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शराब पीने में उत्तराखंडी आगे, जानें क्या कहते हैं यहां के लोग

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Published : Jan 11, 2020, 10:51 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 11:48 PM IST

नेशनल ड्रग डिपेंड्स ट्रीटमेंट सेंटर के सर्वे में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में 18.8 फ़ीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. सर्वे में 10 से 75 वर्ष आयु वर्ग के लोग राष्ट्रीय औसत जो कि 14.6 फ़ीसदी है से ज्यादा 18.8 फ़ीसदी शराब का सेवन कर रहे हैं.

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शराब पीने में उत्तराखंडी आगे

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आये हैं. इस सर्वे में सामने आया है कि उत्तराखंड में 18.8 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं. उत्तराखंड का ये आंकड़ा पड़ोसी राज्य हिमाचल से ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है. केंद्र सरकार की इस सर्वे रिपोर्ट पर जब ईटीवी भारत ने लोगों से बात की तो अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई. आईये आपको बताते हैं कि शराब के सेवन पर सामने आये इन आंकड़ों पर क्या कहते हैं लोग...

शराब पीने में उत्तराखंडी आगे

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर किए गए इस सर्वे को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ने किया है. नेशनल ड्रग डिपेंड्स ट्रीटमेंट सेंटर के सर्वे में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में 18.8 फ़ीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. सर्वे में 10 से 75 वर्ष आयु वर्ग के लोग राष्ट्रीय औसत जो कि 14.6 फ़ीसदी है से ज्यादा 18.8 फ़ीसदी शराब का सेवन कर रहे हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा कोकीन, भांग, सिंथेटिक ड्रग्स और सूंघने वाले नशीले पदार्थों और इंजेक्शन के जरिए भी उत्तराखंड में नशे की प्रवृत्ति में असामान्य रूप से बढ़ रही है.

पढ़ें-कन्नौज बस हादसा: मृतक के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का एलान

केंद्रीय मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 4.2% लोग शराब की लत से ग्रसित हैं. जबकि समान भौगोलिक और सामाजिक परिवेश वाले हिमाचल प्रदेश में ये आंकड़ा 1.7 फ़ीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर तरह के नशे की मौजूदगी है.

कुछ इस तरह से हैं आंकड़े

नशे का प्रकार उत्तराखंड हिमाचल राष्ट्रीय औसत
शराब 18.8% 8.9% 14.6%
कोकिन 0.02% 0.04% 0.10%
भांग 3.38% 3.18% 2.83%
सिंथेटिक ड्रग्स 2.58% 5.66% 2.06%
सूंघने वाला नशा 1.00% 3.38% 0.70%

उत्तराखंड में शराब के प्रति इस हैरतंगेज दीवानगी को लेकर जब हमने लोगों से बातचीत की तो लोगों की भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सुनने को मिलीं. देहरादून के रहने वाले भूपेंद्र सिंह ने कहा उत्तराखंड में बढ़ रहे शराब के चलन के पीछे यहां का क्लाइमेट जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि ठंडा राज्य होने की वजह से उत्तराखंड में ज्यादा शराब पी जाती है. वहीं दीपक खन्ना ने तर्क दिया कि उत्तराखंड एक पर्यटक राज्य है और यहां देश-विदेश से लोग घूमने और आनंद लेने के लिए आते हैं. जिसके कारण यहां शराब की खपत ज्यादा है.

पढ़ें-उत्तराखंड: देश का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां मिलती है राहु दोष से मुक्ति, बस करने होते हैं ये उपाय

इसके अलावा केएस राणा ने प्रदेश में बेरोजगारी को शराब के सेवन का कारण बताया. उन्होंने कहा काम नहीं होने की वजह से लोग शराब पी रहे हैं. राणा ने कहा सरकार को चाहिए कि युवाओं के रुझान को उनके भविष्य और रचनात्मक दिशा में डायवर्ट करें, नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा जब प्रदेश का युवा पूरी तरह से शराब में डूब जाएगा.

