देहरादून: उत्तराखंड में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी को अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने दूसरी बार टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया है. खास बात यह है कि केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के अनुसार आपात स्थिति में साल में दो बार भी बिजली के दामों को बढ़ाए जाने का प्रावधान है. आयोग को फिलहाल मौजूदा स्थिति आपात जैसी ही लगती है. ऐसे में जल्द राज्य में बिजली के दाम बढ़ सकते हैं.
यूपीसीएल ने बोर्ड में नया प्रस्ताव पास किया: उत्तराखंड में बिजली के दामों को लेकर यूपीसीएल ने बोर्ड में नया प्रस्ताव पास कर दिया है. इसके तहत अब निगम ने जल्द बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी की मांग की है. इसके लिए यूपीसीएल ने बोर्ड से प्रस्ताव पास कर लिया है. जल्द ही यह प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग भी पहुंच जाएगा. वैसे आपको बता दें कि विद्युत नियामक आयोग में अब तक बिजली के बढ़े हुए दामों से जुड़ी याचिका नहीं आई है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही याचिका मिलने के बाद आयोग बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर विचार शुरू करेगा.
आपात स्थिति में साल में दो बार बढ़ सकते हैं बिजली के दाम: हालांकि बिजली के दामों को बढ़ाने से पहले आयोग की तरफ से एक प्रक्रिया चलाई जाती है, जिसमें करीब 4 महीने का वक्त लगता है. इस मामले पर विद्युत नियामक आयोग के सदस्य विधि डीपी गैरोला बताते हैं कि एक्ट में प्रावधान है कि यदि आपात स्थिति हो तो साल में दो बार भी बिजली के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. वैसे अभी 1 महीने पहले ही बिजली के दामों में करीब 2.68% की बढ़ोत्तरी हुई थी. अब एक महीने बाद ही आयोग से दोबारा बिजली के दाम बढ़ाने की पेशकश की गई है.
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यूपीसीएल ने की 12 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग: दरअसल यूपीसीएल की तरफ से बिजली के दाम में करीब 12% की बढ़ोत्तरी की मांग की गई है और प्रस्ताव भी पास किया गया है. अब इस मामले पर विद्युत नियामक आयोग की तरफ से अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उसके बाद दोबारा से बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. यदि यूपीसीएल द्वारा प्रस्तावित दामों पर बढ़ोत्तरी की गई तो करीब 70 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी हो सकती है.
इसी साल पहली अप्रैल को बढ़ी थी दर: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विद्युत दरों का नया टैरिफ एक अप्रैल को जारी किया था. बीपीएल और 100 यूनिट तक वाले करीब 11 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 2019 के बाद इस साल अप्रैल में बढ़ोत्तरी की गई थी. हालांकि आयोग ने इस बार फिक्स चार्ज का पैटर्न बदल दिया था, जिससे बिजली बिल में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की बात कही गई थी.
तब 10.18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था: नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने अप्रैल में नई विद्युत दरों का टैरिफ जारी किया था. उन्होंने बताया था कि इस साल 10.18 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव आया था, लेकिन आयोग ने 2.68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की. उन्होंने बताया था कि प्रदेश के करीब चार लाख बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में चार पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की गई. इसी प्रकार, 0-100 यूनिट वाले करीब 11.43 लाख उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 10 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की गई थी.
अभी इतने हैं बिजली के रेट: 100 यूनिट तक उपभोक्ताओं को 2.90 रुपए प्रति यूनिट बिल देना पड़ता है. 101 से 200 यूनिट ग्राहकों को 4.20 रुपए प्रति यूनिट बिल चुकाना पड़ता है. 201 से 400 यूनिट उपभोक्ताओं को 5.80 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होता है. 400 से अधिक यूनिट पर 6.55 रुपए का बिल चुकाना पड़ता है. अगर व्यावसायिक बिल की बात करें तो ऐसे उपभोक्ताओं को 06.83 रुपए प्रति यूनिट बिल देना होता है.