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उत्तराखंड BJP को झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बेटे संग की 'घर वापसी' - Uttarakhand Politics News

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है. यशपाल आर्य ने बेटे के साथ कांग्रेस ज्वाइन की है. यशपाल आर्य 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए थे. उनके साथ तब कांग्रेस के 9 विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए थे.

Yashpal Arya
कांग्रेस ज्वाइन
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Published : Oct 11, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Oct 11, 2021, 2:42 PM IST

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर हुआ है. बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पार्टी छोड़ दी है. आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व पूर्व सीएम हरीश रावत की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस करके विधिवत इसकी घोषणा की गई. इसके बाद सभी राहुल गांधी से मिले. इस दौरान यशपाल ने राहुल गांधी को एक पौधा भेंट दिया. 2022 चुनाव से ठीक पहले यशपाल आर्य की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. वहीं, यशपाल आर्य की घर वापसी पर उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने अतिशबाजी की और मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया.

साल 2016 में शैला रानी, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन, कुंवर प्रणव चैंपियन, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा, और उमेश शर्मा काऊ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. तब बीजेपी ने यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव को प्रत्याशी भी बनाया था, दोनों ने जीत भी दर्ज की थी. इसके बाद बीजेपी सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया. अब 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर राज्य में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं.

यशपाल की ज्वाइनिंग में मौजूद थे हरीश रावत, गोदियाल: यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और हरीश रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कराई. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इन दोनों की कांग्रेस ज्वाइन करने की घोषणा की. यशपाल आर्य उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री थे. उनके पास समाज कल्याण और परिवहन जैसे भारी-भरकम विभाग थे.

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बेटे के साथ ज्वाइन की कांग्रेस.

बदली परिस्थितियों में आर्य ने भी बदला पाला: ठीक चुनाव से पहले यशपाल आर्य ने बीजेपी छोड़ दी है. ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण मैदानी इलाकों में स्थितियां बदली हैं. यशपाल आर्य बाजपुर से विधायक हैं. बाजपुर ऊधमसिंह नगर जिले की विधानसभा सीट है. ये सीट मैदानी इलाके में आती है. इन इलाकों में किसान आंदोलन का ज्यादा असर है. शायद यशपाल आर्य तो लगा हो कि बीजेपी में रहते 2022 में विधानसभा पहुंचना मुश्किल होगा. जानकार उनके दल-बदल को इसका बड़ा कारण मान रहे हैं.

सीएम धामी ने भी मनाने की कवायद की थी: दरअसल यशपाल आर्य की नाराजगी की लंबे समय से चर्चा थी. लेकिन आर्य इस पर कुछ बोल नहीं रहे थे. पिछले दिनों बड़ी मुश्किल से उन्होंने इतना कहा था कि चुप्पी का मतलब नाराजगी ही नहीं होता. लेकिन बीजेपी हाईकमान तक उनकी नाराजगी की बात पहुंची होगी. इसीलिए 25 सितंबर को अचानक मुख्यमंत्री धामी यशपाल आर्य के घर पहुंच गए थे. सीएम धामी की इस मुलाकात को मान-मनौव्वल की कवायद के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन उससे भी बात नहीं बनी. आखिरकार आज यशपाल आर्य बीजेपी से वापस कांग्रेस में चले गए हैं.

पढ़ें- CM धामी की पीठ थपथपाने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- खनन को संरक्षण दे रही मोदी सरकार

बता दें कि यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं. यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं. वो पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.

हरीश रावत ने किया स्वागत: इस मौके पर कांग्रेस महासचिव व राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत ने यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत किया. हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी में भी यशपाल आर्य के पास महत्वपूर्ण विभाग रहे. संजीव आर्य ने भी अपनी अलग पहचान बनाई है. दोनों का कांग्रेस का फिर से स्वागत है.

सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं यशपाल आर्य: 69 वर्षीय यशपाल आर्य मौजूदा समय में उत्तराखंड की सियासत में सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं. उनका वापस कांग्रेस में आना बीजेपी के लिए बड़ा झटका लगा है. न सिर्फ कुमाऊं बल्कि गढ़वाल में भी दलित वोटर्स के बीच आर्य का अच्छा खासा दबदबा माना जाता है.

  • साल 1989 में यशपाल आर्य पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 1993 से 1996 के बीच भी वो उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे.
  • उत्तराखंड बनने पर साल 2002 के आम चुनाव में उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 2007 के चुनाव में फिर चुनाव जीते.
  • कांग्रेस सरकार में साल 2002 से 2007 के बीच यशपाल आर्य विधानसभा अध्यक्ष भी रहे.
  • पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
  • यशपाल आर्य बाजपुर से और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं.
  • वर्तमान में उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं और उनके पास परिवहन समाज कल्याण अल्पसंख्यक निर्वाचन अधिकारी समेत छह विभाग हैं.

उत्तराखंड में जारी है दल-बदल: उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले दल-बदल का खेल जारी है. जिसे जहां उम्मीद दिख रही है वो उधर जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस के पुरोला से विधायक राजकुमार बीजेपी में शामिल हुए थे. उनसे पहले टिहरी की धनौल्टी सीट से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार बीजेपी में शामिल हो चुके है. शनिवार को ही निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

बीजेपी के बाद अब कांग्रेस की बारी: अब कांग्रेस बीजेपी में सेंध लगा रही है. कांग्रेस ने बीजेपी के कैबिनेट मंत्री पद का विकेट उखाड़ दिया है. यशपाल आर्य अब कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं. ऐसी चर्चा जोरों पर है कि अभी 9 बागियों में से अनेक घर वापसी कर सकते हैं.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न: यशपाल आर्य की घर वापसी से उत्तराखंड कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में काफी उत्साह देखने को मिला. ऐसे में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पहुंचकर जमकर आतिशबाजी की. साथ ही मिष्ठान खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा किया.