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आये हैं. इस सर्वे में सामने आया है कि उत्तराखंड में 18.8 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं. उत्तराखंड का ये आंकड़ा पड़ोसी राज्य हिमाचल से ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है. केंद्र सरकार की इस सर्वे रिपोर्ट पर जब ईटीवी भारत ने लोगों से बात की तो अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई. आईये आपको बताते हैं कि शराब के सेवन पर सामने आये इन आंकड़ों पर क्या कहते हैं लोग...

शराब पीने में उत्तराखंडी आगे

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर किए गए इस सर्वे को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ने किया है. नेशनल ड्रग डिपेंड्स ट्रीटमेंट सेंटर के सर्वे में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में 18.8 फ़ीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. सर्वे में 10 से 75 वर्ष आयु वर्ग के लोग राष्ट्रीय औसत जो कि 14.6 फ़ीसदी है से ज्यादा 18.8 फ़ीसदी शराब का सेवन कर रहे हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा कोकीन, भांग, सिंथेटिक ड्रग्स और सूंघने वाले नशीले पदार्थों और इंजेक्शन के जरिए भी उत्तराखंड में नशे की प्रवृत्ति में असामान्य रूप से बढ़ रही है.

पढ़ें-कन्नौज बस हादसा: मृतक के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का एलान

केंद्रीय मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 4.2% लोग शराब की लत से ग्रसित हैं. जबकि समान भौगोलिक और सामाजिक परिवेश वाले हिमाचल प्रदेश में ये आंकड़ा 1.7 फ़ीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर तरह के नशे की मौजूदगी है.

कुछ इस तरह से हैं आंकड़े

नशे का प्रकार उत्तराखंड हिमाचल राष्ट्रीय औसत
शराब 18.8% 8.9% 14.6%
कोकिन 0.02% 0.04% 0.10%
भांग 3.38% 3.18% 2.83%
सिंथेटिक ड्रग्स 2.58% 5.66% 2.06%
सूंघने वाला नशा 1.00% 3.38% 0.70%

उत्तराखंड में शराब के प्रति इस हैरतंगेज दीवानगी को लेकर जब हमने लोगों से बातचीत की तो लोगों की भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सुनने को मिलीं. देहरादून के रहने वाले भूपेंद्र सिंह ने कहा उत्तराखंड में बढ़ रहे शराब के चलन के पीछे यहां का क्लाइमेट जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि ठंडा राज्य होने की वजह से उत्तराखंड में ज्यादा शराब पी जाती है. वहीं दीपक खन्ना ने तर्क दिया कि उत्तराखंड एक पर्यटक राज्य है और यहां देश-विदेश से लोग घूमने और आनंद लेने के लिए आते हैं. जिसके कारण यहां शराब की खपत ज्यादा है.

पढ़ें-उत्तराखंड: देश का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां मिलती है राहु दोष से मुक्ति, बस करने होते हैं ये उपाय

इसके अलावा केएस राणा ने प्रदेश में बेरोजगारी को शराब के सेवन का कारण बताया. उन्होंने कहा काम नहीं होने की वजह से लोग शराब पी रहे हैं. राणा ने कहा सरकार को चाहिए कि युवाओं के रुझान को उनके भविष्य और रचनात्मक दिशा में डायवर्ट करें, नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा जब प्रदेश का युवा पूरी तरह से शराब में डूब जाएगा.

