देहरादून: सत्ता से हटाए गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगता है अब अपनी छवि सुधारने की कोशिश में लगे हुए हैं. सीएम की कुर्सी से हटने के बाद कभी उन्हें समर्थकों के बीच में भावुक होकर रोता हुआ देखा गया, तो कभी भरी सभा में अपने पक्ष में कुछ अनकही बातें कहते हुए सुना गया. महामारी के इस दौर में प्रदेश में सबसे पहले अपनी विधायक निधि से एक करोड़ देने वाले विधायक भी त्रिवेंद्र ही बने. त्रिवेंद्र लगातार ऐसा प्रयास कर रहे हैं कि जनता का ध्यान एक बार फिर से उनकी तरफ हो सके. आज भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया.
दरअसल, देहरादून के जिला अस्पताल कोरोनेशन में दवाइयां अधिक आ जाने की वजह से उनको रखने के लिए फ्रिज की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से नहीं हो पाई. त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक डॉक्टर द्वारा वहां के इन हालात का पता चला. पहले तो उन्होंने बाजार में डीप फ्रिज के बारे में जानकारी जुटाई. लेकिन कर्फ्यू की वजह से बाजार पूरी तरह से बंद था. ऐसे में तुरंत त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने घर का ही फ्रिज अस्पताल में पहुंचा दिया. जिसके बाद वहां के डॉक्टरों ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत का धन्यवाद किया है.
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इसमें कोई दो राय नहीं है कि मौजूदा महामारी में जो व्यक्ति व्यक्तियों के काम आ रहा है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. लेकिन नेताओं द्वारा जब इस तरह के कार्य किए जाते हैं, तो आम जनता यह सोचने पर मजबूर हो जाती है कि जब नेताजी पदों पर होते हैं तो इतनी बारीक कमियों को भला वो कहां सोच पाते हैं.