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर हुआ है. बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पार्टी छोड़ दी है. आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व पूर्व सीएम हरीश रावत की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस करके विधिवत इसकी घोषणा की गई. इसके बाद सभी राहुल गांधी से मिले. इस दौरान यशपाल ने राहुल गांधी को एक पौधा भेंट दिया. 2022 चुनाव से ठीक पहले यशपाल आर्य की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. वहीं, यशपाल आर्य की घर वापसी पर उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने अतिशबाजी की और मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया.

साल 2016 में शैला रानी, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन, कुंवर प्रणव चैंपियन, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा, और उमेश शर्मा काऊ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. तब बीजेपी ने यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव को प्रत्याशी भी बनाया था, दोनों ने जीत भी दर्ज की थी. इसके बाद बीजेपी सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया. अब 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर राज्य में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं.

यशपाल की ज्वाइनिंग में मौजूद थे हरीश रावत, गोदियाल: यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और हरीश रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कराई. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इन दोनों की कांग्रेस ज्वाइन करने की घोषणा की. यशपाल आर्य उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री थे. उनके पास समाज कल्याण और परिवहन जैसे भारी-भरकम विभाग थे.

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बेटे के साथ ज्वाइन की कांग्रेस.

बदली परिस्थितियों में आर्य ने भी बदला पाला: ठीक चुनाव से पहले यशपाल आर्य ने बीजेपी छोड़ दी है. ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण मैदानी इलाकों में स्थितियां बदली हैं. यशपाल आर्य बाजपुर से विधायक हैं. बाजपुर ऊधमसिंह नगर जिले की विधानसभा सीट है. ये सीट मैदानी इलाके में आती है. इन इलाकों में किसान आंदोलन का ज्यादा असर है. शायद यशपाल आर्य तो लगा हो कि बीजेपी में रहते 2022 में विधानसभा पहुंचना मुश्किल होगा. जानकार उनके दल-बदल को इसका बड़ा कारण मान रहे हैं.

सीएम धामी ने भी मनाने की कवायद की थी: दरअसल यशपाल आर्य की नाराजगी की लंबे समय से चर्चा थी. लेकिन आर्य इस पर कुछ बोल नहीं रहे थे. पिछले दिनों बड़ी मुश्किल से उन्होंने इतना कहा था कि चुप्पी का मतलब नाराजगी ही नहीं होता. लेकिन बीजेपी हाईकमान तक उनकी नाराजगी की बात पहुंची होगी. इसीलिए 25 सितंबर को अचानक मुख्यमंत्री धामी यशपाल आर्य के घर पहुंच गए थे. सीएम धामी की इस मुलाकात को मान-मनौव्वल की कवायद के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन उससे भी बात नहीं बनी. आखिरकार आज यशपाल आर्य बीजेपी से वापस कांग्रेस में चले गए हैं.

पढ़ें- CM धामी की पीठ थपथपाने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- खनन को संरक्षण दे रही मोदी सरकार

बता दें कि यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं. यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं. वो पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न.

हरीश रावत ने किया स्वागत: इस मौके पर कांग्रेस महासचिव व राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत ने यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत किया. हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी में भी यशपाल आर्य के पास महत्वपूर्ण विभाग रहे. संजीव आर्य ने भी अपनी अलग पहचान बनाई है. दोनों का कांग्रेस का फिर से स्वागत है.

सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं यशपाल आर्य: 69 वर्षीय यशपाल आर्य मौजूदा समय में उत्तराखंड की सियासत में सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं. उनका वापस कांग्रेस में आना बीजेपी के लिए बड़ा झटका लगा है. न सिर्फ कुमाऊं बल्कि गढ़वाल में भी दलित वोटर्स के बीच आर्य का अच्छा खासा दबदबा माना जाता है.

  • साल 1989 में यशपाल आर्य पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 1993 से 1996 के बीच भी वो उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे.
  • उत्तराखंड बनने पर साल 2002 के आम चुनाव में उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 2007 के चुनाव में फिर चुनाव जीते.
  • कांग्रेस सरकार में साल 2002 से 2007 के बीच यशपाल आर्य विधानसभा अध्यक्ष भी रहे.
  • पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
  • यशपाल आर्य बाजपुर से और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं.
  • वर्तमान में उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं और उनके पास परिवहन समाज कल्याण अल्पसंख्यक निर्वाचन अधिकारी समेत छह विभाग हैं.

उत्तराखंड में जारी है दल-बदल: उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले दल-बदल का खेल जारी है. जिसे जहां उम्मीद दिख रही है वो उधर जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस के पुरोला से विधायक राजकुमार बीजेपी में शामिल हुए थे. उनसे पहले टिहरी की धनौल्टी सीट से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार बीजेपी में शामिल हो चुके है. शनिवार को ही निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

बीजेपी के बाद अब कांग्रेस की बारी: अब कांग्रेस बीजेपी में सेंध लगा रही है. कांग्रेस ने बीजेपी के कैबिनेट मंत्री पद का विकेट उखाड़ दिया है. यशपाल आर्य अब कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं. ऐसी चर्चा जोरों पर है कि अभी 9 बागियों में से अनेक घर वापसी कर सकते हैं.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न: यशपाल आर्य की घर वापसी से उत्तराखंड कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में काफी उत्साह देखने को मिला. ऐसे में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पहुंचकर जमकर आतिशबाजी की. साथ ही मिष्ठान खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा किया.

Last Updated : Oct 11, 2021, 2:42 PM IST
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