Intro:Note- इस ख़बर की फीड FTP से (public_on_alcohol_consumption_in_uttarakhand_pkg_7205800) नाम से भेजी गई है। ख़बर में ओपनिंग और क्लोसिंग PTC और तीन बाइट हैं। (Special Story)

एंकर- सीधा और सरल भाषा में कहा जाए तो उत्तराखंड में शराबियों की संख्या बढ़ रही है। ये खुलासा केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सैंपल सर्वे में सामने आया है। उत्तराखंड में लोग अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल से ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा शराब पी रहे हैं। सर्वे की इस रिपोर्ट पर क्या है उत्तराखंड के लोगों की अजीबोगरीब प्रतिक्रियाएं आइये आपको बताते हैं।


Body:वीओ- केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर किए गए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स नई दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंड्स ट्रीटमेंट सेंटर के सैंपल सर्वे में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में 18.8 फ़ीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं।

इस सर्वे में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में 10 से 75 वर्ष आयु वर्ग के लोग राष्ट्रीय औसत जो कि 14.6 फ़ीसदी है से ज्यादा 18.8 फ़ीसदी शराब का सेवन कर रहे हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा कोकीन, भांग, सिंथेटिक ड्रग्स, और सूंघने वाले नशीले पदार्थों और इंजेक्शन के जरिए भी उत्तराखंड में नशे की प्रवृत्ति में असामान्य रूप से बढ़ावा देखने को मिला है।

केंद्रीय मंत्रालय मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 4.2% लोग शराब की लत से ग्रस्त हैं जबकि सामान भौगोलिक और सामाजिक परिवेश वाले हिमाचल प्रदेश में आंकड़ा 1.7 फ़ीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर तरह के नशे की मौजूदगी है। हालांकि अन्य प्रकार के सेवन शराब के सेवन की तुलना में कम है लेकिन यह चिंता का बड़ा विषय है।

कुछ इस तरह से हैं आंकड़े--

नशे का प्रकार उत्तराखंड हिमाचल राष्ट्रीय औसत

शराब 18.8% 8.9% 14.6%
कुकिंग 0.02% 0.04% 0.10%
भांग 3.38% 3.18% 2.83%
सिंथेटिक ड्रग्स 2.58% 5.66% 2.06%
सुनने वाला नशा 1.00% 3.38% 0.70%

उत्तराखंड में शराब के प्रति इस हैरतअंगेज दीवानगी को लेकर जब हमने लोगों से बातचीत की तो लोगों की भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सुनने को मिली। देहरादून के रहने वाले भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में बढ़ रहे इस शराब के चलन के पीछे यहां का क्लाइमेट है। उन्होंने कहा कि ठंडा राज्य होने की वजह से उत्तराखंड में शराब ज्यादा पी जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों को ठंड ज्यादा लगती है इसलिए लोग शराब ज्यादा पी रहे हैं।

उत्तराखंड के एक और निवासी दीपक खन्ना ने तर्क दिया कि उत्तराखंड एक पर्यटक राज्य है और यहां देश-विदेश से लोग घूमने के लिए और एंजॉयमेंट के लिए आते हैं और यहां पर आकर शराब का आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है लोग अगर एंजॉयमेंट के लिए अपने घर से यहां पर आए हैं तो वह यहां शराब भी पिएंगे और यही वजह है कि उत्तराखंड में शराब की खपत को लेकर यह आंकड़ा काफी ज्यादा है।

इसके अलावा उत्तराखंड के निवासी के एस राणा ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी ज्यादा है जिसकी वजह से लोग काम नहीं कर रहे हैं बल्कि शराब पी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारा युवा नशे की आगोश में है। स्थानीय के.एस. राणा का कहना है कि सरकार को चाहिए कि युवाओं के रुझान को उनके भविष्य और रचनात्मक दिशा में डाइवर्ट करें नहीं तो प्रदेश में शराब की खपत ऐसे ही बढ़ती जाएगी और प्रदेश का युवा शराब के नशे में डूबता जाएगा।

(ओपनिंग पीटीसी)
(क्लोजिंग पीटीसी)
(बाइट-भूपेंद्र सिंह,स्थानीय)
(बाइट-दीपक खन्ना,स्थानीय)
(बाइट-के.एस. राणा, स्थानीय)


Conclusion:
Last Updated : Jan 11, 2020, 11:48 PM IST
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