ही एक कहानी आपदा की मार से बचे हितेश रावत की है, जो मौत को हराकर जीवन की जंग तो जीत गया, लेकिन अपनों को खो दिया. दून अस्पताल में भर्ती हितेश की आंखों में आपदा के भयावह मंजर को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इसके साथ ही परिवार को खोने का गम हितेश की जिंदगी से लड़ने की उम्मीदों को चुनौती दे रहा है.

देखते ही देखते सैलाब में बह गया हितेश का परिवार

आपदा में अपने पूरे परिवार को खो चुके माखुड़ी गांव के हितेश ने अपनी आंखों के सामने ही पूरे परिवार को जमीदोंज होते देखा. कुदरत के उस खौफनाक मंजर को बयां करते नम आंखों से हितेश ने अपनी आपबीती सुनाई. ईटीवी भारत से बात करते हुए हितेश ने बताया कि सुबह 6:30 बजे जब वो सो कर उठे तो पिताजी ने बताया कि बाढ़ आने वाली है जल्दी यहां से निकलो. इससे पहले कि परिवार के लोग संभल पाते देखते ही देखते पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया.

पढ़ें-अल्मोड़ा: बारिश के कारण आधा दर्जन सड़कें बंद, 4 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त

हितेश ने बताया कि उनकी आंखों के सामने ही उसके बड़े पापा और दादी पानी में दूर बह गए. इसके बाद घर में बचे पांच लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में कुछ दूर चले ही थे कि उनकी बड़ी दीदी बेहोश होकर गिर गई. जब तक सभी उसकी मदद करते तब तक एक बार फिर से बाढ़ के पानी ने अपना कहर दिखाया और उनका पूरा का पूरा परिवार उसकी आंखों से ओझल हो गया.

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बता दें कि हितेश को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर उपचार के लिए देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज लाया गया है. जहां बीते पलों को याद करते हुए हितेश की पलकें अब भी गीली हो जाती हैं. कुदरत के कहर ने हितेश रावत के परिवार के पांच सदस्यों को उससे छीन लिया, जिनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है. आपदा में हितेश की बहन, दादी,चाचा, मम्मी समेत उसके पिता उससे दूर हो गये. फिलहाल विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में हितेश का इलाज चल रहा है.

Intro: हिमाचल से सटे हुए उत्तरकाशी जिले के आराकोट मे आई कुदरत की भारी तबाही मे घायल हुए पीड़ितों को हेलीकॉप्टर से उपचार के लिए देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज लाया गया, अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अभी कुछ और आपदा पीड़ितों को यहां लाए जाने की संभावना है। जबकि तीन आपदा पीड़ितों को बीती शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और आज दो और आपदा पीड़ित उपचार के लिए दून अस्पताल लाए गए हैं।


Body:वहीं आपदा में अपने पूरे परिवार को खो चुके बारहवीं कक्षा मे पढ़ रहे माखुड़ी गाँव के हितेश रावत ने अपने सामने पूरे परिवार को जमीदोंज होते हुए खुद अपनी आंखों से देखा, और कुदरत के उस खौफनाक मंजर को बयान करते हुए अपनी आपबीती सुनाई। हितेश रावत ने भयानक मंजर को याद करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि करीबन सवेरे 6:30 बजे जब वो सो कर उठे तो उसके पिताजी ने बताया कि बाढ़ आने वाली है जल्दी निकल चलो। इतने में कुछ संभल पाते कि देखते ही देखते पानी का सैलाब फुट पड़ा और और मेरी आंखों के सामने ही मेरे बड़े पापा और दादी को अपने आगोश में ले लिया। तभी तभी अफरातफरी के बीच हम घर के पांच लोग वहां से निकल पड़े और कुछ दूर चल कर संभल पा रहे थे कि इतने में ही मेरी दीदी बेहोश होकर गिर पड़ी और जब तक उनकी मदद के लिए बड़े फिर अचानक पानी का सैलाब दोबारा से उमड़ पड़ा। और देखते ही देखते मेरा सारा परिवार बाढ़ में समा गया, जिसमें मैं और मेरा भाई किसी तरह बच निकले।
बाईट- रितेश रावत, आपदा पीड़ित


Conclusion:गौर है कि कुदरत के कहर ने रितेश रावत के परिवार के पांच सदस्यों को उससे छीन लिया, जिनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। आपदा में रितेश की बहन, दादी,चाचा, मम्मी समेत उसके पिता को कुदरत के कहर ने उससे छीन लिया। फिलहाल विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में सभी आपदा पीड़ितों का समुचित इलाज किया जा रहा है
Last Updated : Aug 20, 2019, 11:48 PM IST
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